अंडमान: तीर धनुष लिए सेंटीनल आदिवासियों ने शव लेने गई पुलिस को भगाया
News18Hindi Updated: November 25, 2018, 11:03 PM IST

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आदिवासियों ने तीर के जरिए ही अमेरिकी नागरिक जॉन एलन चाऊ की हत्या की थी.
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- Last Updated: November 25, 2018, 11:03 PM IST
अंडमान द्वीप पर सेंटीनल जनजाति के हाथों मारे गए अमेरिकी धर्म प्रचारक का शव अभी भी नहीं मिल पाया. पुलिस ने बताया कि रविवार को अधिकारियों ने शव तलाशने की फिर से कोशिश की लेकिन उनका सामना जनजाति के लोगों से हुआ. पुलिस टीम नाव के जरिए शनिवार को उत्तरी सेंटीनल द्वीप गई लेकिन उन्हें तट पर आदिवासी समुदाय के लोग नजर आए.
क्षेत्र के पुलिस प्रमुख दीपेंद्र पाठक ने बताया कि तट से 400 मीटर पहले अधिकारियों ने दूरबीन की सहायता से देखा कि तीर-धनुष लिए हुए लोग वहां घूम रहे थे. आदिवासियों ने तीर के जरिए ही अमेरिकी नागरिक जॉन एलन चाऊ की हत्या की थी.
पाठक ने बताया, 'वे हमारी तरफ देख रहे थे और हम उनकी ओर नजर बनाए हुए थे.' किसी भी तरह के टकराव से बचने के लिए नाव को वापस घुमा लिया गया. सेंटीनल लोगों में किसी भी तरह का डर न फैले इसके लिए पुलिस सोचसमझकर कदम उठा रही है.
सेंटीनल आदिवासी लोग दुनिया से अलग थलग रहती है. यह समुदाय दुनिया के सबसे संरक्षित समुदायों में शामिल है. इसकी भाषा और रीतिरिवाज बाहरी लोगों के लिए एक रहस्य है.जो मछुआरे चाऊ को उत्तरी सेंटीनल लेकर गए थे उनका कहना है कि उन्होंने आदिवासियों को शव को तट पर ही दफनाते हुए देखा था. उत्तरी सेंटीनल अंडमान और निकोबार के बहुत सारे द्वीपों में से एक द्वीप है.
सेंटीनल लोगों के पास जो भी जाता उस पर वह हमला कर देते हैं. पाठक का कहना है कि पुलिस हालात पर नजर बनाए हुए है. ऐसा ही एक मामला साल 2006 में भी आया था जब दो मछुआरे की हत्या कर दी गई थी.
एक सप्ताह बाद उनके शव बांस से बंधे हुए मिले थे. पाठक ने बताया, 'यह एक प्रकार का बिजूका जैसा था.'उन्होंने आगे बताया, 'हम 2006 के केस का अध्ययन कर रहे हैं. हम मानवशास्त्रियों से भी बात कर रहे हैं कि वे(आदिवासी) लोग किसी बाहरी को मारने के बाद क्या करते हैं. हम उन लोगों की साइकॉलोजी को समझने का प्रयास कर रहे हैं.'
क्षेत्र के पुलिस प्रमुख दीपेंद्र पाठक ने बताया कि तट से 400 मीटर पहले अधिकारियों ने दूरबीन की सहायता से देखा कि तीर-धनुष लिए हुए लोग वहां घूम रहे थे. आदिवासियों ने तीर के जरिए ही अमेरिकी नागरिक जॉन एलन चाऊ की हत्या की थी.
पाठक ने बताया, 'वे हमारी तरफ देख रहे थे और हम उनकी ओर नजर बनाए हुए थे.' किसी भी तरह के टकराव से बचने के लिए नाव को वापस घुमा लिया गया. सेंटीनल लोगों में किसी भी तरह का डर न फैले इसके लिए पुलिस सोचसमझकर कदम उठा रही है.
सेंटीनल आदिवासी लोग दुनिया से अलग थलग रहती है. यह समुदाय दुनिया के सबसे संरक्षित समुदायों में शामिल है. इसकी भाषा और रीतिरिवाज बाहरी लोगों के लिए एक रहस्य है.जो मछुआरे चाऊ को उत्तरी सेंटीनल लेकर गए थे उनका कहना है कि उन्होंने आदिवासियों को शव को तट पर ही दफनाते हुए देखा था. उत्तरी सेंटीनल अंडमान और निकोबार के बहुत सारे द्वीपों में से एक द्वीप है.
सेंटीनल लोगों के पास जो भी जाता उस पर वह हमला कर देते हैं. पाठक का कहना है कि पुलिस हालात पर नजर बनाए हुए है. ऐसा ही एक मामला साल 2006 में भी आया था जब दो मछुआरे की हत्या कर दी गई थी.
एक सप्ताह बाद उनके शव बांस से बंधे हुए मिले थे. पाठक ने बताया, 'यह एक प्रकार का बिजूका जैसा था.'उन्होंने आगे बताया, 'हम 2006 के केस का अध्ययन कर रहे हैं. हम मानवशास्त्रियों से भी बात कर रहे हैं कि वे(आदिवासी) लोग किसी बाहरी को मारने के बाद क्या करते हैं. हम उन लोगों की साइकॉलोजी को समझने का प्रयास कर रहे हैं.'
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First published: November 25, 2018, 10:58 PM IST