Farm Laws: नए कानूनों के पक्ष में अधिकतर किसान, इन्हें छोड़ बाकी मुद्दे पर चर्चा को तैयार सरकार- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की अपील. (Pic- ANI)
Farmers Protest: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra singh Tomar) ने कहा है, 'हम आशा करते हैं कि 19 जनवरी को किसान सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के अलावा अपनी अन्य मांगों पर चर्चा कर सकते हैं.'
- News18Hindi
- Last Updated: January 17, 2021, 2:25 PM IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों (Farm Laws) का किसान लगातार विरोध कर रहे हैं. दिल्ली की सीमाओं पर उन्हें आंदोलन (Farmers Protest) करते हुए 50 दिन से भी अधिक हो गए हैं. इस बीच सरकार से उनकी 9 दौर की वार्ता हुईं, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं. किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले. अब किसानों और सरकार के बीच में अगले दौर की वार्ता 19 जनवरी को होनी है. इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने इस वार्ता और किसानों की मांगों को लेकर रविवार को बयान दिया है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'हम आशा करते हैं कि 19 जनवरी को किसान सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के अलावा अपनी अन्य मांगों पर चर्चा कर सकते हैं.' कृषि मंत्री ने कहा, 'हमने किसान यूनियनों को प्रस्ताव भेजा था. उसमें हमने कहा था कि हम मंडी, कारोबारी, रजिस्ट्रेशन उनकी अन्य समस्याओं पर बातचीत के लिए तैयार हैं. सरकार किसानों से पराली जलाने के खिलाफ बने कानून और बिजली संबंध मुद्दों पर भी चर्चा को तैयार है, लेकिन किसान यूनियन सिर्फ चाहते हैं कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले.'
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार ने 9 बार किसान यूनियनों के साथ बातचीत की. हमने किसान संघ से अनुरोध किया कि वह कृषि कानूनों की धाराओं पर बहस करें. हमें उन खंडों पर अपनी आपत्ति बतानी चाहिए ताकि हम इस पर पुनर्विचार कर सकें. हम संशोधन के लिए भी तैयार हैं. हमने कहा कि मंडी के बारे में उनकी आशंका पर ध्यान दिया जाएगा.'
उन्होंने कहा, 'हम व्यापारियों के पंजीकरण के लिए भी सहमत हुए. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में पंजीकृत किया जा सकता है. हम यहां तक सहमत थे कि किसान विवाद की स्थिति में एसडीएम के बजाय अदालत जा सकते हैं. हमने पराली और बिजली अधिनियम पर भी सकारात्मक आश्वासन दिया. कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान यूनियन अड़े हुए हैं. देश के अधिकांश किसान, विद्वान, वैज्ञानिक और कृषि विशेषज्ञ इन कृषि कानूनों से खुश हैं.

कृषि मंत्री ने कहा, 'अब सुप्रीम कोर्ट ने भी तीन कृषि कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी है. मुझे उम्मीद है कि किसान संघ विभिन्न मुद्दों पर बहस करेंगे, जिन पर उन्हें हमारे साथ आपत्ति है. अगर किसान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग को एक तरफ रख देते हैं, तो सरकार कानूनों पर उनकी अन्य आपत्तियों को सुनने के लिए तैयार हैं.'
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'हम आशा करते हैं कि 19 जनवरी को किसान सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के अलावा अपनी अन्य मांगों पर चर्चा कर सकते हैं.' कृषि मंत्री ने कहा, 'हमने किसान यूनियनों को प्रस्ताव भेजा था. उसमें हमने कहा था कि हम मंडी, कारोबारी, रजिस्ट्रेशन उनकी अन्य समस्याओं पर बातचीत के लिए तैयार हैं. सरकार किसानों से पराली जलाने के खिलाफ बने कानून और बिजली संबंध मुद्दों पर भी चर्चा को तैयार है, लेकिन किसान यूनियन सिर्फ चाहते हैं कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले.'
Most of the farmers & experts are in favour of farm laws. After Supreme Court's order, the laws can't be implemented. Now we expect that farmers discuss the laws clause-wise on Jan 19 & tell govt what they want other than the repeal of the laws: Union Agriculture Minister https://t.co/UJyXhnIkQB
— ANI (@ANI) January 17, 2021
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार ने 9 बार किसान यूनियनों के साथ बातचीत की. हमने किसान संघ से अनुरोध किया कि वह कृषि कानूनों की धाराओं पर बहस करें. हमें उन खंडों पर अपनी आपत्ति बतानी चाहिए ताकि हम इस पर पुनर्विचार कर सकें. हम संशोधन के लिए भी तैयार हैं. हमने कहा कि मंडी के बारे में उनकी आशंका पर ध्यान दिया जाएगा.'
उन्होंने कहा, 'हम व्यापारियों के पंजीकरण के लिए भी सहमत हुए. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में पंजीकृत किया जा सकता है. हम यहां तक सहमत थे कि किसान विवाद की स्थिति में एसडीएम के बजाय अदालत जा सकते हैं. हमने पराली और बिजली अधिनियम पर भी सकारात्मक आश्वासन दिया. कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान यूनियन अड़े हुए हैं. देश के अधिकांश किसान, विद्वान, वैज्ञानिक और कृषि विशेषज्ञ इन कृषि कानूनों से खुश हैं.
कृषि मंत्री ने कहा, 'अब सुप्रीम कोर्ट ने भी तीन कृषि कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी है. मुझे उम्मीद है कि किसान संघ विभिन्न मुद्दों पर बहस करेंगे, जिन पर उन्हें हमारे साथ आपत्ति है. अगर किसान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग को एक तरफ रख देते हैं, तो सरकार कानूनों पर उनकी अन्य आपत्तियों को सुनने के लिए तैयार हैं.'