चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी (Punjab CM Charanjit Singh Channi) ने बुधवार को कहा कि पंजाब सरकार (Punjab Government) खेतों में पराली या एग्रीकल्चर वेस्ट जलाने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी पुलिस मामले रद्द कर देगी. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध दर्ज कराने के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों (Farmers Protest against New Farm Law) पर दर्ज हुए मामले भी वापस किए जाएंगे. पंजाब से लगे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और दिल्ली में वायु प्रदूषण से आम जीवन बुरी तरह प्रभावित है और इसलिए पराली जलाना अपराध घोषित किया गया है. ऐसे में किसानों पर मामले दर्ज किए गए थे. अब विधानसभा चुनावों से पहले पंजाब सरकार (Punjab Government) ने किसानों को लेकर ये दो घोषणाएं कर दी हैं.
मुख्यमंत्री चन्नी ने यह भी कहा कि हम चाहते हैं किसान पराली जलाना बंद करें और सरकार ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगी. हालांकि हम पराली जलाने को लेकर अब तक के सभी दर्ज मामले रद्द कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं किसानों से पराली नहीं जलाने की अपील कर रहा हूं. इस मामले में केंद्र सरकार को भी यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि किसान पराली न जलाएं. उन्होंने 32 यूनियनों के किसान नेताओं से भेंट करने के बाद यह बात कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन के शुरू होने के बाद से राज्य सरकार ने किसानों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की थीं, अब हमने कृषि आंदोलन से संबंधित सभी प्राथमिकी रद्द करने का फैसला किया है.
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गौरतलब है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण का उच्च स्तर, सुप्रीम कोर्ट में आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र बिंदु रहा है. वायु प्रदूषण दिवाली के बाद से ही दिल्ली एनसीआर में सुरक्षित स्तर से काफी ऊपर है. यहां की हवा में फैले घातक और जहरीले कण फेफड़ों के कैंसर, हृदय रोग और श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते हैं. राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक सदस्य ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पंजाब में इस सीजन में 67,000 से अधिक खेत में पराली जलाने के मामले सामने आए हैं.
वहीं, सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार बुधवार को दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के लिए खेत की आग का हिस्सा घटकर छह प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गया है, लेकिन यह पिछले हफ्ते 35 फीसदी और दिवाली के बाद 48 फीसदी के उच्च स्तर पर था. इस सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में खेतों में आग के आंकड़ों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हुआ था, जब केंद्र ने कहा कि केवल 10 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने के कारण होता है. इसने दिल्ली सरकार के इस दावे का खंडन किया – कि हर साल राष्ट्रीय राजधानी को घेरने वाली जहरीली हवा के लिए पराली जलाने वाले किसान जिम्मेदार हैं.
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