नंदीग्राम से ममता को बीजेपी का कोई भी उम्मीदवार 50 हजार वोटों से हरा देगाः सुवेंदु अधिकारी

सुवेन्दु अधिकारी ने कहा कि उन्होंने बीजेपी एक सच्चे राष्ट्रवादी के तौर पर ज्वॉइन किया है. फाइल फोटो
नंदीग्राम (Nandigram Assembly Seat) के मौजूदा विधायक से जब पूछा गया कि क्या वे बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं, इस पर अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने कहा कि मुख्यमंत्री चुनने का फैसला पार्टी स्तर पर लिया जाता है, ना कि व्यक्तिगत स्तर पर..."
- News18Hindi
- Last Updated: January 28, 2021, 5:39 PM IST
नई दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट (Nandigram Seat) से चुनाव लड़ने की चुनौती पर बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने पूरे विश्वास के साथ इलाके में अपने दबदबे को जाहिर करते हुए कहा कि बीजेपी के टिकट पर खड़ा कोई भी उम्मीदवार ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) 50 हजार वोटों के अंतर से हरा देगा. सीएनएन न्यूज18 के साथ इंटरव्यू में ममता बनर्जी के पूर्व सहयोगी से विरोधी बने अधिकारी ने कहा, "नंदीग्राम (Nandigram) मेरी पकड़ में है. वहां मेरा दबदबा है. हर गांव मुझसे जुड़ा है. एक या दो दिन से बल्कि 2003 से."
तृणमूल कांग्रेस की संगठनात्मक कमजोरियों गिनाते हुए उन्होंने कहा, "ममता के विधायक और सांसद "लैम्प पोस्ट" की तरह है, जबकि हर महत्वपूर्ण फैसला उनके मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक बनर्जी करते हैं. जमीनी नेताओं और मंत्रियों को किनारे कर दिया गया है. दुनिया में इनसे ज्यादा दिखावटी सरकार कोई नहीं होगी और आई-पैक चलाने वाला कॉरपोरेट व्यक्ति मंत्रियों की बेइज्जती करता है. तृणमूल कांग्रेस प्राइवेट लिमिटेड पार्टी है और अब राजनीतिक पार्टी नहीं रही."
अधिकारी ने एक महत्वपूर्ण ऐलान करते हुए कहा कि इस महीने के आखिर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे के समय राज्य की राजनीति के दो बड़े चेहरे बीजेपी ज्वॉइन करेंगे. बंगाल की मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए अधिकारी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर 23 जनवरी को विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में जय श्रीराम के नारों के बाद ममता बनर्जी का भाषण ना देना तुष्टिकरण की राजनीति है. उन्होंने कहा कि विक्टोरिया मेमोरियल कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की कोई "गलती" नहीं हुई.
उन्होंने कहा, "वहां किसी भी प्रकार की गलती नहीं हुई. पूरे कार्यक्रम में एक विजिटर के तौर पर शामिल हुआ और पूरे सम्मान के साथ कार्यक्रम सुचारू रूप से चला. बंगाल की मुख्यमंत्री को पूरे सम्मान के साथ मंच पर बुलाया गया. ये कार्यक्रम केंद्र की सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था. बनर्जी को सम्मान के साथ निमंत्रण दिया गया. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपनी बहन कहा."
ममता बनर्जी का उपहास उड़ाते हुए उन्होंने कहा, "वे लोग तुष्टिकरण के लिए इसे मुद्दा बना रहे हैं. ये सब 30 प्रतिशत वोट बैंक के लिए हो रहा है, जोकि एक खास संप्रदाय के लोग हैं. ये 30 फीसदी वोटबैंक उनके लिए फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह है." बीजेपी नेता ने कहा कि जय श्रीराम के नारे लगाना श्राप नहीं है. ये एक पवित्र नारा है. हम पूरे गर्व के साथ ये नारा लगाते हैं. बंगाल की मुख्यमंत्री को इसे स्वीकार करते हुए बंगाल और भारत के नागरिक के तौर पर अपना भाषण देना चाहिए.
नंदीग्राम के मौजूदा विधायक से जब पूछा गया कि क्या वे आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं, इस पर अधिकारी ने कहा कि उन्होंने बीजेपी एक सच्चे राष्ट्रवादी के तौर पर ज्वॉइन किया है. मुख्यमंत्री चुनने का फैसला पार्टी स्तर पर लिया जाता है, ना कि व्यक्तिगत स्तर पर..."
