मध्य प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की जुगत में ओवैसी की पार्टी, इन शहरों पर है खास नजर

असदुद्दीन ओवैसी इस समय कई राज्यों के दौरे कर संभावना तलाश रहे हैं. (फाइल फोटो)
भाजपा शासित मध्य प्रदेश में अगले होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) किस्मत आजमा सकती है. हालांकि पार्टी कुछ चुनिंदा इलाकों में ही उतरेगी.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: December 23, 2020, 8:15 PM IST
इंदौर. असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) भाजपा शासित मध्य प्रदेश में अगले स्थानीय निकाय चुनावों (MP Civic Elections) से अपने चुनावी सफर का आगाज कर सकती है. सूबे के कई शहरों और कस्बों में ये चुनाव वर्ष 2021 की शुरूआत में संभावित हैं. इस बाबत एआईएमआईएम की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नईम अंसारी ने कहा कि हम अगले स्थानीय निकाय चुनावों में इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खंडवा, सागर, बुरहानपुर, खरगोन, रतलाम, जावरा, जबलपुर, बालाघाट, मंदसौर और कुछ अन्य स्थानों से मैदान में उतरने की संभावनाएं तलाश रहे हैं.
इसके अलावा डॉ. नईम अंसारी ने बताया कि एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रदेश प्रभारी और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के तीन बार के पार्षद सैयद मिन्हाजुद्दीन के मार्गदर्शन में इन इलाकों में पार्टी का अंदरूनी सर्वेक्षण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण की रिपोर्ट की रोशनी में एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी सूबे में पार्टी द्वारा अगले स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के बारे में फैसला करेंगे.
भाजपा बनाम ओवैसी की होगी टक्कर
गौरतलब है कि पिछले दिनों सुर्खियों में रहे जीएचएमसी चुनाव में भाजपा ने ओवैसी की पार्टी को उसके गढ़ में चुनौती दी थी. ऐसे में तेलंगाना के बाद अब मध्य प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनावों में भी दोनों दलों के बीच टक्कर देखने को मिल सकती है.बहरहाल, मध्य प्रदेश की सियासत पारंपरिक रूप से दो ध्रुवीय रही है और गुजरे बरसों में सत्ता की बागडोर भाजपा या कांग्रेस के हाथों में ही रही है. ऐसे में एआईएमआईएम सरीखी नयी राजनीतिक ताकत के लिये राज्य में कितनी चुनावी गुंजाइश है, यह पूछे जाने पर अंसारी ने कहा कि जातिवादी राजनीति और खासकर शिक्षा तथा स्वास्थ्य के बुनियादी क्षेत्रों में गिरावट से सूबे के ज्यादातर लोग भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों की सरकारों से तंग आ चुके हैं. वे तीसरा विकल्प ढूंढ रहे हैं. उन्होंने बताया कि एआईएमआईएम ने वर्ष 2015 से मध्य प्रदेश में अपना काम-काज शुरू किया था. हमने अब तक राज्य में कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है.
अंसारी ने यह भी बताया कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले राज्य में एआईएमआईएम का विस्तार किया जा रहा है. एआईएमआईएम के एक नेता ने बताया कि इन चुनावों से पहले पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए राज्य में कार्यक्रमों के लिए ओवैसी को बुलाने की कोशिश भी की जा रही है.(भाषा इनपुट)
इसके अलावा डॉ. नईम अंसारी ने बताया कि एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रदेश प्रभारी और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के तीन बार के पार्षद सैयद मिन्हाजुद्दीन के मार्गदर्शन में इन इलाकों में पार्टी का अंदरूनी सर्वेक्षण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण की रिपोर्ट की रोशनी में एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी सूबे में पार्टी द्वारा अगले स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के बारे में फैसला करेंगे.
भाजपा बनाम ओवैसी की होगी टक्कर
गौरतलब है कि पिछले दिनों सुर्खियों में रहे जीएचएमसी चुनाव में भाजपा ने ओवैसी की पार्टी को उसके गढ़ में चुनौती दी थी. ऐसे में तेलंगाना के बाद अब मध्य प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनावों में भी दोनों दलों के बीच टक्कर देखने को मिल सकती है.बहरहाल, मध्य प्रदेश की सियासत पारंपरिक रूप से दो ध्रुवीय रही है और गुजरे बरसों में सत्ता की बागडोर भाजपा या कांग्रेस के हाथों में ही रही है. ऐसे में एआईएमआईएम सरीखी नयी राजनीतिक ताकत के लिये राज्य में कितनी चुनावी गुंजाइश है, यह पूछे जाने पर अंसारी ने कहा कि जातिवादी राजनीति और खासकर शिक्षा तथा स्वास्थ्य के बुनियादी क्षेत्रों में गिरावट से सूबे के ज्यादातर लोग भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों की सरकारों से तंग आ चुके हैं. वे तीसरा विकल्प ढूंढ रहे हैं. उन्होंने बताया कि एआईएमआईएम ने वर्ष 2015 से मध्य प्रदेश में अपना काम-काज शुरू किया था. हमने अब तक राज्य में कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है.
अंसारी ने यह भी बताया कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले राज्य में एआईएमआईएम का विस्तार किया जा रहा है. एआईएमआईएम के एक नेता ने बताया कि इन चुनावों से पहले पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए राज्य में कार्यक्रमों के लिए ओवैसी को बुलाने की कोशिश भी की जा रही है.(भाषा इनपुट)