नई दिल्ली. विवादों में रहने वाले गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने अटॉर्नी जनरल (Attorney General) ने सहमति दी है. उन्होंने माना है कि यति नरसिंहानंद के द्वारा दिए गए बयान निश्चित रूप से भारत के सर्वोच्च न्यायालय ( Supreme Court) की अवमानना है. इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ भी उन्होंने अभद्र टिप्पणी की थी जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस नरसिंहानंद को गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह हिरासत में हैं.
अटॉर्नी जनरल ने कार्यकर्ता शची नेल्ली के उस पत्र के जवाब में सहमति दी है जिसमें 14 जनवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर वायरल हुए एक साक्षात्कार में यति नरसिंहानंद के बयानों के लिए उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी.
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अटॉर्नी जनरल के अनुसार यति नरसिंहानंद द्वारा दिए गए बयान निश्चित रूप से भारत के सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है. हरिद्वार धर्म संसद में कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी भड़काऊ भाषण दिया था.
विवादों में रहने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती का असली नाम दीपक त्यागी है. वो यूपी के मेरठ जिले के रहने वाले हैं. हापुड़ के चौधरी ताराचंद इंटर कॉलेज से अपनी पढ़ाई करने वाले नरसिंहानंद दावा करते हैं कि 1989 में केमिकल टेक्नोलॉजी की डिग्री हासिल करने के लिए वो मॉस्को गए थे. नरसिंहानंद बताते हैं कि 1994 में उन्होंने डिग्री हासिल की और 1997 में भारत लौटने से पहले तक वो मॉस्को में ही इंजीनियर के तौर पर नौकरी करते रहे. 1997 में अपनी मां के बीमार पड़ने की वजह से वो भारत लौट आए, लेकिन नरसिंहानंद का कहना है कि उनका छोटा भाई अभी भी मॉस्को में ही है.
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