किसान आंदोलन: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का किसानों के नाम पत्र, कहा- जारी रहेगा MSP सिस्टम

कृषि मंत्री ने किसानों को कृषि सुधार कानूनों के फायदे गिनाए हैं. (फाइल फोटो)
Farmer Protest: कृषि मंत्री ने अपने पत्र मे लिखा है कि वह खुद भी किसान हैं और खेती की चुनौतियों को समझते हैं. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार पिछले छह सालों से किसानों को सशक्त करने के प्रयास कर रही है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 17, 2020, 7:40 PM IST
नई दिल्ली. दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर जारी किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने किसानों के नाम पत्र लिखा है. इस पत्र में कृषि मंत्री ने कृषि सुधार कानूनों के फायदे गिनाए हैं. इसके साथ ही उन्होंने आंदोलन कर रहे किसानों में से कुछ लोगों द्वारा भ्रम फैलाने की बात भी कही है. कृषि मंत्री ने अपने पत्र मे लिखा है कि वह खुद भी किसान हैं और खेती की चुनौतियों को समझते हैं. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार पिछले छह सालों से किसानों को सशक्त करने के प्रयास कर रही है. न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर उन्होंने कहा है कि एमएसपी जारी है और आगे भी किसानों को एमएसपी मिलती रहेगी.
तोमर ने अपने पत्र में लिखा कि देश के कई हिस्सों में कई किसान संगठनों से कृषि सुधार कानूनों का स्वागत किया है और वह इस कानून के जरिए लाभ भी उठा रहे हैं. कृषि मंत्री का कहना है कि इन कानूनों को लेकर कुछ किसान संगठनों में भ्रम पैदा कर दिया गया है. लेकिन कृषि मंत्री होने के नाते यह उनका कर्तव्य है कि वह किसानों की शंकाओं का समाधान करें. कृषि मंत्री ने बताया कि नए कानून लागू होने के बाद इस बार एमएसपी पर सरकारी खरीद के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि इसके बाद भी कुछ लोग किसानों से झूठ बोल रहे हैं कि एमएसपी बंद कर दी जाएगी.
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कृषि मंत्री ने कानून को लेकर फैलाए जा रहे झूठ का दिया जवाबकृषि मंत्री ने अपने पत्र में कृषि सुधार कानूनों को लेकर फैलाए जा रहे झूठ का जवाब भी दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित होकर किसानों से झूठ बोला जा रहा है और कानून को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है.
कृषि मंत्री ने लिखा कि जिस सरकार ने किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी दिया, जिस सरकार ने पिछले छह साल में एमएसपी के जरिए लगभग दोगुनी राशि किसानों के खाते में पहुंचाई, वह सरकार कभी एमएसपी बंद नहीं करेगी. एमएसपी जारी है और जारी रहेगी. कृषि मंत्री ने पत्र में कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए 6 हजार रुपये सालाना देने का मकसद था कि वह कर्ज न लें. इसके साथ ही उन्होंने फसल बीमा के फायदे भी गिनाए.

कृषि मंत्री ने अपने पत्र में यह भी कहा कि मंडियां चालू हैं और चालू रहेंगी. एपीएमसी को और अधिक मजबूत किया जा रहा है. इसके साथ ही खुले बाजार पर भी उपज को अच्छे दामों पर बेचने का विकल्प भी मिलेगा. कृषि मंत्री ने कहा कि इन्हें आने वाले समय में और भी आधुनिक बनाया जाएगा.
तोमर ने अपने पत्र में लिखा कि देश के कई हिस्सों में कई किसान संगठनों से कृषि सुधार कानूनों का स्वागत किया है और वह इस कानून के जरिए लाभ भी उठा रहे हैं. कृषि मंत्री का कहना है कि इन कानूनों को लेकर कुछ किसान संगठनों में भ्रम पैदा कर दिया गया है. लेकिन कृषि मंत्री होने के नाते यह उनका कर्तव्य है कि वह किसानों की शंकाओं का समाधान करें. कृषि मंत्री ने बताया कि नए कानून लागू होने के बाद इस बार एमएसपी पर सरकारी खरीद के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि इसके बाद भी कुछ लोग किसानों से झूठ बोल रहे हैं कि एमएसपी बंद कर दी जाएगी.
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कृषि मंत्री ने कानून को लेकर फैलाए जा रहे झूठ का दिया जवाबकृषि मंत्री ने अपने पत्र में कृषि सुधार कानूनों को लेकर फैलाए जा रहे झूठ का जवाब भी दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित होकर किसानों से झूठ बोला जा रहा है और कानून को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है.
कृषि मंत्री ने लिखा कि जिस सरकार ने किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी दिया, जिस सरकार ने पिछले छह साल में एमएसपी के जरिए लगभग दोगुनी राशि किसानों के खाते में पहुंचाई, वह सरकार कभी एमएसपी बंद नहीं करेगी. एमएसपी जारी है और जारी रहेगी. कृषि मंत्री ने पत्र में कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए 6 हजार रुपये सालाना देने का मकसद था कि वह कर्ज न लें. इसके साथ ही उन्होंने फसल बीमा के फायदे भी गिनाए.
कृषि मंत्री ने अपने पत्र में यह भी कहा कि मंडियां चालू हैं और चालू रहेंगी. एपीएमसी को और अधिक मजबूत किया जा रहा है. इसके साथ ही खुले बाजार पर भी उपज को अच्छे दामों पर बेचने का विकल्प भी मिलेगा. कृषि मंत्री ने कहा कि इन्हें आने वाले समय में और भी आधुनिक बनाया जाएगा.