चेन्नई. तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी अन्नाद्रुमक इस समय गुटबाजी और अंतर्कलह से जूझ रही है. यह लड़ाई पूर्व सीएम एडप्पादी के. पलानीस्वामी और पूर्व डिप्टी सीएम ओ.पन्नीरसेल्वम से बेहतर स्थिति में नजर आ रहे हैं. साल 2016 में पार्टी प्रमुख जे. जयललिता के निधन के बाद पार्टी को एकजुट बनाए रखने के लिए दोहरे नेतृत्व की एक इनोवेटिव अवाधारणा को रखा गया था. OPS और EPS यानी कि समन्यवयक और सह-समन्वयक हैं. वहीं ईपीएस यानी कि सह-समन्वयक अब पार्टी के उपनियमों को बदलकर एकात्मक नेतृत्व पर लौटने की मांग कर रहा है. शुक्रवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता सीवी षणमुगम ने कहा कि एआईएडीएमके की आम परिषद ने ओपीएस और ईपीएस के समन्वयक व सह समन्वयक के रूप में दिसंबर 2021 के चुनाव के संबंध में प्रस्ताव पेश नहीं किया, इसलिए दोहरे नेतृत्व का अस्तित्व समाप्त हो गया.
एनडीटीवी ने पीटीआई के हवाले से लिखा है कि पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आज तक ओपीएस पार्टी का कोषाध्यक्ष है और ईपीएस मुख्यालय सचिव है. ओ पनीरसेल्वम के वफादार और उप सचिव आर वैथिलिंगम ने शुक्रवार को तंजावुर जिले में पत्रकारों से बात करते हुए एकता और दोहरे नेतृत्व ढांचे की वकालत की. पत्रकारों से बात करते हुए, वरिष्ठ नेता और ईपीएस के वफादार सीवी षणमुगम ने कहा कि पिछले साल, ओपीएस और ईपीएस के पक्ष में नेतृत्व की दोहरी प्रणाली को बनाए रखने और और मजबूत करने के लिए पार्टी के उप-नियमों को बदल दिया गया था. उप-नियमों में संशोधन के बाद, OPS और EPS को निर्विरोध समन्वयक और सह-समन्वयक के रूप में निर्वाचित घोषित किया गया.
षणमुगम ने कहा कि इस तरह के संशोधनों ने यह अनिवार्य कर दिया है कि समन्वयक और संयुक्त समन्वयक के दो शीर्ष पदों पर प्रत्याशियों का चुनाव पार्टी के प्राथमिक सदस्यों द्वारा एक वोट से किया जाना चाहिए. इन संशोधनों को पिछले साल पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यकारी समिति की बैठक में एक प्रस्ताव को अपनाने के माध्यम से लागू किया गया था.
उन्होंने कहा कि चूंकि शीर्ष दो पार्टी पदों से संबंधित इन संशोधनों को गुरुवार को सामान्य परिषद द्वारा मान्यता और समर्थन नहीं दिया गया था, इसलिए शीर्ष दो पद अब समाप्त हो गए हैं. इसलिए, OPS अब समन्वयक नहीं है और EPS संयुक्त-समन्वयक नहीं है और पार्टी AIADMK उप-नियमों के अनुसार पदाधिकारियों द्वारा चलाई जाएगी. दोनों ने कोषाध्यक्ष (ओपीएस) और मुख्यालय सचिव (ईपीएस) के अपने अन्य पदों पर बने रहना जारी रखा है. वहीं उन्होंने द्रमुक अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन पर उनकी पार्टी का मजाक उड़ाने के लिए निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह के मतभेद सभी राजनीतिक संगठनों में सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक एक लोकतांत्रिक ताकत है.
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