होम /न्यूज /राष्ट्र /असम के 2 और इलाकों से हट सकता है अफस्पा, सीएम हिमंत विश्व शर्मा बोले- सरकार कर रही विचार

असम के 2 और इलाकों से हट सकता है अफस्पा, सीएम हिमंत विश्व शर्मा बोले- सरकार कर रही विचार

सीएम हिमंत विश्‍व शर्मा ने दो और इलाकों से अफस्‍पा हटाने की जानकारी दी. (फाइल फोटो)

सीएम हिमंत विश्‍व शर्मा ने दो और इलाकों से अफस्‍पा हटाने की जानकारी दी. (फाइल फोटो)

असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा (Himanta Biswa Sarma) ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में दो और स्थान ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

असम में दो और स्थानों से अफस्‍पा हटाने पर विचार
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दी जानकारी
राज्य के 65 प्रतिशत क्षेत्र से अफस्पा वापस ले लिया गया

गुवाहाटी. असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा (Himanta Biswa Sarma) ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में दो और स्थानों से ‘सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958’ (AFSPA ) को वापस लेने पर विचार कर रही है. बराक घाटी में कछार के लखीमपुर उप-संभाग के साथ तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराईदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दिमा हसाओ जिलों के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ के टैग के साथ एक अक्टूबर से छह महीने के लिए अफ्स्पा लगाया गया था. सरकार ने पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में स्थिति में काफी सुधार होने की बात कहते हुए वहां से इस विवादास्पद कानून को वापस ले लिया था.

अफस्पा सुरक्षा बलों को अभियान चलाने और बिना किसी वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है और साथ ही यदि उनकी गोली से किसी की मौत हो जाती है तो उन्हें गिरफ्तारी और मुकदमे से छूट प्रदान करता है. शर्मा ने कहा, ‘असम और पूर्वोत्तर में शांति लौट आई है. आज राज्य के 65 प्रतिशत क्षेत्र से अफस्पा वापस ले लिया गया है. भविष्य में, हम कछार के लखीमपुर और पूरे कार्बी आंगलोंग जिले से इसे वापस लेने के बारे में विचार कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि दो और इलाकों के अफस्पा के दायरे से बाहर होने के बाद ऊपरी असम के केवल छह जिले कानून के दायरे में रहेंगे.

अफस्पा के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा हटा दिया गया

आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को उनके पुनर्वास के लिए वित्तीय सहयोग देने के लिहाज से आयोजित एक कार्यक्रम में शर्मा ने कहा कि त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मणिपुर के विभिन्न इलाकों से भी अफस्पा के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा हटा दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘असम में बहुत खून-खराबा हुआ है. हमारा कर्तव्य इसे रोकना और राज्य का विकास करना है. हम राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर देने के लिए बड़ी योजना शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं.’ मुख्यमंत्री ने 318 पूर्व उग्रवादियों को डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) सौंपे जिन्होंने पिछले दिनों राज्य के पुलिस महानिदेशक और असम पुलिस, सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हथियार छोड़ दिये थे.

असम में उल्फा (आई) को छोड़कर सभी उग्रवादी संगठन मुख्यधारा में लौट आए

यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (आई), यूनाइटेड गोरखा पीपल्स ऑर्गेनाइजेशन (यूजीपीओ), तिवा लिबरेशन आर्मी (टीएलए), कूकी लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ), दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) और कूकी नेशनल लिबरेशन आर्मी (केएनएलए) के आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये की एकमुश्त अनुग्रह राशि दी गयी. शर्मा ने कहा, ‘हमारी सरकार के पिछले डेढ़ साल में असम में उल्फा (आई) को छोड़कर सभी उग्रवादी संगठन मुख्यधारा में लौट आए हैं. मैं उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरुआ से एक बार फिर अपील करता हूं कि शांति से समाज को आगे ले जाएं, खून-खराबा करके नहीं.’ उन्होंने कहा कि पिछले साल मई में उनके पदभार संभालने के बाद अनेक संगठनों के 6,780 से अधिक कैडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं.

Tags: AFSPA, Assam Government, Himanta biswa sarma

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें