अमेरिकी तकनीक से देसी गायों की संख्या बढ़ाने के लिए ये है केंद्र की योजना

गायों की संख्या बढ़ाने के लिए पशुपालन मंत्रालय अमेरिकी तकनीक अपनाने जा रहा है
केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय (ministry of animal husbandry) अमेरिकी तकनीक सेक्स सॉर्टेड सीमेन (sex sorted semen) के माध्यम से देश में देसी नस्ल की गायों (Cows) की संख्या बढ़ाने पर काम कर रहा है.
- News18India
- Last Updated: September 3, 2019, 8:28 PM IST
देशभर के पशुधन में दुधारू गायों की संख्या बढ़ाने के लिए पशुपालन और मत्स्य मंत्रालय (ministry of animal husbandry and fishiries) अमेरिकी तकनीक अपनाने जा रहा है. इस तकनीक से बछड़ों की बढ़ती संख्या को भी नियंत्रित किया जाएगा. इस अमेरिकी तकनीक को सेक्स सॉर्टेड सीमेन (sex sorted semen) कहा जाता है. राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Gokul Mission) के तहत मंत्रालय देशभर में इसके लिए 13 आधुनिक लैब भी बना रहा है. इनमें सालाना करीब 40 लाख सीमेन पैदा किये जाएंगे.
ऐसे नियंत्रित होगी बछड़ों की संख्या
सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक में एक्स और वाई क्रोमोसोम का अनुपात संतुलित कर नर और मादा की जन्मदर को नियंत्रित किया जाता है. आमतौर पर सीमेन में एक्स और वाई दोनों ही तरह से क्रोमोसोम होते हैं. इसमें बिना सॉर्टेड कर के सीमेन ट्रांसप्लॉट करने की स्थिति में बछड़ों की जन्म दर को नियंत्रित नहीं किया जा सकता था लेकिन विकसित देशों में ईजाद की गई इस नई तकनीक से दोनों एक्स वाई क्रोमोजोम को अलग कर दिया जाता है. गर्भाधान करने के लिए लैब में विकसित विशेष सीमेन एक्स-एक्स कोमोसोम के साथ गर्भाधान कराया जाता है. इससे बछड़ा पैदा होने की संभावना खत्म हो जाती है.
देसी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ेगी
ऋषिकेश और पुणे में शुरु की गई इस विशेष लैब में उत्तरी अमेरिका के देशों में पाई जाने वाली होल्स्टीन फ्रीसियन और जर्सी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने के लिए सीमेन डेवलप किया जा रहा है. अब इसका इस्तेमाल साहिवाल, हरियाणा, रेड सिंधी, राठी और गिर जैसी देसी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने में होगा.
देशभर में सेंटर खोलने की योजना
मौजूदा समय में ऋषिकेश के श्यामपुर और पुणे जिले के उरूली कंचन में सेक्स सॉर्टेड सीमेंन सेंटर खोले गए हैं. इसके साथ ही देशभर के अलग अलग राज्यों में कुल 13 सेंटर खोलने का काम हो रहा है. जिसमें बाबूगढ़ (हापुड़ यूपी), नाभा(पंजाब), हिसार(हरियाणा), पाटन(गुजरात), करीमनगर (तेलंगाना), ऊटी (तामिलनाडु), भोपाल (एमपी), औरंगाबाद (महाराष्ट्र) और हिमाचल प्रदेश का पालमपुर शामिल हैं.
राज्यों की मदद करेगा केंद्र
इनको खोलने में केंद्र सरकार के पशुपालन और मत्स्य मंत्रालय की तरफ से कुल लागत का 60 फीसदी हिस्सा राज्यों को मदद के तौर पर दिया जा रहा है. इस तरह के एक केंद्र खोलने में क़रीब 50 करोड़ का खर्च आता है. वहीं राज्य सरकारों को बाकी का 40 फीसदी हिस्सा देना होगा. सेक्स सॉर्टेड सीमेन की कीमत किसानों को करीब 650 रुपये प्रति यूनिट देना होगा. शुरुआती दौर में इन सेंटरों से हर साल 3 लाख प्रति यूनिट सीमेन तैयार किया जायेगा, यानी सभी केंद्रों को मिलाकर सालाना 39 से 40 लाख यूनिट सीमेन पैदा किया जाएगा.
