सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती देने वाली जकिया जाफरी की याचिका को गत 24 जून को खारिज कर दिया. शीर्ष अदालत ने इस मामले में अपनी टिप्पणी में कहा कि जकिया जाफरी की अपील योग्यता से रहित है और खारिज करने योग्य है.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2002 में गुजरात दंगों के दौरान जो हुआ उस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले, गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में मीडिया, गैर सरकारी संगठनों और राजनीतिक दलों की भूमिका, भारत की न्यायपालिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वास पर बात की. आपको बता दें कि 2002 के गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती देने वाली जकिया जाफरी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने गत 24 जून को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ जकिया जाफरी की विरोध याचिका को खारिज करने के मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखा. शीर्ष अदालत ने इस मामले में अपनी टिप्पणी में कहा कि जकिया जाफरी की अपील योग्यता से रहित है और खारिज करने योग्य है.
अधिक पढ़ें ...गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 2002 के गुजरात दंगों का मूल कारण गोधरा में ट्रेन का जलना था. 16 दिन के बच्चे सहित 59 लोगों को आग के हवाले किया गया…कोई परेड नहीं की गई, यह झूठ है. उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया और परिवारों द्वारा शवों को बंद एम्बुलेंस में उनके घर ले जाया गया.
#WATCH | …Basic reason for the riots was Godhra train burning. 59 people, incl a 16-day-old child, were set on fire…No parade was done, it’s false. They were taken to Civil Hospital & bodies were taken by families to their homes in closed ambulances: HM on 2002 Gujarat riots. pic.twitter.com/PrFFrfVSCV
— ANI (@ANI) June 25, 2022
शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने ’38 विधायकों के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को दुर्भावनापूर्ण रूप से वापस लेने’ के संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के गृह मंत्री, डीजीपी महाराष्ट्र को लिखा पत्र. कहा, ‘सरकार उनकी और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है.’
Rebel Shiv Sena MLA Eknath Shinde writes to CM Uddhav Thackeray, Maharashtra Home Minister, DGP Maharashtra regarding “Malicious withdrawal of security of family members of the 38 MLAs”
“The government is responsible for protecting them and their families,” he tweets pic.twitter.com/f4riPwx4xM
— ANI (@ANI) June 25, 2022
2002 के गुजरात दंगों पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘मोदी जी ने उदाहरण पेश किया कि कैसे संविधान का सम्मान किया जा सकता है. उनसे पूछताछ की गई लेकिन किसी ने धरना नहीं दिया और कार्यकर्ता उनके साथ एकजुटता दिखाने के जिए सड़कों पर नहीं उतरे. अगर आरोप लगाने वालों में अंतरात्मा है, तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए.’
#WATCH | “…Modi ji set an example, showing how Constitution can be honoured. He was questioned but nobody staged dharna & workers didn’t come to stand in solidarity with him…If those who levelled allegations have a conscience, they should apologise,” HM on 2002 Gujarat riots. pic.twitter.com/K2UymZDAth
— ANI (@ANI) June 25, 2022
न्यूज एजेंसी एएनआई से हुई बातचीत में 2002 के दंगों के दौरान गुजरात सरकार की कार्रवाई पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘जहां तक गुजरात सरकार का सवाल है, हमें देर नहीं हुई. जिस दिन गुजरात बंद का आह्वान किया गया था, उस दिन दोपहर में ही हमने सेना बुला ली थी. सेना को पहुंचने में थोड़ा समय लगता है…एक दिन की भी देरी नहीं हुई थी. कोर्ट ने भी इसकी सराहना की.’
#WATCH | As far as Gujarat Govt is concerned, we were not late. The day Gujarat Bandh call was given, we called Army that afternoon itself. Army takes some time to reach…There wasn’t even a day’s delay.Court appreciated it too: HM on then Gujarat Govt’s action during 2002 riots pic.twitter.com/SUlv71IZrQ
— ANI (@ANI) June 25, 2022
गुजरात दंगों पर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं, ‘सब कुछ (स्थिति को नियंत्रित करने के लिए) किया गया था…इसे नियंत्रित करने में समय लगता है…गिल साहब (पूर्व पंजाब डीजीपी, दिवंगत केपीएस गिल) ने कहा था कि उन्होंने उनके जीवन में कभी भी इतना अधिक तटस्थ और त्वरित कार्रवाई नहीं देखी. फिर भी, उनके खिलाफ भी आरोप लगाए गए.’