अधिकारी ने कहा, "बहुत सारी पार्टी चाहती थीं कि मैं अपनी पार्टी बनाऊं और उनके साथ गठबंधन करूं. टीएमसी, कांग्रेस और सीपीआई के हजारों कार्यकर्ता बीजेपी ज्वॉइन कर रहे हैं. राज्य के दो बड़े चेहरे 31 जनवरी को अमित शाह के दौरे के समय बीजेपी ज्वॉइन करेंगे."
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कोलकाता में ममता बनर्जी की ओर से यूनाइटेड इंडिया रैली के आयोजन पर तंज कसते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ये बंगाल की मुख्यमंत्री के प्रयासों का ही नतीजा था कि बीजेपी आम चुनाव में बंगाल दूसरी पार्टी बनकर उभरी और 18 सीटों पर जीत हासिल की.

यूनाइटेड इंडिया रैली को आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी नेताओं ने संबोधित किया था.
तृणमूल कांग्रेस की संगठनात्मक कमजोरियों गिनाते हुए उन्होंने कहा, "ममता के विधायक और सांसद "लैम्प पोस्ट" की तरह है, जबकि हर महत्वपूर्ण फैसला उनके मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक बनर्जी करते हैं. जमीनी नेताओं और मंत्रियों को किनारे कर दिया गया है. दुनिया में इनसे ज्यादा दिखावटी सरकार कोई नहीं होगी और आई-पैक चलाने वाला कॉरपोरेट व्यक्ति मंत्रियों की बेइज्जती करता है. तृणमूल कांग्रेस प्राइवेट लिमिटेड पार्टी है और अब राजनीतिक पार्टी नहीं रही."
अधिकारी ने एक महत्वपूर्ण ऐलान करते हुए कहा कि इस महीने के आखिर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे के समय राज्य की राजनीति के दो बड़े चेहरे बीजेपी ज्वॉइन करेंगे. बंगाल की मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए अधिकारी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर 23 जनवरी को विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में जय श्रीराम के नारों के बाद ममता बनर्जी का भाषण ना देना तुष्टिकरण की राजनीति है. उन्होंने कहा कि विक्टोरिया मेमोरियल कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की कोई "गलती" नहीं हुई.
उन्होंने कहा, "वहां किसी भी प्रकार की गलती नहीं हुई. पूरे कार्यक्रम में एक विजिटर के तौर पर शामिल हुआ और पूरे सम्मान के साथ कार्यक्रम सुचारू रूप से चला. बंगाल की मुख्यमंत्री को पूरे सम्मान के साथ मंच पर बुलाया गया. ये कार्यक्रम केंद्र की सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था. बनर्जी को सम्मान के साथ निमंत्रण दिया गया. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपनी बहन कहा."
ममता बनर्जी का उपहास उड़ाते हुए उन्होंने कहा, "वे लोग तुष्टिकरण के लिए इसे मुद्दा बना रहे हैं. ये सब 30 प्रतिशत वोट बैंक के लिए हो रहा है, जोकि एक खास संप्रदाय के लोग हैं. ये 30 फीसदी वोटबैंक उनके लिए फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह है." बीजेपी नेता ने कहा कि जय श्रीराम के नारे लगाना श्राप नहीं है. ये एक पवित्र नारा है. हम पूरे गर्व के साथ ये नारा लगाते हैं. बंगाल की मुख्यमंत्री को इसे स्वीकार करते हुए बंगाल और भारत के नागरिक के तौर पर अपना भाषण देना चाहिए.
नंदीग्राम के मौजूदा विधायक से जब पूछा गया कि क्या वे आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं, इस पर अधिकारी ने कहा कि उन्होंने बीजेपी एक सच्चे राष्ट्रवादी के तौर पर ज्वॉइन किया है. मुख्यमंत्री चुनने का फैसला पार्टी स्तर पर लिया जाता है, ना कि व्यक्तिगत स्तर पर..."
अधिकारी ने कहा, "बहुत सारी पार्टी चाहती थीं कि मैं अपनी पार्टी बनाऊं और उनके साथ गठबंधन करूं. टीएमसी, कांग्रेस और सीपीआई के हजारों कार्यकर्ता बीजेपी ज्वॉइन कर रहे हैं. राज्य के दो बड़े चेहरे 31 जनवरी को अमित शाह के दौरे के समय बीजेपी ज्वॉइन करेंगे."
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कोलकाता में ममता बनर्जी की ओर से यूनाइटेड इंडिया रैली के आयोजन पर तंज कसते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ये बंगाल की मुख्यमंत्री के प्रयासों का ही नतीजा था कि बीजेपी आम चुनाव में बंगाल दूसरी पार्टी बनकर उभरी और 18 सीटों पर जीत हासिल की.
यूनाइटेड इंडिया रैली को आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी नेताओं ने संबोधित किया था.