जम्मू-कश्मीर: गुपकार गठबंधन ने बीजेपी पर लगाए भेदभाव के आरोप, कहा- सुरक्षा के नाम पर प्रचार से रोका जा रहा

फारूक अब्दुल्लाह, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्लाह.
J&K DDC Elections: उम्मीदवारों ने न केवल प्रचार से रोकने के आरोप लगाए, बल्कि यह भी कहा कि उन्हें गंदे और ठंडे कमरों में रखा जा रहा है. वानी कहते हैं 'यहां पानी की कमी है, सही बिस्तर और हीटर की व्यवस्था नहीं है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 26, 2020, 12:37 AM IST
जम्मू. आर्टिकल 370 (Article 370) हटने के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) पहले चुनाव का गवाह बनने जा रहा है. डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव होने में तीन दिन का ही समय बाकी है. ऐसे गैर भाजपा उम्मीदवार भगवा पार्टी के सदस्यों पर चुनाव को प्रभावित करने के आरोप लगा रहे हैं. उम्मीदवारों के आरोप हैं कि बीजेपी कैंडिडेट्स प्रशासन का गलत इस्तेमाल कर चुनाव प्रचार करने से रोक रहे हैं. इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाह (Farooq Abdullah), महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) और उमर अब्दुल्लाह (Omar Abdullah) भी एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं.
आठ चरणों के इन चुनावों की शुरुआत शनिवार से होगी और दिसंबर में मतदान प्रक्रिया पूरी होगी. इसी के साथ ही 13 हजार रिक्त पंचायत पदों के लिए भी चुनाव होंगे. इन चुनावों के मद्देनजर भारी मात्रा में सुरक्षा तैनात की गई है.
राज्य के एक वरिष्ठ राजनेता के मुताबिक, बीजेपी के अलावा दूसरी पार्टियों के उम्मीदवारों को पुलवामा की एक स्कूल बिल्डिंग में रखा है और वहीं से चुनाव प्रचार की इजाजत दी जा रही है. पुलवामा के केंद्र में मौजूद सेंट्रल हाईस्कूल में बीते एक हफ्ते से 20 से ज्यादा लोगों को रखा गया है.
शादीमार्ग से गुपकार गठबंधन की उम्मीदवार महमूदा अख्तर के पति गुलाम मोहम्मद वानी कहते हैं, 'जिस पल से मेरी पत्नी ने डीडीसी उम्मीदवार के तौर पर नॉमिनेशन भरा है, तभी से हमें पुलिस ने उठाया और यहां लाकर छोड़ दिया.' वानी ने कहा कि बीते एक हफ्ते से उनकी पत्नी को खुलकर प्रचार करने और अपनी मन की जगह जाने की इजाजत नहीं मिल रही है. उन्होंने बताया कि उसे एक घंटे ही प्रचार करने दिया जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी को खुली छूट है.
उम्मीदवारों पर जुल्म के आरोप
उम्मीदवारों ने न केवल प्रचार से रोकने के आरोप लगाए, बल्कि यह भी कहा कि उन्हें गंदे और ठंडे कमरों में रखा जा रहा है. वानी कहते हैं 'यहां पानी की कमी है, सही बिस्तर और हीटर की व्यवस्था नहीं है. ऐसे लगता है कि हम अपने ही जिले में रिफ्यूजी हैं.' खास बात है कि वानी भी पुलवामा से पंचायत चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, मीडिया को भी उन उम्मीदवारों से मिलने नहीं दिया जा रहा है और लोकल अधिकारियों ने इस पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है.
जम्मू-कश्मीर चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने कहा था कि बाहर प्रचार कर रहे उम्मीदवारों को अलग-अलग नहीं समझा जा रहा है और सभी को उचित सुरक्षा दी जा रही है. उन्होंने कहा 'जो भी यह दावा कर रहे हैं कि उन्हें प्रचार के लिए बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है, उन्हें मेरे साथ-साथ जिले के एसएसपी और डिप्टी कमिश्नरों को भी लिखना चाहिए.'
महबूबा, उमर और फारूक की एंट्री
उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर निशाना साधा है. दोनों का कहना है कि गुपकार गठबंधन (Gupkar Alliance) के उम्मीदवारों को सुरक्षा के नाम पर प्रचार से रोका जा रहा है. वहीं, फारूक अब्दुल्लाह ने राज्य के चुनाव आयुक्त केके शर्मा को यह असमानता खत्म करने के लिए पत्र लिखा है. खास बात है कि सज्जाद लोन समेत ये तीनों स्टार प्रचारक उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने सामने नहीं आ रहे हैं.
हालांकि, परिवार से दूर रखे जाने के कारण पुलवामा के स्कूलों में मौजूद कुछ सरपंचों ने अपना नाम वापस ले लिया है. वानी ने दावा किया है 'उन्होंने अपने दो साथियों के साथ नाम वापस ले लिया है. इसके बावजूद उन्हें घर नहीं जाने दिया जा रहा.'
