महाराष्ट्रः पवार के देशमुख का बचाव करने पर फड़नवीस का आरोप, मुद्दे को भटका रहे

देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा कि पवार के दावों के उलट अनिल देशमुख उस समय सार्वजनिक रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. फाइल फोटो
Maharashtra: फड़नवीस ने ट्वीट कर कहा, "शरद पवार कहते हैं कि 15 से 27 फरवरी के बीच गृहमंत्री अनिल देशमुख घर पर पृथकवास में थे. लेकिन वास्तव में वे अपने सिक्योरिटी गॉर्ड्स के साथ मीडिया संग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे!"
- News18Hindi
- Last Updated: March 22, 2021, 7:00 PM IST
मुंबई. महाराष्ट्र में बीजेपी लगातार गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ घेरेबंदी को कसती जा रही है, अब एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis) ने पलटवार करते हुए एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) के दावों पर पलटवार किया है. दरअसल पवार ने कहा था कि फरवरी में अनिल देशमुख कोरोना संक्रमण के चलते अस्पताल में थे और गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के साथ उनकी मुलाकात का कोई प्रश्न नहीं उठता है. इसके बाद देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा कि पवार के दावों के उलट अनिल देशमुख उस समय सार्वजनिक रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर वसूली का आरोप लगाया था.
मुद्दे को भटकाने का आरोप
फड़नवीस ने ट्वीट कर कहा, "शरद पवार कहते हैं कि 15 से 27 फरवरी के बीच गृहमंत्री अनिल देशमुख घर पर पृथकवास में थे. लेकिन वास्तव में वे अपने सिक्योरिटी गॉर्ड्स के साथ मीडिया संग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे!" फड़नवीस ने अपने ट्वीट के साथ देशमुख के ट्वीटर हैंडल का एक वीडियो भी साझा किया. एक अन्य ट्वीट में देवेन्द्र फड़नवीस ने शरद पवार पर मुद्दों को भटकाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि शरद पवार को परमबीर सिंह के पत्र के मामले में सही तरह से जानकारी नहीं दी गई है. इस पत्र में, एसएमएस से पता चलता है कि मीटिंग की तारीख फरवरी के आखिर में थी, अब बताइए मुद्दे को डायवर्ट कौन कर रहा है."
शरद पवार का दावाबता दें कि शरद पवार ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री के खिलाफ मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों का जो समय बताया है, उस समय अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे और इसलिए उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता. पवार ने दिल्ली में कहा, ‘‘हमें सूचना मिली है कि देशमुख उस समय नागपुर में अस्पताल में भर्ती थे. आरोप (सिंह के) उसी समय से संबंधित हैं, जब वह (देशमुख) अस्पताल में भर्ती थे. अस्पताल का प्रमाणपत्र भी है.’’ महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा देने वाले मुद्दे पर कुछ दिन के भीतर पवार की यह दूसरी मीडिया ब्रीफिंग है.
100 करोड़ की वसूली का आरोप
सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे आठ पन्नों के एक पत्र में शनिवार को दावा किया था कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करें. उन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख ने मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाजे को फरवरी में आवास पर बुलाया था और उससे हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था. देशमुख ने उसी दिन आरोपों से इनकार किया था.
देशमुख के इस्तीफे की मांग
पवार ने कहा कि देशमुख कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पांच से पंद्रह फरवरी तक नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती थे और उसके बाद 27 फरवरी तक वह पृथक वास में रह रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘सभी (राज्य) सरकारी रिकॉर्ड भी यही कहते हैं कि वह (देशमुख) तीन सप्ताह तक मुंबई में नहीं थे. वह नागपुर में थे जो उनका गृहनगर है. इसलिए इस तरह की स्थिति में सवाल (इस्तीफे का) ही नहीं उठता.’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा की इस मांग में कोई तुक नहीं है कि आरोपों की जांच होने तक देशमुख को इस्तीफा दे देना चाहिए.
'सही जा रही बंबई एटीएस'
सिंह के पत्र का जिक्र करते हुए पवार ने आश्चर्य जताया कि यदि आईपीएस अधिकारी को यह पता था कि देशमुख ने फरवरी के मध्य के आसपास वाजे को बुला कर उससे धन एकत्र करने को कहा था तो उन्होंने आरोप लगाने में एक महीने का इंतजार क्यों किया. पवार ने कहा कि एटीएस ने कारोबारी मनसुख हिरन की मौत के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. उल्लेखनीय है कि विस्फोटक सामग्री वाली कार हिरन से संबंधित थी. राकांपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुख्य मामला यह था और मेरा मानना है कि बंबई एटीएस सही दिशा में जा रही है.’’
'जांच करा सकते हैं उद्धव'
उन्होंने कहा, ‘‘देशमुख के अस्पताल में भर्ती होने के बारे में मेरे पास कल सूचना नहीं थी, इसलिए मैंने कहा था कि यह (सिंह का दावा) एक गंभीर मुद्दा है. लेकिन नागपुर अस्पताल से सूचना मिलने के बाद आज यह पूरी तरह स्पष्ट है कि देशमुख के खिलाफ आरोप सही नहीं है.’’यह पूछे जाने पर कि क्या सिंह के आरोप की जांच होनी चाहिए, पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यदि चाहें तो वह किसी भी अधिकारी या मंत्री की जांच करा सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार और मुख्यमंत्री अंतिम प्राधिकार हैं तथा उन्हें किसी भी अधिकारी या मंत्री की जांच कराने का अधिकार है. हमें कोई आपत्ति नहीं है. हम उस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करेंगे.’’ उधर, भाजपा ने ट्विटर पर वीडियो जारी कर कहा कि देशमुख ने 15 फरवरी को संवाददाता सम्मेलन किया था. पवार ने इस बारे में कहा, ‘‘मैंने यह कहा कि मेरे पास दस्तावेज हैं कि वह (देशमुख) उस समय अस्पताल में भर्ती थे.’’

