केमिस्ट उमेश कोल्हे की 21 जून को चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के सूत्रों के मुताबिक अमरावती के उमेश कोल्हे हत्याकांड के आरोपियों में से 3 आरोपियों को संदिग्ध इंटरनेशनल कॉल्स आए थे. सूत्रों की मानें, तो ये संदिग्ध कॉल्स हत्याकांड के आरोपी इरफान शेख,अब्दुल तौफीक और आतिब राशिद को 25 मई को जर्मनी, ब्रिटेन और पाकिस्तान से आए थे. हालांकि, पूछताछ में आरोपियों ने इन इंटरनेशनल कॉल्स को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की है, लेकिन आरोपियों के सीडीआर में मिले ये नम्बर एजेंसियों की संदिग्ध सूची में मौजूद हैं.
एनआईए के सूत्रों के मुताबिक उन्हें शक है कि उदयपुर में दर्जी की हत्या के आरोपियों के पाकिस्तान लिंक में मौजूद प्रोपगेंडा मास्टरमाइंड और अमरावती हत्याकांड के आरोपियों के विदेशों में बैठे प्रोपगेंडा मुखिया या तो एक दूसरे से जुड़े हैं या तो एक ही हैं और यही वजह है कि एनआईए उन्हें इस मामले की जांच के लिए राजस्थान लेकर जानेवाली है.
गौरतलब है कि केमिस्ट उमेश कोल्हे की 21 जून को अमरावती में चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. वह अपनी दुकान बंद करने के बाद रात में घर लौट रहे थे. उमेश कोल्हे ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की टिप्पणी का समर्थन किया था.
आरोपियों की हिरासत 22 जुलाई तक बढ़ी
इससे पहले, एनआईए ने शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत में कहा कि नुपुर शर्मा का कथित तौर पर समर्थन करने को लेकर अमरावती में एक केमिस्ट की हत्या के ‘अंतरराष्ट्रीय प्रभाव’ हैं. वहीं, अदालत ने मामले में गिरफ्तार सात आरोपियों की एनआईए हिरासत अवधि 22 जुलाई तक बढ़ा दी. एनआईए ने इस घटना की जांच अमरावती पुलिस से अपने हाथ में ले ली है. एजेंसी ने आरोपियों की प्रारंभिक हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें शुक्रवार को मुंबई की विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश किया.
‘हत्या के पीछे का मकसद समाज के एक तबके को आतंकित करना’
एनआईए ने आरोपियों को और आठ दिनों के लिए हिरासत में दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है और इसके ‘राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव’ हैं. एजेंसी ने कहा कि इस हत्या के पीछे का मकसद समाज के एक तबके को आतंकित करना था. एनआईए ने कहा कि आरोपियों ने मिलकर साजिश रची थी तथा एक संदिग्ध अभी फरार है. उसने कहा कि मामले में आगे की जांच के लिए आरोपियों को राजस्थान ले जाने की जरूरत है.
बचाव पक्ष के वकील ने क्या कहा
एजेंसी ने बचाव पक्ष के वकीलों के इस दावे का खंडन किया कि यह घटना दोस्तों के बीच आपसी लड़ाई का नतीजा थी. बचाव पक्ष के वकील शरीफ शेख ने हिरासत अवधि बढ़ाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि कोई ठोस आधार नहीं है. उन्होंने दावा किया कि कोल्हे की हत्या उदयपुर की घटना से पहले हुई थी और जांच एजेंसी इसे अलग रंग देने की कोशिश कर रही है. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपियों की हिरासत अवधि बढ़ा दी.
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