बीजेपी के हाल अलग
केल्लार से दो मील दूर वैचूर गांव में बीजेपी उम्मीदवार जावेद अहमद कादरी दर्जनों गांववालों से मुलाकात कर रहे हैं. इस दौरान एके-47 से लैस उनके बॉडीगार्ड भी वहीं मौजूद हैं. कादरी कहते हैं 'मैं वाय प्लस सुरक्षा के साथ एक सुरक्षित व्यक्ति हूं.' उन्होंने कहा ,'बीजेपी नेताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है और हम बगैर सुरक्षा के काम नहीं कर सकते हैं.' देखा जाए तो कथित तौर पर बीते एक साल में मारे गए 12 राजनीतिक कार्यकर्ताओं में से 9 बीजेपी के थे.
आठ चरणों के इन चुनावों की शुरुआत शनिवार से होगी और दिसंबर में मतदान प्रक्रिया पूरी होगी. इसी के साथ ही 13 हजार रिक्त पंचायत पदों के लिए भी चुनाव होंगे. इन चुनावों के मद्देनजर भारी मात्रा में सुरक्षा तैनात की गई है.
राज्य के एक वरिष्ठ राजनेता के मुताबिक, बीजेपी के अलावा दूसरी पार्टियों के उम्मीदवारों को पुलवामा की एक स्कूल बिल्डिंग में रखा है और वहीं से चुनाव प्रचार की इजाजत दी जा रही है. पुलवामा के केंद्र में मौजूद सेंट्रल हाईस्कूल में बीते एक हफ्ते से 20 से ज्यादा लोगों को रखा गया है.
शादीमार्ग से गुपकार गठबंधन की उम्मीदवार महमूदा अख्तर के पति गुलाम मोहम्मद वानी कहते हैं, 'जिस पल से मेरी पत्नी ने डीडीसी उम्मीदवार के तौर पर नॉमिनेशन भरा है, तभी से हमें पुलिस ने उठाया और यहां लाकर छोड़ दिया.' वानी ने कहा कि बीते एक हफ्ते से उनकी पत्नी को खुलकर प्रचार करने और अपनी मन की जगह जाने की इजाजत नहीं मिल रही है. उन्होंने बताया कि उसे एक घंटे ही प्रचार करने दिया जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी को खुली छूट है.
उम्मीदवारों पर जुल्म के आरोप
उम्मीदवारों ने न केवल प्रचार से रोकने के आरोप लगाए, बल्कि यह भी कहा कि उन्हें गंदे और ठंडे कमरों में रखा जा रहा है. वानी कहते हैं 'यहां पानी की कमी है, सही बिस्तर और हीटर की व्यवस्था नहीं है. ऐसे लगता है कि हम अपने ही जिले में रिफ्यूजी हैं.' खास बात है कि वानी भी पुलवामा से पंचायत चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, मीडिया को भी उन उम्मीदवारों से मिलने नहीं दिया जा रहा है और लोकल अधिकारियों ने इस पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है.
जम्मू-कश्मीर चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने कहा था कि बाहर प्रचार कर रहे उम्मीदवारों को अलग-अलग नहीं समझा जा रहा है और सभी को उचित सुरक्षा दी जा रही है. उन्होंने कहा 'जो भी यह दावा कर रहे हैं कि उन्हें प्रचार के लिए बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है, उन्हें मेरे साथ-साथ जिले के एसएसपी और डिप्टी कमिश्नरों को भी लिखना चाहिए.'
महबूबा, उमर और फारूक की एंट्री
उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर निशाना साधा है. दोनों का कहना है कि गुपकार गठबंधन (Gupkar Alliance) के उम्मीदवारों को सुरक्षा के नाम पर प्रचार से रोका जा रहा है. वहीं, फारूक अब्दुल्लाह ने राज्य के चुनाव आयुक्त केके शर्मा को यह असमानता खत्म करने के लिए पत्र लिखा है. खास बात है कि सज्जाद लोन समेत ये तीनों स्टार प्रचारक उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने सामने नहीं आ रहे हैं.
हालांकि, परिवार से दूर रखे जाने के कारण पुलवामा के स्कूलों में मौजूद कुछ सरपंचों ने अपना नाम वापस ले लिया है. वानी ने दावा किया है 'उन्होंने अपने दो साथियों के साथ नाम वापस ले लिया है. इसके बावजूद उन्हें घर नहीं जाने दिया जा रहा.'
बीजेपी के हाल अलग
केल्लार से दो मील दूर वैचूर गांव में बीजेपी उम्मीदवार जावेद अहमद कादरी दर्जनों गांववालों से मुलाकात कर रहे हैं. इस दौरान एके-47 से लैस उनके बॉडीगार्ड भी वहीं मौजूद हैं. कादरी कहते हैं 'मैं वाय प्लस सुरक्षा के साथ एक सुरक्षित व्यक्ति हूं.' उन्होंने कहा ,'बीजेपी नेताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है और हम बगैर सुरक्षा के काम नहीं कर सकते हैं.' देखा जाए तो कथित तौर पर बीते एक साल में मारे गए 12 राजनीतिक कार्यकर्ताओं में से 9 बीजेपी के थे.