एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बच्चों में गंभीर इंफेक्शन की आशंका को खारिज किया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. देश कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है. हालांकि संक्रमण के मामलों में कमी देखी जा रही है, लेकिन कोविड के बाद एक और महामारी ने लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. देश के कई राज्यों में ब्लैक फंगस या म्यूकरमायकोसिस को महामारी घोषित कर दिया गया है. बता दें कि देश में म्यूकरमायकोसिस के अब तक 8,848 केस सामने आए हैं. एएनआई ने नई दिल्ली स्थित एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के हवाले से शुक्रवार को जानकारी दी कि कोविड से जुड़े ब्लैक फंगस संक्रमण के चलते 7 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मामले गुजरात (2,281) में सामने आए हैं. इसके बाद महाराष्ट्र (2000), आंध्र प्रदेश (910), मध्य प्रदेश (720), राजस्थान (700), कर्नाटक (500), हरियाणा (250), दिल्ली (197), पंजाब (95), छत्तीसगढ़ (87), बिहार (56), तमिलनाडु (40), केरल (36), झारखंड (27), ओडिशा (15), गोवा (12) और चंडीगढ़ (8) में मामले सामने आए हैं. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से ब्लैक फंगस से हुई मौतों पर कोई आंकड़ा नहीं जारी किया गया है.
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ब्लैक फंगस क्या है?
ब्लैक फंगस संक्रमण कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों को ही होता है. अब चूंकि कोरोना के हमले के कारण बहुत से लोग कमजोर हो चुके हैं तो ऐसे में ये फंगल इंफेक्शन भी बढ़ा. जबकि पहले ये बीमारी कीमोथेरेपी, अनियंत्रित शुगर, किसी भी तरह के ट्रांसप्लांट से गुजरने वाले लोगों और बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित करती थी.
कैसे होता है संक्रमण?
बीमारी म्यूकॉरमाइसाइट्स नामक फफूंद से होती है. ये फफूंद नाक से होते हुए शरीर के बाकी अंगों तक पहुंचती है. आमतौर पर ये फंगस हवा में होता है और सांस के जरिए नाक में जाता है. कई बार शरीर के कटे या जले हुए स्थानों के इस फंगस के संपर्क में आने पर भी इंफेक्शन हो जाता है. यानी नाक इसके प्रवेश की मुख्य जगह है, लेकिन ये शरीर के किसी भी अंग पर आक्रमण कर सकता है.
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