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आयुर्वेदिक पौधे उगाकर आप भी कमा सकते हैं बड़ा मुनाफा, बजट 2023 में आयुष को मिला ज्‍यादा पैसा

आयुर्वेद चिकित्‍सा पौधों की खेती करके किसान बंपर मुनाफा कमा सकते हैं.

आयुर्वेद चिकित्‍सा पौधों की खेती करके किसान बंपर मुनाफा कमा सकते हैं.

बजट-2023 में इस बार आयुष मंत्रालय के बजट को फिर से बढ़ाया गया है. आयुर्वेद में प्रूफ आधारित रिसर्च को बढ़ावा देने पर जो ...अधिक पढ़ें

नई दिल्‍ली. आयुष चिकित्‍सा को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए मोदी सरकार बड़े फैसले ले रही है. यही वजह है कि बजट 2023 में भी आयुष का बजट बढ़ा दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र में आयुष प्रणाली को एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है. साथ ही आयुष मंत्रालय को दिए गए बजट का कुल आवंटन 20 प्रतिशत बढ़ा दिया है. इस बार बजट में आयुष को 3647 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

बजट में आयुष शोध परिषदों के माध्यम से आयुष चिकित्‍सा पद्धतियों में प्रूफ आधारित रिसर्च को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आयुर्वेद के लिए डेटाबेस के साक्ष्य-आधारित निर्माण की जरूरत के बारे में बात की थी जो मॉडर्न साइंस के मापदंडों को पूरा करेगा. आयुष अनुसंधान परिषदों और संस्थानों का बढ़ता बजट आवंटन उसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

राष्‍ट्रीय आयुष मिशन के बजट में 50 फीसदी बढ़ोत्‍तरी
केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) को बजट आवंटन में 800 करोड़ रुपये से 1200 करोड़ रुपये के आवंटन में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. एनएएम प्रमुख रूप से आयुष अस्पतालों और औषधालयों को उच्‍च स्‍तर तक ले जाने के लिए कार्य कर रहा है. इसके माध्‍यम से कम लागत में आयुष सेवाएं प्रदान करने, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (HWC) के रूप में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को बढ़ाने, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को हर व्‍यक्ति तक पहुंचाने के लिए काम कर रहा है.

औषधीय पौधों के निर्यात से मुनाफा कमाने का मौका
बजट में चिकित्‍सा पौधों की खेती करने पर जोर दिया गया है. राष्‍ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत चिकित्‍सा पौधों की खेती करने के लिए लोगों को प्रेरित करने के साथ ही भारत सरकार निर्यात को सरल और प्रभावी बनाने पर काम करेगी. ताकि इन पौधों को उगाने वाले किसानों को निर्यात से मुनाफा मिल सके.

सभी राज्‍यों को मिला अनुदान
बजट में सभी राज्यों को (920 करोड़ रुपये), केंद्र शासित प्रदेशों (96 करोड़ रुपये) और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों (231 करोड़ रुपये) में भी अनुदान सहायता में 861.97 करोड़ रुपये से 1246.73 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है. इसके साथ ही बजट में भारतीय पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति की ताकत पर विचार किया गया है. होम्योपैथी, यूनानी, सिद्ध, प्राकृतिक चिकित्सा और सोवा रिग्पा जैसी अन्य आयुष प्रणालियों को शिक्षा सुविधा और सामुदायिक आउटरीच बढ़ाकर बढ़ावा देने की जरूरत है.

Tags: Ayurveda Doctors, Ayurvedic, Ayushman Bharat scheme

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