Kisan Andolan: आंदोलन पर असामाजिक तत्वों के कब्जे के आरोपों पर किसान नेता बोले- 'ऐसे लोगों को जेल में डाल दीजिए'

किसान आंदोलन
Kisan Andolan: सरकार ने दावा किया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 'असमाजिक तत्वों' के नियंत्रण में आ गया है. अब पर किसान नेता राकेश टिकैत ने जवाब दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 12, 2020, 2:47 PM IST
नई दिल्ली. सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों (Kisan Andolan) को सचेत किया है कि वे अपने मंच का दुरुपयोग नहीं होने दें. सरकार की तरफ से साथ ही कहा गया कि प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं लेकिन कुछ ‘असामाजिक, वामपंथी और माओवादी’ तत्व आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं. सरकार के इस बयान पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 'अगर ऐसा है तो सेंट्रल इंटेलिजेंस ऐसे लोगों को पकड़े.'
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि क्या 'राष्ट्रविरोधी तत्व' आंदोलन में शामिल हो गए हैं? इस पर उन्होंने कहा कि 'अगर प्रतिबंधित संस्था के लोग हमारे बीच घूम रहे हैं, तो केंद्रीय खुफिया एजेंसियां उन्हें सलाखों के पीछे डाल दें. हमें ऐसा कोई व्यक्ति यहां नहीं मिला, अगर हमें कोई मिलता है तो हम उन्हें यहां से हटा देंगे. अगर ऐसे लोग यहां हैं तो सेंट्रल इंटेलिजेंस उनको पकड़े.'
प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें वायरल हुई
दरअसल, विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किए गए सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग करने वाली तख्तियां लिए टिकरी बॉर्डर पर कुछ प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें वायरल हुई थी. इसी पृष्ठभूमि में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि ये ‘असामाजिक तत्व’ किसानों का वेश धारण कर उनके आंदोलन का माहौल बिगाड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए उनके और उनके प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रही है.
वहीं खाद्य, रेलवे और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहीं अधिक मुखरता से आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है जैसे कुछ माओवादी और वामपंथी तत्वों ने आंदोलन का नियंत्रण संभाल लिया है और किसानों के मुद्दे पर चर्चा करने की जगह कुछ और एजेंडा चला रहे हैं.
एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘देश की जनता देख रही है, उसे पता है कि क्या चल रहा है, समझ रही है कि कैसे पूरे देश में वामपंथियों/माओवादियों को कोई समर्थन नहीं मिलने के बाद वे किसान आंदोलन को हाईजैक करके इस मंच का इस्तेमाल अपने एजेंडे के लिए करना चाहते हैं.’ किसान नेताओं ने हालांकि गुरुवार को स्पष्ट रूप से कहा था कि केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ उनके प्रदर्शन का राजनीति से कोई वास्ता नहीं है.

इस बीच, भाकियू नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को स्पष्ट रूप से कहा कि नये कृषि कानूनों को समाप्त किए जाने से कम पर कोई समझौता नहीं होगा और अगर सरकार बात करना चाहती है, तो पहले की तरह औपचारिक रूप से किसान नेताओं को सूचित करे.
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि क्या 'राष्ट्रविरोधी तत्व' आंदोलन में शामिल हो गए हैं? इस पर उन्होंने कहा कि 'अगर प्रतिबंधित संस्था के लोग हमारे बीच घूम रहे हैं, तो केंद्रीय खुफिया एजेंसियां उन्हें सलाखों के पीछे डाल दें. हमें ऐसा कोई व्यक्ति यहां नहीं मिला, अगर हमें कोई मिलता है तो हम उन्हें यहां से हटा देंगे. अगर ऐसे लोग यहां हैं तो सेंट्रल इंटेलिजेंस उनको पकड़े.'
प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें वायरल हुई
दरअसल, विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किए गए सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग करने वाली तख्तियां लिए टिकरी बॉर्डर पर कुछ प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें वायरल हुई थी. इसी पृष्ठभूमि में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि ये ‘असामाजिक तत्व’ किसानों का वेश धारण कर उनके आंदोलन का माहौल बिगाड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए उनके और उनके प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रही है.
Central Intelligence should catch them. If people of a banned org are roaming amid us, put them behind bars. We haven't found any such person here, if we do we'll send them away: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union when asked if 'anti-national elements' got involved in agitation pic.twitter.com/86ph9fEbna
— ANI (@ANI) December 12, 2020
वहीं खाद्य, रेलवे और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहीं अधिक मुखरता से आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है जैसे कुछ माओवादी और वामपंथी तत्वों ने आंदोलन का नियंत्रण संभाल लिया है और किसानों के मुद्दे पर चर्चा करने की जगह कुछ और एजेंडा चला रहे हैं.
एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘देश की जनता देख रही है, उसे पता है कि क्या चल रहा है, समझ रही है कि कैसे पूरे देश में वामपंथियों/माओवादियों को कोई समर्थन नहीं मिलने के बाद वे किसान आंदोलन को हाईजैक करके इस मंच का इस्तेमाल अपने एजेंडे के लिए करना चाहते हैं.’ किसान नेताओं ने हालांकि गुरुवार को स्पष्ट रूप से कहा था कि केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ उनके प्रदर्शन का राजनीति से कोई वास्ता नहीं है.
इस बीच, भाकियू नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को स्पष्ट रूप से कहा कि नये कृषि कानूनों को समाप्त किए जाने से कम पर कोई समझौता नहीं होगा और अगर सरकार बात करना चाहती है, तो पहले की तरह औपचारिक रूप से किसान नेताओं को सूचित करे.