Exclusive: जहां नक्सली करते हैं बार-बार हमला, वहां पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह, आदिवासियों से किया संवाद
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Amit shah: बस्तर रीजन के सुकमा जिले में पोटकपल्ली सुरक्षा कैंप वह जगह है जिसे नक्सलियों ने 10 बार निशाना बनाया है. यहां देश के गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे. बस्तर रीजन जगदलपुर से 120 किलोमीटर दूर पोटकपल्ली इलाका है. करीब डेढ़ साल पहले तक नक्सलियों का यह इलाका गढ़ हुआ करता था और लगातार सुरक्षाबलों को निशाना बनाया जाता था, लेकिन कुछ महीने पहले ही यहां पर सीआरपीएफ का कैंप बनाया गया है. यहां पहुंचे अमित शाह ने कहा कि उग्रवाद से जंग जारी है. सीआरपीएफ को सलाम.
गृहमंत्री अमित शाह बस्तर रीजन के सुकमा जिले में नक्सल प्रभावित पोटकपल्ली सुरक्षा कैंप पर पहुंचे. (News 18)बस्तर. बस्तर रीजन के सुकमा जिले में पोटकपल्ली सुरक्षा कैंप वह जगह है जिसे नक्सलियों ने 10 बार निशाना बनाया है. यहां देश के गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे. बस्तर रीजन जगदलपुर से 120 किलोमीटर दूर पोटकपल्ली इलाका है. करीब डेढ़ साल पहले तक नक्सलियों का यह इलाका गढ़ हुआ करता था और लगातार सुरक्षाबलों को निशाना बनाया जाता था, लेकिन कुछ महीने पहले ही यहां पर सीआरपीएफ का कैंप बनाया गया है. इसका मकसद यही है कि नक्सल गतिविधियों के केंद्र के अंदरूनी इलाकों में ऐसे सुरक्षा कैंप स्थापित किए जाएं ताकि नक्सलियों का सफाया कर इस क्षेत्र को विकास की धारा से जोड़ा जा सके. यहां पहुंचे केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने CRPF को सलाम किया और उग्रवाद पर करारा प्रहार किया. अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि देश में सीआरपीएफ की 246 बटालियन है जो अलग-अलग विंग्स में अपनी सेवा दे रही है. CRPF ने आदिवासियों तक विकास पहुंचाया. आगे अमित शाह बोले कि उग्रवाद से जंग जारी है.
गृहमंत्री अमित शाह ने इस खतरनाक कैंप का दौरा किया और जवानों का हौसला बढ़ाया. न्यूज 18 इंडिया ने भी इस पूरे दौरे को कवर किया. अमित शाह ने कैंप को लेकर जानकारी ली. किस तरीके से नक्सल प्रभावित इलाकों में एक और नक्सलियों को नेस्तनाबूद किया जा रहा है तो दूसरी और वहां रहने वाले लोगों को विकास की धारा से जोड़ा जा रहा है. यह पूरी योजना क्रमबद्ध तरीके से चल रही है. घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच में यह पोटकपल्ली कैंप बनाया गया है. यहा लगातार जवानों की गश्त रहती है और सुरक्षा के साथ-साथ स्थानीय लोगों से संपर्क बनाने की कोशिश की जाती है. गृहमंत्री अमित शाह ने इसी क्रम में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन का प्रेजेंटेशन भी लिया. यहां पर तैनात जवानों का कहना है कि उनका मनोबल बढ़ रहा है.
सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए ज्वाइंट पोस्ट
इसके लिए समन्वय पर भी ध्यान दिया गया है. यहां ज्वाइंट पोस्ट बनाई गई है, जिसमें सीआरपीएफ जवान और छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान हैं. इसमें यह दिखाया है कि कैसे दोनों सुरक्षा बल एक साथ काम कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारी जो यहां पर तैनात हैं उनका कहना है कि इससे ऑपरेशन और बेहतर तरीके का होता है और उसमें गुणवत्ता आती है. नक्सलियों को खत्म करने के लिए इसी तरीके के ज्वाइंट पोस्ट बनाए जाने की जरूरत है. अपने दौरे के दौरान गृह मंत्री अमित शाह मेडिकल इंटरवेंशन रूम का जायजा लेने पहुंचे, जहां जवानों को घायल होने पर इलाज की सुविधा मिलती है.
इसके लिए समन्वय पर भी ध्यान दिया गया है. यहां ज्वाइंट पोस्ट बनाई गई है, जिसमें सीआरपीएफ जवान और छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान हैं. इसमें यह दिखाया है कि कैसे दोनों सुरक्षा बल एक साथ काम कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारी जो यहां पर तैनात हैं उनका कहना है कि इससे ऑपरेशन और बेहतर तरीके का होता है और उसमें गुणवत्ता आती है. नक्सलियों को खत्म करने के लिए इसी तरीके के ज्वाइंट पोस्ट बनाए जाने की जरूरत है. अपने दौरे के दौरान गृह मंत्री अमित शाह मेडिकल इंटरवेंशन रूम का जायजा लेने पहुंचे, जहां जवानों को घायल होने पर इलाज की सुविधा मिलती है.