मंत्रालय का लक्ष्य है कि आईवीएफ तकनीक से होने वाले गर्भाधान का कम से कम 5 फीसदी इस तकनीक से हो. इससे पशुधन के लिंगानुपात को नियंत्रित कर गायों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
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सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक में एक्स और वाई क्रोमोसोम का अनुपात संतुलित कर नर और मादा की जन्मदर को नियंत्रित किया जाता है. आमतौर पर सीमेन में एक्स और वाई दोनों ही तरह से क्रोमोसोम होते हैं. इसमें बिना सॉर्टेड कर के सीमेन ट्रांसप्लॉट करने की स्थिति में बछड़ों की जन्म दर को नियंत्रित नहीं किया जा सकता था लेकिन विकसित देशों में ईजाद की गई इस नई तकनीक से दोनों एक्स वाई क्रोमोजोम को अलग कर दिया जाता है. गर्भाधान करने के लिए लैब में विकसित विशेष सीमेन एक्स-एक्स कोमोसोम के साथ गर्भाधान कराया जाता है. इससे बछड़ा पैदा होने की संभावना खत्म हो जाती है.

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत मंत्रालय देशभर में 13 आधुनिक लैब बना रहा है
ऋषिकेश और पुणे में शुरु की गई इस विशेष लैब में उत्तरी अमेरिका के देशों में पाई जाने वाली होल्स्टीन फ्रीसियन और जर्सी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने के लिए सीमेन डेवलप किया जा रहा है. अब इसका इस्तेमाल साहिवाल, हरियाणा, रेड सिंधी, राठी और गिर जैसी देसी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने में होगा.
देशभर में सेंटर खोलने की योजना
मौजूदा समय में ऋषिकेश के श्यामपुर और पुणे जिले के उरूली कंचन में सेक्स सॉर्टेड सीमेंन सेंटर खोले गए हैं. इसके साथ ही देशभर के अलग अलग राज्यों में कुल 13 सेंटर खोलने का काम हो रहा है. जिसमें बाबूगढ़ (हापुड़ यूपी), नाभा(पंजाब), हिसार(हरियाणा), पाटन(गुजरात), करीमनगर (तेलंगाना), ऊटी (तामिलनाडु), भोपाल (एमपी), औरंगाबाद (महाराष्ट्र) और हिमाचल प्रदेश का पालमपुर शामिल हैं.
राज्यों की मदद करेगा केंद्र
इनको खोलने में केंद्र सरकार के पशुपालन और मत्स्य मंत्रालय की तरफ से कुल लागत का 60 फीसदी हिस्सा राज्यों को मदद के तौर पर दिया जा रहा है. इस तरह के एक केंद्र खोलने में क़रीब 50 करोड़ का खर्च आता है. वहीं राज्य सरकारों को बाकी का 40 फीसदी हिस्सा देना होगा. सेक्स सॉर्टेड सीमेन की कीमत किसानों को करीब 650 रुपये प्रति यूनिट देना होगा. शुरुआती दौर में इन सेंटरों से हर साल 3 लाख प्रति यूनिट सीमेन तैयार किया जायेगा, यानी सभी केंद्रों को मिलाकर सालाना 39 से 40 लाख यूनिट सीमेन पैदा किया जाएगा.
मंत्रालय का लक्ष्य है कि आईवीएफ तकनीक से होने वाले गर्भाधान का कम से कम 5 फीसदी इस तकनीक से हो. इससे पशुधन के लिंगानुपात को नियंत्रित कर गायों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
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