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से वंचित बहुजन अघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर के मुलाकात करने और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने के मुद्दे पर पवार ने कहा कि उन्होंने इस बारे में संज्ञान लिया है कि उनके पीछे कौन लोग हैं.
मुद्दे को भटकाने का आरोप
फड़नवीस ने ट्वीट कर कहा, "शरद पवार कहते हैं कि 15 से 27 फरवरी के बीच गृहमंत्री अनिल देशमुख घर पर पृथकवास में थे. लेकिन वास्तव में वे अपने सिक्योरिटी गॉर्ड्स के साथ मीडिया संग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे!" फड़नवीस ने अपने ट्वीट के साथ देशमुख के ट्वीटर हैंडल का एक वीडियो भी साझा किया. एक अन्य ट्वीट में देवेन्द्र फड़नवीस ने शरद पवार पर मुद्दों को भटकाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि शरद पवार को परमबीर सिंह के पत्र के मामले में सही तरह से जानकारी नहीं दी गई है. इस पत्र में, एसएमएस से पता चलता है कि मीटिंग की तारीख फरवरी के आखिर में थी, अब बताइए मुद्दे को डायवर्ट कौन कर रहा है."
शरद पवार का दावाबता दें कि शरद पवार ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री के खिलाफ मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों का जो समय बताया है, उस समय अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे और इसलिए उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता. पवार ने दिल्ली में कहा, ‘‘हमें सूचना मिली है कि देशमुख उस समय नागपुर में अस्पताल में भर्ती थे. आरोप (सिंह के) उसी समय से संबंधित हैं, जब वह (देशमुख) अस्पताल में भर्ती थे. अस्पताल का प्रमाणपत्र भी है.’’ महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा देने वाले मुद्दे पर कुछ दिन के भीतर पवार की यह दूसरी मीडिया ब्रीफिंग है.
100 करोड़ की वसूली का आरोप
सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे आठ पन्नों के एक पत्र में शनिवार को दावा किया था कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करें. उन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख ने मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाजे को फरवरी में आवास पर बुलाया था और उससे हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था. देशमुख ने उसी दिन आरोपों से इनकार किया था.
देशमुख के इस्तीफे की मांग
पवार ने कहा कि देशमुख कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पांच से पंद्रह फरवरी तक नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती थे और उसके बाद 27 फरवरी तक वह पृथक वास में रह रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘सभी (राज्य) सरकारी रिकॉर्ड भी यही कहते हैं कि वह (देशमुख) तीन सप्ताह तक मुंबई में नहीं थे. वह नागपुर में थे जो उनका गृहनगर है. इसलिए इस तरह की स्थिति में सवाल (इस्तीफे का) ही नहीं उठता.’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा की इस मांग में कोई तुक नहीं है कि आरोपों की जांच होने तक देशमुख को इस्तीफा दे देना चाहिए.
'सही जा रही बंबई एटीएस'
सिंह के पत्र का जिक्र करते हुए पवार ने आश्चर्य जताया कि यदि आईपीएस अधिकारी को यह पता था कि देशमुख ने फरवरी के मध्य के आसपास वाजे को बुला कर उससे धन एकत्र करने को कहा था तो उन्होंने आरोप लगाने में एक महीने का इंतजार क्यों किया. पवार ने कहा कि एटीएस ने कारोबारी मनसुख हिरन की मौत के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. उल्लेखनीय है कि विस्फोटक सामग्री वाली कार हिरन से संबंधित थी. राकांपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुख्य मामला यह था और मेरा मानना है कि बंबई एटीएस सही दिशा में जा रही है.’’
'जांच करा सकते हैं उद्धव'
उन्होंने कहा, ‘‘देशमुख के अस्पताल में भर्ती होने के बारे में मेरे पास कल सूचना नहीं थी, इसलिए मैंने कहा था कि यह (सिंह का दावा) एक गंभीर मुद्दा है. लेकिन नागपुर अस्पताल से सूचना मिलने के बाद आज यह पूरी तरह स्पष्ट है कि देशमुख के खिलाफ आरोप सही नहीं है.’’यह पूछे जाने पर कि क्या सिंह के आरोप की जांच होनी चाहिए, पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यदि चाहें तो वह किसी भी अधिकारी या मंत्री की जांच करा सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार और मुख्यमंत्री अंतिम प्राधिकार हैं तथा उन्हें किसी भी अधिकारी या मंत्री की जांच कराने का अधिकार है. हमें कोई आपत्ति नहीं है. हम उस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करेंगे.’’ उधर, भाजपा ने ट्विटर पर वीडियो जारी कर कहा कि देशमुख ने 15 फरवरी को संवाददाता सम्मेलन किया था. पवार ने इस बारे में कहा, ‘‘मैंने यह कहा कि मेरे पास दस्तावेज हैं कि वह (देशमुख) उस समय अस्पताल में भर्ती थे.’’
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से वंचित बहुजन अघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर के मुलाकात करने और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने के मुद्दे पर पवार ने कहा कि उन्होंने इस बारे में संज्ञान लिया है कि उनके पीछे कौन लोग हैं.