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लखीमपुर खीरी: विपक्ष को 'ग्रीन सिग्नल', आशीष करेगा सरेंडर? 10 प्वाइंट्स में जानें सब...

खीरी पुलिस ने की घटना से जुड़े वीडियो देने की अपील (PTI)

खीरी पुलिस ने की घटना से जुड़े वीडियो देने की अपील (PTI)

यूपी सरकार (UP Governemnt) ने विपक्ष के लिए लखीमपुर को खोल दिया है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी लखीमपुर पहुंचने वाले ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में अभी विवाद थमता नहीं दिख रहा है. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के हत्यारोपी बेटे आशीष मिश्रा के पुलिस के सामने सरेंडर की खबरें हैं. इस बीच सरकार ने विपक्ष के लिए लखीमपुर को खोल दिया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी लखीमपुर पहुंचने वाले हैं. घटना के बाद विपक्षी नेताओं को घटनास्थल पर पहुंचने से रोका गया था. सरकार का तर्क था कि विपक्षी नेताओं की मौजूदगी से संवेदनशील हालात बिगड़ सकते हैं.

    सोमवार को यूपी सरकार और किसान नेता राकेश टिकैत के बीच सहमति बनी थी जिसके बाद उग्र प्रदर्शनकारियों ने विरोध बंद कर दिया था. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया था कि राज्य सरकार ने किसानों की मांगें मान ली हैं. आइए जानते हैं अब तक लखीमपुर में क्या-क्या हुआ…

    1- लखीमपुर में रविवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का विरोध करने के लिए किसान इकट्ठे हुए थे. किसानों के हाथों में काले झंडे थे. मंत्री का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वो कह रहे थे-किसान खुद को सुधार लें या फिर उन्हें सुधार दिया जाएगा. कहा जा रहा है कि मंत्री के बयान के खिलाफ प्रदर्शन के लिए किसान इकट्ठा हुए थे. प्रदर्शन के दौरान एक गाड़ी, जिसे तथाकथित रूप से आशीष मिश्रा चला रहे थे, ने किसानों को रौंद दिया.

    2- घटना की सूचना फैलते ही इलाके में हिंसा फैली. गुस्साए किसानों ने कथित तौर पर मंत्री के काफिले से जुड़ी गाड़ी को किसानों ने आग लगा दी. यह भी कहा जा रहा है कि किसानों ने गोलियां चलाईं.

    3- किसानों का आरोप है कि अजय मिश्रा के बेटे आशीष ने जानबूझकर गाड़ी चढ़ाई तो वहीं मंत्री का दावा है कि उनका बेटा घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं था. मंत्री के बेटे का कहना है कि किसानों ने काफिले पर पथराव किया जिसकी वजह से ड्राइवर ने कंट्रोल खो दिया. मंत्री ने यह भी दावा किया है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.

    4- घटना का विपक्ष ने जबरदस्त विरोध किया. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी घटनास्थल पर जाने के लिए निकलीं लेकिन उन्हें सीतापुर में रोक दिया गया. हालांकि किसान नेताओं को घटनास्थल तक जाने दिया गया. सरकार का तर्क है कि विपक्षी नेताओं के जाने से स्थितियां बिगड़ सकती थीं और हिंसा फैल सकती थी.

    5- पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सिद्धू ने चेतावनी दी थी- ‘अगर किसानों की नृशंस हत्या के मामले में केंद्रीय मंत्री के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया, गैरकानूनी ढंग से गिरफ्तारी की गईं हमारी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा छोड़ा नहीं गया, तो पंजाब कांग्रेस लखीमपुर खीरी की तरफ यात्रा शुरू कर देगी.’

    6- संयुक्त किसान मोर्चा ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन बुलाया है. देशभर में विभिन्न जिलों के डीएम को ज्ञापन सौंपे गए.

    7- इसके बाद मंगलवार को एक वीडियो सामने आया जिसमें एक एसयूवी गाड़ी को किसानों को रौंदते हुए देखा जा सकता है. प्रियंका गांधी ने इस वीडियो को सबूत के तौर पर ट्वीट किया.

    8- इस बीच यूपी सरकार ने लखीमपुर हिंसा से जुड़े मामले में केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी है.

    9- लखनऊ के एडीजी जोन ने कहा है कि वायरल वीडियो को जांच में इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा- ‘ये एक सबूत साबित हो सकता है कि लेकिन सिर्फ एक वीडियो के माध्यम से किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता.’

    10- इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट में भी उछला. कोर्ट की तरफ से कहा गया कि जब मामला कोर्ट में है तो किसान देशभर में प्रदर्शन कैसे कर सकते हैं. साथ ही लखीमपुर के मामले में एक याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है.

    Tags: Lakhimpur farmer demonstration, Lakhimpur incident

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