चुनाव आयोग ने हिमंत विश्व सरमा के चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंध की अवधि घटाई

चुनाव आयोग ने बैन की अवधि में बीजेपी नेता को दी राहत. फाइल फोटो
Election Commission ने असम के मंत्री और भाजपा नेता हिमंत विश्व सरमा पर चुनाव प्रचार प्रतिबंध की अवधि 48 घंटे से कम कर 24 घंटे कर दी.
- भाषा
- Last Updated: April 3, 2021, 6:02 PM IST
नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने असम के मंत्री और बीजेपी नेता हिमंत विश्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) पर चुनाव प्रचार प्रतिबंध की अवधि 48 घंटे से कम कर 24 घंटे कर दी. उन्होंने चुनाव आयोग (Election Commission) को आश्वासन दिया कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का पालन करेंगे, जिसके बाद प्रचार प्रतिबंध की अवधि घटाई गई. बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के प्रमुख हागरामा मोहिलारी के खिलाफ कथित तौर पर धमकी भरी टिप्पणी के लिए शुक्रवार को उनके चुनाव प्रचार करने पर चार अप्रैल तक प्रतिबंध लगा दिया गया था. असम विधानसभा चुनाव के तीसरे एवं अंतिम चरण के लिए प्रचार चार अप्रैल की शाम को समाप्त हो जाएगा. अंतिम चरण के चुनाव छह अप्रैल को होंगे.
चुनाव आयोग से की गई अपील में सरमा ने इस आधार पर प्रतिबंध घटाने का आग्रह किया था कि छह अप्रैल को हो रहे मतदान के लिए एक विधानसभा क्षेत्र से वह स्वयं उम्मीदवार हैं. चुनाव आयोग के आदेश में कहा गया कि आयोग ने दो अप्रैल के अपने फैसले में संशोधन करने और चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध की अवधि को 48 घंटे से कम कर 24 घंटे करने का निर्णय किया है.
आदेश में कहा गया है, ‘‘इस अवधि के बाद संबंधित जिला प्रशासन के अधिकारी किसी भी जनसभा, जुलूस, रैली, रोड शो के लिए आपको अनुमति दे सकते हैं, जहां आपके भाग लेने की संभावना हो.’’ सरमा ने कथित तौर पर कहा था कि मोहिलारी ने अगर बागी नेता एम. बाथा के साथ ‘‘ज्यादती’’ की, तो उन्हें केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के मार्फत जेल भेज दिया जाएगा.
कांग्रेस ने इस बयान पर चुनाव आयोग से सरमा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी. बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट असम में फिलहाल कांग्रेस के साथ गठबंधन में है. पहले इसका गठबंधन बीजेपी से था.
चुनाव आयोग से की गई अपील में सरमा ने इस आधार पर प्रतिबंध घटाने का आग्रह किया था कि छह अप्रैल को हो रहे मतदान के लिए एक विधानसभा क्षेत्र से वह स्वयं उम्मीदवार हैं. चुनाव आयोग के आदेश में कहा गया कि आयोग ने दो अप्रैल के अपने फैसले में संशोधन करने और चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध की अवधि को 48 घंटे से कम कर 24 घंटे करने का निर्णय किया है.
आदेश में कहा गया है, ‘‘इस अवधि के बाद संबंधित जिला प्रशासन के अधिकारी किसी भी जनसभा, जुलूस, रैली, रोड शो के लिए आपको अनुमति दे सकते हैं, जहां आपके भाग लेने की संभावना हो.’’ सरमा ने कथित तौर पर कहा था कि मोहिलारी ने अगर बागी नेता एम. बाथा के साथ ‘‘ज्यादती’’ की, तो उन्हें केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के मार्फत जेल भेज दिया जाएगा.