केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रमुख आलोक वर्मा ने मंगलवार को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के सभी आरोपों से इनकार कर दिया और उन्होंने कहा कि मैने वहीं किया है जो जांच के लिए जरूरी था. वर्मा ने यह बातें उनके खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के आदेश के जवाब में कहीं.
सीवीसी ने पिछले हफ्ते महत्वपूर्ण
मामलों की जांच करने वाले कुछ
सीबीआई अधिकारियों की जांच की थी, जिसमें विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी.
जिसके बाद केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर जांच शुरू की है.
गौरतलब है कि
आलोक कुमार वर्मा ने सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद उनकी याचिका पर न्यायालय सुनवाई के लिए सहमत हुआ.
वर्मा और अस्थाना के बीच
विवाद हाल ही में बढ़ गया, जिसके बाद अस्थाना और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें उप पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार भी शामिल थे.
याचिका में उन्होंने कहा था कि सीबीआई से अपेक्षा की जाती है कि वह पूरी तरह से स्वतंत्र और स्वायत्तता के साथ काम करे और ऐसी स्थिति में कुछ ऐसे अवसर भी आते हैं जब उच्च पदाधिकारियों के मामलों की जांच वह दिशा नहीं लेती जिसकी सरकार अपेक्षा करती हो.
वर्मा ने कहा था कि केन्द्र और केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) का कदम पूरी तरह से गैरकानूनी है और ऐसे हस्तक्षेप से इस प्रमुख जांच संस्था की स्वतंत्रता तथा स्वायत्तता का क्षरण होता है.
बता दें कि
सरकार ने विवादों में उलझे सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था. एक सरकारी आदेश में कहा गया कि
प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली नियुक्ति समिति ने संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को तत्काल प्रभाव से सीबीआई निदेशक के पद का प्रभार दिया. उनकी जगह नागेश्वर राव को एजेंसी के निदेशक का प्रभार दिया गया. वर्मा और अस्थाना से सारे अधिकार भी वापस ले लिए गए.
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Tags: Alok verma, CBI, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : November 06, 2018, 16:30 IST