डिब्रूगढ़ के भोगली पाथर गांव में एक किसान का सूअर बीमार हो गया था (फोटो- ANI)
डिब्रूगढ़. असम के एक गांव में सूअरों में अफ्रीकी स्वाइन बुखार के मामले सामने आए हैं. लिहाज़ा एहतियाती कदम उठाते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आसपास के सभी सूअरों को मारकर दफना दिया है. साथ ही इलाके को सैनिटाइज भी किया गया है. इस बात की जानकारी वहां के एक पशुपालन और पशु चिकित्सा अधिकारी ने दी. पिछले कुछ महीनों के दौरान उत्तर पूर्व राज्यों के कई इलाकों में अफ्रीकी स्वाइन बुखार के मामले सामने आए हैं.
जानकारी के मुताबिक डिब्रूगढ़ के भोगली पाथर गांव में एक किसान का सूअर बीमार हो गया था. इसके बाद टेस्ट में सूअर को अफ्रीकी स्वाइन बुखार होने की पुष्टि हुई. इस बात की जानकारी डिब्रूगढ़ के जिला पशुपालन और पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्चर हिमांदु बिकास बरुआ ने दी.
संक्रमित क्षेत्र घोषित
पशु चिकित्सा अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा, ‘अफ्रीकी स्वाइन बुखार होने चलते हमने पहले 1 किलोमीटर तक के क्षेत्र को संक्रमित घोषित किया. इसके बाद नियमों के अनुसार, हमने सभी सूअरों को संक्रमित क्षेत्र में मारकर दफना दिया. साथ ही हमने पूरे इलाके को सेनेटाइज भी किया है.’
त्रिपुरा में भी मिले थे केस
बता दें कि अप्रैल में त्रिपुरा के सेपाहिजाला जिले में सरकारी देबीपुर फार्म और आसपास के क्षेत्रों में भी ‘अफ्रीकी स्वाइन बुखार’के मामले सामने आए थे. इसके बाद पशु संसाधन विकास विभाग ने 165 सूअरों को मार डाला था. देबीपुर फार्म में सूअरों में एएसएफ की पुष्टि होने और केंद्र के निर्देश पर इन जानवरों को खत्म करने का अभियान शुरू हुआ था. देबीपुर फार्म में 121 सूअरों और उसके बच्चों को मार डाला गया, जबकि 44 सूअरों को एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले इलाकों में खत्म किया गया.
मिज़ोरम में भी अफ्रीकन स्वाइन फीवर
इसके अलावा हाल के दिनों में मिजोरम में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से करीब 800 सूअरों की मौत हुई थी. इस साल फरवरी से संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कम से कम 124 सूअरों को मार दिया गया. बीमारी के प्रकोप के कारण आइजोल, चम्फाई, लुंगलेई और सैतुअल जिलों के कम से कम 17 गांव प्रभावित हुए थे. (भाषा इनपुट के साथ)
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