#WATCH | Speaking on Gujarat riots, HM says, “Everything was done (to control situation)…It takes time to control…Gill Sahab(ex-Punjab DGP, late KPS Gill) had said that he never saw a more neutral & prompt action in his life. Still, allegations were levelled even against him” pic.twitter.com/ezyOimA3Dw
— ANI (@ANI) June 25, 2022
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर एएनआई के साथ हुई बातचीत में कहा, ‘अधिकारियों और पुलिस प्रशासन ने दंगों को नियंत्रित करने में अच्छा काम किया. लेकिन घटना (गोधरा ट्रेन जलने) से गुस्सा था, और किसी को भनक तक नहीं लगी, न पुलिस को, न किसी और को. बाद में यह किसी के हाथ में नहीं था.’
People (officers-administration) had done a good job. But there was anger due to the incident (Godhra train burning), and nobody had an inkling – neither the Police, not anyone else. Later it wasn’t in anyone’s hands: Union Home Minister Amit Shah, on 2002 Gujarat riots pic.twitter.com/KVaXRyYFyL
— ANI (@ANI) June 25, 2022
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2002 गुजरात दंगों पर कहा, ‘कोई पेशेवर इनपुट नहीं था कि इस तरह की उग्र प्रतिक्रियाएं होंगी…कोई परेड (गोधरा ट्रेन में जलने वाले पीड़ितों के शव के साथ) नहीं की गई थी, यह गलत है. उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया. बंद एम्बुलेंस में परिजनों के साथ शवों को उनके घरों तक ले जाया गया.’
There was no professional input that there would be such escalated reactions…No parade(of bodies of Godhra train burning victims)was done, it’s false. They were taken to Civil Hospital & bodies were taken by families to their homes in closed ambulances: HM on 2002 Gujarat riots pic.twitter.com/G1qpCOyy9l
— ANI (@ANI) June 25, 2022
अमित शाह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा कि ट्रेन (गोधरा) जलाने के बाद हुए दंगे पूर्व नियोजित नहीं थे, बल्कि स्व-प्रेरित थे. इसने तहलका के स्टिंग ऑपरेशन को खारिज कर दिया. क्योंकि जब इसके पहले और बाद के फुटेज सामने आए तो पता चला कि स्टिंग ऑप राजनीति से प्रेरित था.
#WATCH | …Court said in judgement today that riots after burning of train (Godhra) weren’t pre-planned but self-motivated. It dismissed Tehelka’s sting operation because when the footage before&after it came to light, it was found that the sting op was politically motivated: HM pic.twitter.com/OKf7OYatyd
— ANI (@ANI) June 25, 2022
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जकिया जाफरी ने किसी और के निर्देश पर काम किया. एनजीओ ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें पता भी नहीं चला. सभी जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ का एनजीओ ऐसा कर रहा था. जब यूपीए सरकार उस समय सत्ता में आई, तो उसने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ की मदद की.’
#WATCH |Today SC said Zakia Jafri worked on someone else’s instructions. NGO signed affidavits of several victims&they didn’t even know. Everyone knows Teesta Setalvad’s NGO was doing this. When UPA Govt came to power at that time, it helped the NGO: HM Shah on 2002 Gujarat riots pic.twitter.com/wQ8yMwqxG7
— ANI (@ANI) June 25, 2022
जकिया जाफरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘मैंने फैसला (24 जून) को जल्दबाजी में पढ़ा, लेकिन इसमें स्पष्ट रूप से तीस्ता सीतलवाड़ के नाम का उल्लेख है. उनका एक एनजीओ था, जिसने सभी पुलिस थानों में भाजपा कार्यकर्ताओं से जुड़े ऐसे आवेदन दिए थे. मीडिया द्वारा इतना दबाव था कि सभी आवेदनों को सच मान लिया गया.’
