नई दिल्ली. भारत के वीर सपूतों की याद में बीते 50 सालों से इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के साथ विलय होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने साल 2019 में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था. शुक्रवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में अग्नि को नए स्थान तक ले जाया जाएगा. गणतंत्र दिवस से पहले सैन्य अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि करते हैं.
शुक्रवार दोपहर होने वाले समारोह में जलती हुई अग्नि के कुछ हिस्से को इंडिया गेट से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जल रही ज्वाला तक ले जाया जाएगा. इसके बाद इंडिया गेट पर ज्वाला को बुझा दिया जाएगा. इंडिया गेट के पास स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण 40 एकड़ से ज्यादा इलाके में हुआ है और आजाद भारत के लिए शहीद होने वाले 26 हजार से ज्यादा भारतीय सैनिकों का नाम दर्ज है. यहां एक राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय भी है.
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भाषा के अनुसार, अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे. इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था. इंडिया गेट स्थित पर अमर जवान ज्योति पर सभी सैनिकों के सम्मान में एक स्मारक है, जहां संगमरमर पर राइफल और सैनिक का हैलमेट लगा हुआ है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आधिकारिक सूत्रों ने पहले कहा था कि अलग-अलग युद्धों में देश के लिए जान गंवाने वाले सैन्य कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए कोई युद्ध स्मारक नहीं था, इसलिए इंडिया गेट पर यह ज्वाला थी. अब जब यहां एक समर्पित संग्रहालय है, तो ज्वाला को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्वाला के साथ मिलाया जाएगा.
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