Facebook India Issue : राहुल गांधी बोले- अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने फेसबुक, वॉट्सऐप को किया बेनकाब, सरकार करे जांच

राहुल गांधी ने साधा सरकार पर निशाना.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने खबर शेयर करते हुए दावा किया कि इससे ‘फेसबुक-वॉट्सऐप द्वारा हमारे लोकतंत्र और सद्भाव पर हमले का खुलासा हुआ.
- News18Hindi
- Last Updated: September 1, 2020, 12:52 PM IST
नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर फेसबुक से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कथित गठजोड़ (Facebook and Bjp) को लेकर सत्ताधारी दल को घेरा है. राहुल ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा कि किसी विदेशी कंपनी को हमारे राष्ट्रीय मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई भी अधिकार ना दे. राहुल ने विदेशी अखबार और पत्रिकाओं में प्रकाशित रिपोर्ट्स के आधार पर जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे सजा दी जाए. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा कि फेसबुक और वॉट्सऐप ने भारत की लोकतांत्रिक और सांप्रदायिक एकता को खंडित किया है.
राहुल गांधी ने लिखा- 'अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भारत के लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव पर फेसबुक और वॉट्सऐप के हमले को पूरी तरह से उजागर किया है. एक विदेशी कंपनी को हमारे देश के मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. उनकी तुरंत जांच की जानी चाहिए और दोषी पाए जाने पर दंडित किया जाना चाहिए.'
कांग्रेस ने फिर लगाया भाजपा और फेसबुक के बीच साठगांठ का आरोपकांग्रेस ने अमेरिका के एक अखबार की ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को भाजपा एवं फेसबुक के बीच साठगांठ का आरोप एक बार फिर लगाया और कहा कि विदेशी सोशल नेटवर्किंग कंपनी का कृत्य ‘डिजिटल साम्राज्यवाद’ है. पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि फेसबुक इंडिया से जुड़े लोगों की जांच होने तक इस कंपनी के लंबित प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए. कांग्रेस के आरोपों पर फेसबुक और भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
मामले की हो जेपीसी जांच- कांग्रेस
चौधरी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘दो सप्ताह के भीतर तीन प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के लेखों में इस बात का खुलासा हुआ कि फेसबुक एवं वाट्सऐप ने भारत के लोकतंत्र को धूमिल करने और देश के सामाजिक सद्भाव को तार-तार करने के लिए भाजपा के साथ साठगांठ की. ताजा खुलासा भी इसी बात का प्रमाण है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह डिजिटल साम्राज्यवाद है. चौधरी ने कहा, ‘मामले की जेपीसी की जांच हो, फेसबुक इंडिया से जुड़े लोगों की जांच हो. जांच होने तक फेसबुक और वाट्सऐप के लिए लाइसेंस एवं अनुमति के लंबित प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिले. भारत में मौजूद सभी विदेशी प्रौद्योगिकी कंपनियों के लोक नीति मामलों से जुड़े प्रमुखों के क्रियाकलापों की सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति से जांच कराई जाए.’
जानें क्या है पूरा मामला?
अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि जब चुनावों में कांग्रेस की हार हुई थी तो भारत में फेसबुक के एक शीर्ष पदाधिकारी ने आंतरिक कार्यालयी संवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खूब तारीफ की थी और कहा था कि यह तीस साल की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
राहुल गांधी ने लिखा- 'अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भारत के लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव पर फेसबुक और वॉट्सऐप के हमले को पूरी तरह से उजागर किया है. एक विदेशी कंपनी को हमारे देश के मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. उनकी तुरंत जांच की जानी चाहिए और दोषी पाए जाने पर दंडित किया जाना चाहिए.'
International media have fully exposed Facebook’s & WhatsApp's brazen assault on India's democracy & social harmony.
No one, let alone a foreign company, can be allowed to interfere in our nation's affairs.They must be investigated immediately & when found guilty, punished. pic.twitter.com/5tRw797L2y— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 1, 2020
मामले की हो जेपीसी जांच- कांग्रेस
चौधरी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘दो सप्ताह के भीतर तीन प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के लेखों में इस बात का खुलासा हुआ कि फेसबुक एवं वाट्सऐप ने भारत के लोकतंत्र को धूमिल करने और देश के सामाजिक सद्भाव को तार-तार करने के लिए भाजपा के साथ साठगांठ की. ताजा खुलासा भी इसी बात का प्रमाण है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह डिजिटल साम्राज्यवाद है. चौधरी ने कहा, ‘मामले की जेपीसी की जांच हो, फेसबुक इंडिया से जुड़े लोगों की जांच हो. जांच होने तक फेसबुक और वाट्सऐप के लिए लाइसेंस एवं अनुमति के लंबित प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिले. भारत में मौजूद सभी विदेशी प्रौद्योगिकी कंपनियों के लोक नीति मामलों से जुड़े प्रमुखों के क्रियाकलापों की सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति से जांच कराई जाए.’
जानें क्या है पूरा मामला?
अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि जब चुनावों में कांग्रेस की हार हुई थी तो भारत में फेसबुक के एक शीर्ष पदाधिकारी ने आंतरिक कार्यालयी संवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खूब तारीफ की थी और कहा था कि यह तीस साल की कड़ी मेहनत का परिणाम है.