अमित शाह ने किया स्कूल का निरीक्षण
गृह मंत्री अमित शाह अपने इस दौरे में कैंप के बगल बने स्थानीय स्कूल भी गए, जहां उन्होंने बच्चों से बात की. इसके अलावा क्या पढ़ाया जाता है इस बात की भी जानकारी ली. वहां लोगों से पूछा कि शिक्षा कैसे मिलती है. इसके बाद आम जनता से भी बात की है जो कि स्थानीय निवासी आदिवासी हैं. उनका कहना है कि नक्सलियों से अच्छी सरकार है, क्योंकि यह हमारी दिक्कत समझती है. इसके बाद राशन डिसटीब्यूशन सेंटर पर गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे. वहां लोगों से पूछा कि क्या आपको समय पर सामान मिल रहा है.. यहां न्यूज 18 इंडिया ने लोगों से नक्सलियों और सरकार के बारे में बात की तो लोगों का कहना है कि सरकार हमें सुविधा पहुंचा रही है. इस सवाल पर कि सरकार अच्छी है या नक्सली तो लोगों का कहना था कि सरकार ज्यादा अच्छी है, क्योंकि हमारे हित के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
गृह मंत्री अमित शाह अपने इस दौरे में कैंप के बगल बने स्थानीय स्कूल भी गए, जहां उन्होंने बच्चों से बात की. इसके अलावा क्या पढ़ाया जाता है इस बात की भी जानकारी ली. वहां लोगों से पूछा कि शिक्षा कैसे मिलती है. इसके बाद आम जनता से भी बात की है जो कि स्थानीय निवासी आदिवासी हैं. उनका कहना है कि नक्सलियों से अच्छी सरकार है, क्योंकि यह हमारी दिक्कत समझती है. इसके बाद राशन डिसटीब्यूशन सेंटर पर गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे. वहां लोगों से पूछा कि क्या आपको समय पर सामान मिल रहा है.. यहां न्यूज 18 इंडिया ने लोगों से नक्सलियों और सरकार के बारे में बात की तो लोगों का कहना है कि सरकार हमें सुविधा पहुंचा रही है. इस सवाल पर कि सरकार अच्छी है या नक्सली तो लोगों का कहना था कि सरकार ज्यादा अच्छी है, क्योंकि हमारे हित के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली नेताओं की फोटो चस्पा
आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली नेताओं की तस्वीर इस कैंप के सामने लगाई गई है और कहा गया है कि आप मुख्यधारा में आएं. पिछले साल सितंबर में जिस महिला ने आत्मसमर्पण किया था उसका पोस्टर अब कैंप के सामने लगाया गया है. आसपास गुजरने वाले स्थानीय लोगों के लिए यह लिखा गया है कि नक्सली आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा से जुड़ें. इन कैंप को फॉरवर्ड ऑपरेटिंग पोस्ट भी कहा जाता है. यहां अब तक 18 से ज्यादा पोस्ट बनाई जा चुकी हैं. नक्सलियों के अंदरूनी इलाकों में जहां वह बेहद ज्यादा सक्रिय थे.. अब केंद्र और राज्य सरकार यही कोशिश कर रही हैं कि इन कैंप के पास सरकारी सुविधा और मूलभूत ढांचा विकसित किया जाए ताकि आम जनता सुरक्षाबलों की मदद से सरकार की योजना तक पहुंच सके.
आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली नेताओं की तस्वीर इस कैंप के सामने लगाई गई है और कहा गया है कि आप मुख्यधारा में आएं. पिछले साल सितंबर में जिस महिला ने आत्मसमर्पण किया था उसका पोस्टर अब कैंप के सामने लगाया गया है. आसपास गुजरने वाले स्थानीय लोगों के लिए यह लिखा गया है कि नक्सली आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा से जुड़ें. इन कैंप को फॉरवर्ड ऑपरेटिंग पोस्ट भी कहा जाता है. यहां अब तक 18 से ज्यादा पोस्ट बनाई जा चुकी हैं. नक्सलियों के अंदरूनी इलाकों में जहां वह बेहद ज्यादा सक्रिय थे.. अब केंद्र और राज्य सरकार यही कोशिश कर रही हैं कि इन कैंप के पास सरकारी सुविधा और मूलभूत ढांचा विकसित किया जाए ताकि आम जनता सुरक्षाबलों की मदद से सरकार की योजना तक पहुंच सके.
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