नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को पंजाब सरकार से मौखिक रूप से कहा कि वह एक मादक पदार्थ मामले में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता विक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी-पूर्व जमानत याचिका पर 31 जनवरी को सुनवाई होने से पहले तक उनके खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए. प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने मजीठिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की इस दलील पर गौर किया कि अग्रिम जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है क्योंकि आरोपी को ”राजनीतिक प्रतिशोध” का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 24 जनवरी को मजीठिया की गिरफ्तारी-पूर्व जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
बीजेपी अब तक 68 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है. उत्तराखंड की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक ही चरण में 14 फरवरी को मतदान होना है. पार्टी ने केदारनाथ से शैलारानी रावत, हल्द्वानी से जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला, झबरेड़ा से राजपाल सिंह, पिरंकलियार से मुनीश सैनी, रानीखेत से प्रमोद नैनवाल, जागेश्वर से मोहन सिंह मेहरा, लालकुंआ से मोहन सिंह बिष्ट और रुद्रपुर से शिव अरोड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है. जिन दो सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है, उनमें डोइवाला और टिहरी सीट भी शामिल हैं. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्तमान विधानसभा में डोइवाला सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं.
त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा को पत्र लिखकर विधानसभा चुनाव ना लड़ने की इच्छा जताई थी. चुनाव में राज्य की सत्तारूढ बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच एक बार फिर कड़ी टक्कर होने की संभावना है. हालांकि, जानकारों का मानना है कि पहली बार राज्य में चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) भी कुछ सीटों पर दोनों दलों के समीकरणों को प्रभावित कर सकती है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और पृथक राज्य आंदोलन का अगुआ रहा उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) भी अपना खोया प्रभाव दोबारा पाने के लिए प्रयासरत हैं.
वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड राज्य की जनता ने कभी भी किसी राजनीतिक दल को दोबारा सत्ता नहीं सौंपी है. बीजेपी इस बार के चुनाव में इस मिथक को तोड़ने का दावा कर रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 57 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी जबकि कांग्रेस को 11 सीटों पर जीत मिली थी. दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी.
दूसरी ओर कांग्रेस नेता जगदीश शर्मा ने कोविड-19 की तीसरी लहर का हवाला देते हुए, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव स्थगित करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है. ‘राहुल प्रियंका सेना’ नामक संगठन बनाने वाले शर्मा ने याचिका में अदालत से अनुरोध किया है कि वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप तेजी से फैल रहा है इसलिए चुनाव स्थगित कर दिए जाएं.
शर्मा ने याचिका में कहा है कि अगले 10 दिन में महामारी की तीसरी लहर आ सकती है और इसके दौरान आवश्यक सेवाओं तथा वस्तुओं की आपूर्ति किस प्रकार करनी है, इसके बारे में केंद्र और राज्य सरकारों से योजना पेश करने को कहा जाए.