अच्छी खबर: जनवरी तक मिल सकता है वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल, AIIMS डायरेक्टर ने दी जानकारी

दिल्ली एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया. (फोटो: ANI)
Vaccine Update: दिल्ली एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleriya) ने कहा है कि दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल (Emergency Approval) दिया जा सकता है. भारत में 2 वैक्सीन उम्मीदवार फेज-3 ट्रायल में हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: December 3, 2020, 3:13 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे भारत के लिए अच्छी खबर है. यहां साल के अंत या जनवरी की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के आपातकाल उपयोग की अनुमति मिल सकती है. गुरुवार को इस बात की जानकारी दिल्ली एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने दी है. भारत में फिलहाल 6 वैक्सीन पर काम चल रहा है. जिसमें से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजैनेका और भारत बायोटेक की वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल (Phase 3 Trials) जारी हैं. खास बात है कि वैक्सीन रेस में आगे चल रहीं फाइजर (Pfizer) को ब्रिटेन ने इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया है.
सीरम इंस्टीट्यूट कर रही है इमरजेंसी अप्रूवल की तैयारी
डॉक्टर गुलेरिया ने जानकारी दी है कि तीसरे चरण के ट्रायल से गुजर रहीं वैक्सीन में से किसी एक को अप्रूवल मिल सकता है. यह अप्रूवल दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में दिया जा सकता है. वैक्सीन को अनुमति मिलने के बाद भारत में भी टीका लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजैनेका की वैक्सीन कोवीशील्ड के फेज-3 के ट्रायल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामने आ चुके हैं. वहीं, पुणे के सीरण इंस्टीट्यूट (Serum Institute) में इस वैक्सीन को तैयार किया जा रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ ने पिछले हफ्ते कहा था कि कंपनी जल्द ही इमरजेंसी अप्रूवल के लिए तैयारी कर रही है.
नहीं नजर आए कोई साइड इफेक्ट्सडॉक्टर गुलेरिया ने जानकारी दी कि वैक्सीन शॉर्ट टर्म के लिए सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि मौजूद डेटा के हिसाब से कहा जा सकता है कि वैक्सीन सुरक्षित और असरदार है. उन्होंने बताया कि वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा. फिलहाल 70 से 80 हजार वॉलिंटियर्स को यह वैक्सीन लगाई गई है और कोई गंभीर साइड इफेक्ट (Vaccine Side Effects) सामने नहीं आया है.

वहीं, ब्रिटेन में फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल मिल चुका है. यह वैक्सीन वहां के नागरिकों को लगाई जाएगी. खास बात है कि इस वैक्सीन को भारत में स्टोर करना काफी मुश्किल है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि फाइजर के टीके को स्टोर करने के लिए -70 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है. जबकि, भारत का तापमान गर्म है.
सीरम इंस्टीट्यूट कर रही है इमरजेंसी अप्रूवल की तैयारी
डॉक्टर गुलेरिया ने जानकारी दी है कि तीसरे चरण के ट्रायल से गुजर रहीं वैक्सीन में से किसी एक को अप्रूवल मिल सकता है. यह अप्रूवल दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में दिया जा सकता है. वैक्सीन को अनुमति मिलने के बाद भारत में भी टीका लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजैनेका की वैक्सीन कोवीशील्ड के फेज-3 के ट्रायल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामने आ चुके हैं. वहीं, पुणे के सीरण इंस्टीट्यूट (Serum Institute) में इस वैक्सीन को तैयार किया जा रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ ने पिछले हफ्ते कहा था कि कंपनी जल्द ही इमरजेंसी अप्रूवल के लिए तैयारी कर रही है.
नहीं नजर आए कोई साइड इफेक्ट्सडॉक्टर गुलेरिया ने जानकारी दी कि वैक्सीन शॉर्ट टर्म के लिए सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि मौजूद डेटा के हिसाब से कहा जा सकता है कि वैक्सीन सुरक्षित और असरदार है. उन्होंने बताया कि वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा. फिलहाल 70 से 80 हजार वॉलिंटियर्स को यह वैक्सीन लगाई गई है और कोई गंभीर साइड इफेक्ट (Vaccine Side Effects) सामने नहीं आया है.
वहीं, ब्रिटेन में फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल मिल चुका है. यह वैक्सीन वहां के नागरिकों को लगाई जाएगी. खास बात है कि इस वैक्सीन को भारत में स्टोर करना काफी मुश्किल है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि फाइजर के टीके को स्टोर करने के लिए -70 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है. जबकि, भारत का तापमान गर्म है.