अलर्ट! प्रेग्नेंट महिला न लें कोविशील्ड-कोवैक्सीन, टीके के 2 महीनों बाद ही करें गर्भधारण पर विचार- विशेषज्ञ

प्रेग्नेंसी के मामले में बेहतर डेटा नहीं होने के चलते हेल्थ एक्सपर्ट्स वैक्सीन लगावाने के बाद 8 हफ्तों तक गर्भधारण से बचने की सलाह देते हैं.. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Vaccine Update: डॉक्टर सुमन सिंह ने बताया 'गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन देने का फैसला हेल्थकेयर प्रोफेशनल से गहन चर्चा के बाद और फायदे- नुकसान पर विचार करने के बाद लिया जाना चाहिए.
- News18Hindi
- Last Updated: January 30, 2021, 12:41 PM IST
नई दिल्ली. भारत में वैक्सीन प्रोग्राम (Vaccination in India) शुरू हो चुका है. पहले चरण में स्वास्थ्य सेवाओं (Health Workers) से जुड़े लोगों को वैक्सीन दी जा रही है. इसी बीच गायनेकोलॉजिस्ट्स और एक्सपर्ट्स ने लोगों से वैक्सीन लगवाने के बाद 2 महीनों तक गर्भधारण (Pregnancy) न करने की सलाह दी है. इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गर्भवती महिला को वैक्सीन नहीं लगाए जाने की सलाह दी थी. हालांकि, गंभीर मामलों और उच्च जोखिम वाली महिला को वैक्सीन दी जा सकती है.
इस दौरान डब्ल्युएचओ ने वैक्सीन लगवाने से पहले गर्भवती होने की जांच कराने और टीकाकरण के बाद प्रेग्नेंसी के प्लान को आगे बढ़ाने का सलाह नहीं है. उन्होंने कहा है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन दी जा सकती है. क्योंकि दूध पीते बच्चों को वैक्सीन की वजह से जोखिम की संभवनाएं कम हैं. भारत ने 16 जनवरी से वैक्सीन प्रोग्राम शुरू कर दिया है. अब तक 30 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है.
अंग्रेजी अखबार द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान रेन्बो चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल की डॉक्टर सुमन सिंह ने बताया कि वे वैक्सीन न लगवाने की सलाह नहीं देती हैं. वे कपल्स को टीकाकरण के बाद कम से कम 2 महीनों तक प्रेग्रनेंसी प्लानिंग टालने के लिए कहती हैं. यूरोपियन सोसाइटी ऑफ ह्यूमन रिप्रोडक्शन एंड एंब्र्योलॉजी (ESHRE) ने सुरक्षित असिस्टेट रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) को लेकर पहले जारी की गई गाइडलाइंस की पुष्टि की है.
डॉक्टर सिंह ने बताया 'गर्भवती महिला को वैक्सीन देने का फैसला हेल्थकेयर प्रोफेशनल से गहन चर्चा के बाद और फायदे और नुकसान पर विचार करने के बाद लिया जाना चाहिए. इसलिए ESHRE, ART के होने वाले प्रभावों की निगरानी करने और वैक्सीन लगवानें वाले और बगैर टीका लगाए मरीजों से तुलना करने की सलाह देता है.' हलांकि, केंद्र ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं कोविड वैक्सीन के किसी भी ट्रायल का हिस्सा नहीं थीं.
प्रेग्नेंसी के मामले में बेहतर डेटा नहीं होने के चलते हेल्थ एक्सपर्ट्स वैक्सीन लगावाने के बाद 8 हफ्तों तक गर्भधारण से बचने की सलाह देते हैं. क्योंकि कुछ वैक्सीन में लाइव वायरस होते हैं, जिसकी वजह से फीटस को नुकसान हो सकता है औऱ उसके सुनने और देखने की शक्ति प्रभावित हो सकती है. इसके चलते जानकार प्रेग्नेंसी के दौरान कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) नहीं लिए जाने की सलाह देते हैं. दोनों वैक्सीन में मृत वायरस का इस्तेमाल किया गया है.
इस दौरान डब्ल्युएचओ ने वैक्सीन लगवाने से पहले गर्भवती होने की जांच कराने और टीकाकरण के बाद प्रेग्नेंसी के प्लान को आगे बढ़ाने का सलाह नहीं है. उन्होंने कहा है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन दी जा सकती है. क्योंकि दूध पीते बच्चों को वैक्सीन की वजह से जोखिम की संभवनाएं कम हैं. भारत ने 16 जनवरी से वैक्सीन प्रोग्राम शुरू कर दिया है. अब तक 30 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है.
अंग्रेजी अखबार द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान रेन्बो चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल की डॉक्टर सुमन सिंह ने बताया कि वे वैक्सीन न लगवाने की सलाह नहीं देती हैं. वे कपल्स को टीकाकरण के बाद कम से कम 2 महीनों तक प्रेग्रनेंसी प्लानिंग टालने के लिए कहती हैं. यूरोपियन सोसाइटी ऑफ ह्यूमन रिप्रोडक्शन एंड एंब्र्योलॉजी (ESHRE) ने सुरक्षित असिस्टेट रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) को लेकर पहले जारी की गई गाइडलाइंस की पुष्टि की है.
डॉक्टर सिंह ने बताया 'गर्भवती महिला को वैक्सीन देने का फैसला हेल्थकेयर प्रोफेशनल से गहन चर्चा के बाद और फायदे और नुकसान पर विचार करने के बाद लिया जाना चाहिए. इसलिए ESHRE, ART के होने वाले प्रभावों की निगरानी करने और वैक्सीन लगवानें वाले और बगैर टीका लगाए मरीजों से तुलना करने की सलाह देता है.' हलांकि, केंद्र ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं कोविड वैक्सीन के किसी भी ट्रायल का हिस्सा नहीं थीं.
प्रेग्नेंसी के मामले में बेहतर डेटा नहीं होने के चलते हेल्थ एक्सपर्ट्स वैक्सीन लगावाने के बाद 8 हफ्तों तक गर्भधारण से बचने की सलाह देते हैं. क्योंकि कुछ वैक्सीन में लाइव वायरस होते हैं, जिसकी वजह से फीटस को नुकसान हो सकता है औऱ उसके सुनने और देखने की शक्ति प्रभावित हो सकती है. इसके चलते जानकार प्रेग्नेंसी के दौरान कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) नहीं लिए जाने की सलाह देते हैं. दोनों वैक्सीन में मृत वायरस का इस्तेमाल किया गया है.