मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तलवार दंपति के खिलाफ सीबीआई की अपील को मंजूर कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राजेश तलवार और नूपुर तलवार के खिलाफ नोटिस जारी किया है. हालांकि में इस मामले की सुनवाई अगले दो साल तक नहीं होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तलवार दंपति के यहां काम कर रहे हेमराज की पत्नी की अपील के साथ ही सीबीआई की अपील सुनी जाएगी. बता दें कि मई 2008 में नोएडा के एक अपार्टमेंट में आरुषि के साथ हेमराज की भी हत्या कर दी गई थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में राजेश और नुपुर तलवार को अपनी बेटी आरुषि तलवार की हत्या के मामले में बरी कर दिया था.
अक्टूबर 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस केस में नपुर और राजेश तलवार को बड़ी राहत दी थी. सीबीआई कोर्ट द्वारा दी गई उम्रकैद की सजा के खिलाफ दायर पिटीशन पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया था. कोर्ट से उन्हें संदेह का फायदा (Benefit of Doubt) मिला था. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने 273 पेज के फैसले में कहा था कि गलत विश्लेषण के जरिए निचली अदालत पहले से ही मान बैठा था कि नपुर और राजेश तलवार ने ही इस घटना को अंजाम दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि तलवार दंपति पर लगाए गए आरोपों के बदले सीबीआई कोई भी सबूत पेश नहीं कर पाई.
गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने इस मर्डर मिस्ट्री में 26 नवंबर 2013 को आरुषि के माता-पिता को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इस फैसले को तलवार दंपति ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. चार साल सजा काटने के बाद दोनों बरी हो गए.
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FIRST PUBLISHED : August 10, 2018, 12:39 IST