#WATCH | “I read the judgement(24th June’s)hurriedly but it clearly mentions Teesta Setalvad’s name. She had an NGO that gave such applications involving BJP workers, at all Police Stations.There was so much pressure by media that all applications were treated as truth,” says HM pic.twitter.com/441rmGfXsS
— ANI (@ANI) June 25, 2022
इस आलोचना पर कि गुजरात दंगों के दौरान राज्य पुलिस और अधिकारी बहुत कुछ नहीं कर सके, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘भाजपा के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों, वैचारिक रूप से प्रेरित और राजनीति से प्रेरित पत्रकारों व कुछ गैर सरकारी संगठनों की तिकड़ी ने आरोपों को प्रचारित किया. उनके पास एक मजबूत ईकोसिस्टम था, इसलिए हर कोई झूठ को सच मानने लगा.’
#WATCH | Troika of BJP’s political rivals,ideologically driven politically motivated journalists&some NGOs publicised the allegations. They had a strong ecosystem so everyone started believing lies to be truth: HM on criticism that Police&officials couldn’t do much(Gujarat riots) pic.twitter.com/vZLxS329ja
— ANI (@ANI) June 25, 2022
ईडी की राहुल गांधी से पूछताछ पर कांग्रेस के विरोध में गृह मंत्री अमित शाह ने तंज कसते हुए कहा, ‘मोदी जी ने एसआईटी के सामने पेश होते हुए ड्रामा नहीं किया. मेरे समर्थन में सामने आओ, विधायकों-सांसदों को बुलाओ और धरना करो…अगर एसआईटी सीएम से सवाल करना चाहती है, तो वह खुद सहयोग करने के लिए तैयार है. विरोध क्यों?’
#WATCH | “Modi ji didn’t do drama while appearing before SIT – come out in my support, call MLAs-MPs & stage dharna…If SIT wants to question CM,he himself is ready to cooperate. Why protest?..,” says HM in an apparent jibe at Congress protest over Rahul Gadhi’s ED questioning pic.twitter.com/f068nslYJ5
— ANI (@ANI) June 25, 2022
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, एक बड़े नेता ने बिना एक शब्द कहे और भगवान शंकर के ‘विशपान’ की तरह सभी दर्द को झेलते हुए 18-19 साल की लंबी लड़ाई लड़ी. मैंने उन्हें बहुत करीब से यह दर्द सहते हुए देखा है. केवल एक मजबूत इरादों वाला व्यक्ति ही कुछ न कहने का स्टैंड ले सकता था, क्योंकि मामला विचाराधीन था.
#WATCH | A tall leader fought this 18-19-yr-long fight without saying a word&braving all pain like ‘vishpaan’ of Lord Shankar…I saw him suffering through this very closely. Only a strong-willed person could’ve taken stand to not say anything as case was sub-judice: HM Amit Shah pic.twitter.com/aATkeKbKhE
— ANI (@ANI) June 25, 2022
एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में 2002 में गुजरात दंगों के दौरान जो हुआ उस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी चुप्पी तोड़ी.
#WATCH LIVE | HM Amit Shah breaks his silence on what happened during the 2002 Gujarat riots. An interview with ANI Editor Smita Prakash. https://t.co/qkX9eAYeG6
— ANI (@ANI) June 25, 2022
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2002 में गुजरात दंगों के दौरान जो हुआ उस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले, गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में मीडिया, गैर सरकारी संगठनों और राजनीतिक दलों की भूमिका, भारत की न्यायपालिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वास पर बात की. आपको बता दें कि 2002 के गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती देने वाली जकिया जाफरी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने गत 24 जून को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ जकिया जाफरी की विरोध याचिका को खारिज करने के मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखा. शीर्ष अदालत ने इस मामले में अपनी टिप्पणी में कहा कि जकिया जाफरी की अपील योग्यता से रहित है और खारिज करने योग्य है.