आखिरी समय में ओवैसी ने किया बंगाल चुनाव में उतरने का ऐलान, 27 मार्च को करेंगे जनसभा

असदुद्दीन ओवैसी 27 मार्च को बंगाल में एक जनसभा करेंगे.
West Bengal Assembly Elections: चौथे चरण के लिए नामांकन की तारीख बीत जाने के बाद ओवैसी को पश्चिम बंगाल के चुनाव की याद आई है. ओवैसी ने ऐलान किया है कि वो 27 तारीख को पश्चिम बंगाल के सागरदिघी में अपने प्रत्याशियों का ऐलान करेंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: March 24, 2021, 6:20 PM IST
कोलकाता. असदुद्दीन ओवैसी (Asasuddin Owaisi) की पार्टी AIMIM पश्चिम बंगाल के चुनाव (West Bengal elections) में 5 से 10 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. सूत्रों के मुताबिक ओवैसी बंगाल के मुर्शिदाबाद और मालदा इलाके में ही अपने उम्मीदवार खड़ा करेंगे. ओवैसी 27 तारीख को पश्चिम बंगाल में रैली कर अपने उम्मीदवारों का ऐलान करेंगे.
बंगाल पहुंचे ओवैसी ने फुरफुरा शरीफ के पीरज़ादा अब्बास सिद्दीकी के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर बंगाल में सियासी सनसनी मचा दी थी. लेकिन हैदराबाद वाले भाईजान के वापस लौटते ही बंगाल वाले भाईजान ने उनको ज़ोर का झटका देकर लेफ्ट और कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया.
चौथे चरण के नामांकन के बाद आई बंगाल की याद
कुछ महीने पहले पश्चिम बंगाल में सियासी तूफान मचा देने की हुंकार भरने वाले हैदराबाद वाले भाई जान एक दर्जन से भी कम सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं. आलम ये है कि चौथे चरण के लिए नामांकन की तारीख बीत जाने के बाद ओवैसी को पश्चिम बंगाल के चुनाव की याद आई है. ओवैसी ने ऐलान किया है कि वे 27 तारीख को पश्चिम बंगाल के सागरदिघी में अपने प्रत्याशियों के ऐलान करेंगे.ओवैसी की पार्टी मुर्शिदाबाद और मालदा जैसे जिलों में ही ज्यादा फोकस करेगी जहां पर मुस्लिम आबादी 50 फ़ीसदी से ज्यादा है .कभी ओवैसी की पार्टी के बंगाल में सर्वे सर्वा रहे ज़मीरुल हसन ने आरोप लगाया कि ओवैसी ने बीजेपी से डील कर ली है ताकि चुनाव में बीजेपी को फायदा मिले.
पीरज़ादा अब्बास सिद्दीकी के साथ गठबंधन का किया ऐलान
दरअसल ओवैसी ने पश्चिम बंगाल के चुनाव से पहले पूरे सूबे में ताल ठोकने का ऐलान किया था. जब ओवैसी बंगाल पहुंचे तो फुरफुरा शरीफ के पीरज़ादा अब्बास सिद्दीकी के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया जिसके बाद सूबे के सभी सियासी समीकरण ध्वस्त होने का खतरा मंडराने लगा था. हालांकि बाद में अब्बास सिद्दीकी ने अपनी राह अलग कर ली और ओवैसी की बंगाल में बड़ी ताकत बनने की हसरत अधूरी रह गई.

ये भी पढ़ेंः- Covid Second Wave: यूपी-महाराष्ट्र या दिल्ली जा रहे हैं, तो इन नियमों का करना होगा पालन
2 मई को आएंगे चुनावों के नतीजें
वैसे ओवैसी पर बीजेपी की बी टीम होने के आरोप कांग्रेस सहित कई दल लगाते रहे हैं. अब ओवैसी के बंगाल का मैदान लगभग छोड़ देने से किसको ज्यादा फायदा होगा, टीएमसी या बीजेपी, इसका फैसला 2 मई को होगा.
बंगाल पहुंचे ओवैसी ने फुरफुरा शरीफ के पीरज़ादा अब्बास सिद्दीकी के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर बंगाल में सियासी सनसनी मचा दी थी. लेकिन हैदराबाद वाले भाईजान के वापस लौटते ही बंगाल वाले भाईजान ने उनको ज़ोर का झटका देकर लेफ्ट और कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया.
चौथे चरण के नामांकन के बाद आई बंगाल की याद
कुछ महीने पहले पश्चिम बंगाल में सियासी तूफान मचा देने की हुंकार भरने वाले हैदराबाद वाले भाई जान एक दर्जन से भी कम सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं. आलम ये है कि चौथे चरण के लिए नामांकन की तारीख बीत जाने के बाद ओवैसी को पश्चिम बंगाल के चुनाव की याद आई है. ओवैसी ने ऐलान किया है कि वे 27 तारीख को पश्चिम बंगाल के सागरदिघी में अपने प्रत्याशियों के ऐलान करेंगे.ओवैसी की पार्टी मुर्शिदाबाद और मालदा जैसे जिलों में ही ज्यादा फोकस करेगी जहां पर मुस्लिम आबादी 50 फ़ीसदी से ज्यादा है .कभी ओवैसी की पार्टी के बंगाल में सर्वे सर्वा रहे ज़मीरुल हसन ने आरोप लगाया कि ओवैसी ने बीजेपी से डील कर ली है ताकि चुनाव में बीजेपी को फायदा मिले.
पीरज़ादा अब्बास सिद्दीकी के साथ गठबंधन का किया ऐलान
दरअसल ओवैसी ने पश्चिम बंगाल के चुनाव से पहले पूरे सूबे में ताल ठोकने का ऐलान किया था. जब ओवैसी बंगाल पहुंचे तो फुरफुरा शरीफ के पीरज़ादा अब्बास सिद्दीकी के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया जिसके बाद सूबे के सभी सियासी समीकरण ध्वस्त होने का खतरा मंडराने लगा था. हालांकि बाद में अब्बास सिद्दीकी ने अपनी राह अलग कर ली और ओवैसी की बंगाल में बड़ी ताकत बनने की हसरत अधूरी रह गई.
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2 मई को आएंगे चुनावों के नतीजें
वैसे ओवैसी पर बीजेपी की बी टीम होने के आरोप कांग्रेस सहित कई दल लगाते रहे हैं. अब ओवैसी के बंगाल का मैदान लगभग छोड़ देने से किसको ज्यादा फायदा होगा, टीएमसी या बीजेपी, इसका फैसला 2 मई को होगा.