सर्वोच्च न्यायालय (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. पांच राज्यों में खत्म हुए विधानसभा चुनावों की मतगणना शुरू होने से एक दिन पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया. याचिका में मांग की गई है कि मतगणना की शुरुआत में ही वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन हो, न कि मतगणना के बाद. पीआईएल में विधानसभा चुनाव की मतगणना में VVPAT पर्चियों के EVM से मिलान की संख्या बढ़ाने की मांग भी की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि वह मामले में मतगणना के बाद सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 मार्च को मतगणना होनी है और इसीलिए अंतिम समय में कोर्ट इसमें कोई दखल नहीं देगा. याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि VVPAT पर्चियों के EVM से मिलान को लेकर कोर्ट पहले आदेश जारी चुका है और चुनाव आयोग उसका पालन करता है.
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चुनाव आयोग ने कहा कि VVPAT की पुष्टि के लिए एक प्रक्रिया कोर्ट ने निर्धारित की है और आयोग उसी के मुताबिक काम करती है. सुनवाई के दौरान, पीठ ने 2019 के दिशानिर्देशों की ओर इशारा किया. याचिका में प्रति निर्वाचन क्षेत्र में एक बूथ के बजाय पांच बूथों पर ईवीएम के वीवीपैट सत्यापन की मांग की गई है, जो कि मौजूदा प्रथा है.
अप्रैल 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों को एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) प्रति विधानसभा क्षेत्र से बढ़ाकर पांच करने का आदेश दिया.
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