केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Minister Amit Shah) ने देश में अवैध अप्रवासियों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. शाह ने कहा कि वो देश में एक भी अवैध घुसपैठिया को नहीं रहने देंगे. असम (Assam) से एनआरसी (NRC) के मुद्दे को तेजी से तय समय में पूरा किया गया है. अमित शाह ने नॉर्थ ईस्ट काउंसिल के 68वें पूर्णसत्र को संबोधित करते हुए ये बात कही. अमित शाह नार्थईस्ट काउंसिल के चेयरमैन भी हैं. नार्थ ईस्ट के इस सत्र में पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी भाग लिया.
गृहमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर बहुत से लोग कई तरह के प्रश्न उठाते हैं, लेकिन उनको यह स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि हम एक भी अवैध घुसपैठियों को देश में नहीं रहने देंगे. एनआरपी के मुद्दे पर हम लोगों से प्रतिबद्धता हैं. अमित शाह ने कहा कि एनआरसी को तय समय पर पूरा किया गया है.

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में एक भी अवैध प्रवासियों को रहने नहीं दिया जाएगा.
एनआरसी पर सुप्रीम कोर्ट
गौरतलब है कि अवैध अप्रवासियों को लेकर असम काफी समय से प्रभावित रहा है. राज्य को लोगों ने इसी मुद्दे पर बीजेपी को अपना समर्थन दिया था. जहां तक की देश की सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को अवैध अप्रवासियों की समस्या को खत्म करने का निर्देश दिया था. उल्लेखनीय है कि एनआरसी में नाम डलवाने के लिए 3 करोड़ 30 लाख 27 हजार 661 लोगों ने आवेदन दिया था.
एनआरसी सूची को लेकर लोगों में असंतोष
लोगों के दस्तावेजों की जांच के बाद 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों के नाम शामिल किया गया. साथ ही कुल 19 लाख 6 हजार 657 लोगों के नाम एनआरसी से बाहर किया गया. हालांकि एनआरसी में लोगों को शामिल करने को लेकर कई तरह की त्रुटियां सामने आई हैं. जिसको देखते हुए असम सरकार ने कहा है कि जिनका नाम एनआरसी में नहीं है उन्हें विदेशी ट्रिब्यूनल के सामने अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा.
हिमंत बिस्वा सरमा ने लोगों को दिया आश्वासन
बता दें कि एनआरसी की सूची आने के बाद, असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और राज्य भाजपा प्रमुख रंजीत कुमार दास ने भी अपनी अप्रसन्नता जाहिर की थी. सरमा और दास दोनों ने कहा था कि वास्तविक भारतीयों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार विधायी कदम उठाएगी.
उल्लेखनीह है कि एनआरसी लिस्ट आने के बादअमित शाह की यह पहली असम यात्रा है. इससे पहले तीन और चार अगस्त को एनईसी की बैठक में भाग लेने वाले थे, लेकिन बैठक को स्थगित कर दिया गया था. क्योंकि उसी दौरान पांच अगस्त को सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का प्रावधान देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किया था.
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FIRST PUBLISHED : September 08, 2019, 18:18 IST