असम के तेल कुएं में पिछले 50 दिनों से आग लगी हुई है (फाइल फोटो)
गुवाहाटी/डिब्रूगढ़. सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन कंपनी (Public sector fuel company) ऑयल इंडिया लिमिटेड (Oil India Limited) ने बुधवार को बताया कि असम (Assam) में बागजान (Baghjan) के तेल कुएं (Oil Well) में लगी आग पिछले 50 दिन से जारी है और उम्मीद है कि शुक्रवार तक आग पर काबू पा लिया जाएगा. ऑयल इंडिया लिमिटेड ने एक ट्वीट में बताया कि कुंआ परिसर से बड़े मलबे को हटा लिया गया है और इस संबंध में ओआईएल (OIL), ओएनजीसी (ONGC), सिंगापुर अलर्ट डिजास्टर कंट्रोल (Singapore Alert Disaster Control) के विशेषज्ञ आगे की योजना तैयार कर रहे है.
एक अंग्रेजी समाचार पत्र में आग को बुझा लेने की खबर को ‘तथ्यात्मक रूप’ (Factually Incorrect) से गलत बताते हुए ट्वीट (Tweet) में कंपनी ने कहा कि कुआं स्थल (well site) से मलबा हटा लिया गया है और आग बुझाने को लेकर अभियान की तैयारी चल रही है. कुएं की आग बुझाने का मुख्य अभियान (well capping operation) अभी शुरू नहीं हुआ है. आग अब भी लगी हुई है.
27 मई से ही कुआं संख्या पांच में हो रहा था गैस का अनियंत्रित रिसाव
तिनसुकिया जिले के बागजान में कुआं संख्या पांच में 27 मई से ही गैस का अनियंत्रित रिसाव हो रहा था और नौ जून को आग लग गई थी. इस घटना में ओआईएल स्थल पर आग बुझाने में जुटे दो दमकल कर्मियों की मौत हो गई. कंपनी ने बताया कि स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन और अवरोधकों की वजह से पिछले कुछ महीनों में उत्पादन में बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा है.
बयान में कहा गया कि अब भी बागजन ईपीएस में प्रदर्शन चालू है. इस विरोध की वजह से बागजन ईपीएस के तहत आने वाले चार गैस के कुएं और आठ तेल के कुएं सात जुलाई से ही बंद हैं.
पिछले महीने 13 राहत शिविरों में स्थानांतरित किए गये 9 हजार से अधिक लोग
पीएसयू ने कहा कि वर्तमान में ईआरएम इंडिया, टेरी (TERI) और सीएसआईआर-एनआईईएसटी (CSIR-NEIST) जैसी कई एजेंसियों द्वारा गांवों और आस-पास के वन क्षेत्रों में विस्फोट के विभिन्न आकलन और प्रभावों का अध्ययन किया जा रहा है. राहत और पुनर्वास प्रक्रिया के बारे में, इसमें कहा गया कि जिला प्रशासन द्वारा क्षतिपूर्ति के नुकसान के आकलन के लिए सर्वेक्षण तिनसुकिया और डूमडोमा दोनों क्षेत्रों में जारी है.
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इसमें कहा गया है कि तिनसुकिया और डूमडोमा सर्कल दोनों में 14 जुलाई तक कुल सर्वे किए गए परिवारों की संख्या 1,491 है. मई में कुएं में आग लगने और बाद में पिछले महीने 9,000 से अधिक लोगों को 13 राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया था.
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