नौसेना ने किया ब्रह्मोस मिसाइल के एंटी शिप वर्जन का सफल परीक्षण

ब्रह्मोस मिसाइल का किया गया सफल परीक्षण. (File Pic)
भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना द्वारा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Brahmos Supersonic Cruise missile) के अलग-अलग संस्करण का परीक्षण किया जाना है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 1, 2020, 11:09 AM IST
नई दिल्ली. भारत ने अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा करते हुए शक्तिशाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Brahmos Supersonic Cruise missile) के एंटी शिप वर्जन (Anti Ship Version) का मंगलवार को सफल परीक्षण किया है. सूत्रों के अनुसार यह टेस्ट अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में किया गया. यह भारतीय नौसेना की ओर से किए जा रहे ट्रायल का ही हिस्सा था. बता दें कि इससे पहले भारत 24 नवंबर को सतह से सतह तक मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का भी सफल परीक्षण कर चुका है.
यह परीक्षण भी हथियार के नियोजित परीक्षणों की श्रृंखला के हिस्से के तहत किया गया था. मिसाइल के सतह पर मार करने में सक्षम इस नए संस्करण की मारक क्षमता को मूल 290 किमी से बढ़ाकर 400 किमी तक किया गया है, लेकिन इसकी गति 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुनी कायम रखी गयी है.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अलग-अलग संस्करण का परीक्षण किया जाना है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक भारत-रूसी संयुक्त उद्यम है जो इस घातक हथियार का उत्पादन करता है. ब्रह्मोस मिसाइल को पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन पर से भी दागा जा सकता है.
भारत ने पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कई रणनीतिक स्थानों पर मूल ब्रह्मोस मिसाइलों और बड़ी संख्या में अन्य प्रमुख हथियारों की तैनाती की है. भारत ने पिछले ढाई महीनों में रुद्रम-1 नामक विकिरण-रोधी मिसाइल सहित कई मिसाइलों का परीक्षण किया है. रुद्रम को 2022 तक सेना में शामिल किए जाने की योजना है.
यह परीक्षण भी हथियार के नियोजित परीक्षणों की श्रृंखला के हिस्से के तहत किया गया था. मिसाइल के सतह पर मार करने में सक्षम इस नए संस्करण की मारक क्षमता को मूल 290 किमी से बढ़ाकर 400 किमी तक किया गया है, लेकिन इसकी गति 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुनी कायम रखी गयी है.
India today testfired the anti-ship version of the BrahMos supersonic cruise missile in the Andaman and Nicobar Islands territory. The test is part of the trials being conducted by the Indian Navy: Sources
— ANI (@ANI) December 1, 2020
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अलग-अलग संस्करण का परीक्षण किया जाना है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक भारत-रूसी संयुक्त उद्यम है जो इस घातक हथियार का उत्पादन करता है. ब्रह्मोस मिसाइल को पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन पर से भी दागा जा सकता है.
भारत ने पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कई रणनीतिक स्थानों पर मूल ब्रह्मोस मिसाइलों और बड़ी संख्या में अन्य प्रमुख हथियारों की तैनाती की है. भारत ने पिछले ढाई महीनों में रुद्रम-1 नामक विकिरण-रोधी मिसाइल सहित कई मिसाइलों का परीक्षण किया है. रुद्रम को 2022 तक सेना में शामिल किए जाने की योजना है.