कोरोना टीकाकरण में निजी क्षेत्र के शामिल होने से ज्यादा लोगों को दी जा सकेगी वैक्सीन: अजीम प्रेमजी

अजीम प्रेमजी ने कहा कि अगर निजी भागीदारी की अनुमति दी जाए तो टीकाकरण दर को बड़ा बढ़ावा मिलेगा
अजीम प्रेमजी (Azim Premji ) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कहा कि अगर निजी भागीदारी की अनुमति दी जाए तो कोरोना (Covid-19) टीकाकरण दर को बड़ा बढ़ावा मिलेगा.
- News18Hindi
- Last Updated: February 21, 2021, 5:43 PM IST
बेंगलुरू. विप्रो लिमिटेड के संस्थापक और परोपकारी अजीम प्रेमजी (Azim Premji) ने शनिवार को केंद्र सरकार से कोविड-19 (Covid-19) टीकाकरण प्रयास में निजी क्षेत्र को शामिल करने का आग्रह किया. बेंगलोर चैम्बर ऑफ इंडस्ट्री एंड कामर्स के कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कहा कि यदि निजी भागीदारी की अनुमति दी जाए तो टीकाकरण की दर को बड़ा बढ़ावा मिलेगा.
प्रेमजी ने सीतारमण से कहा "वैक्सीन को रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया है. अब इसे बड़े अनुपात में सुरक्षित तरीके से भेजना और लोगों को लगाना है. सरकार अपने स्तर पर यह सब अच्छे से कर रही है, लेकिन मेरा सुझाव है कि इसमें निजी भागीदारी से सहायता मिलेगी. "
ये भी पढ़े: भारत में कोरोना के 14 हजार से ज्यादा नए मामले, मरीजों के ठीक होने की दर 97% से अधिक
उन्होंने कहा कि 'एक संभावना है कि हमें सीरम इंस्टीट्यूट से करीब 300 रु प्रति वैक्सीन के हिसाब से आपूर्ति हो सकेगी और इसे लगाने वाले अस्पताल को प्रति वैक्सीन 100 रुपए देने हों, ऐसे में प्रति वैक्सीन का कुल खर्च 400 रुपए के करीब होगा. भारत में बहुत बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगवाना है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह निजी क्षेत्र को इसमें शामिल कर ले. ऐसा हो जाता है तो हम 60 दिनों के भीतर 50 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर सकेंगे. ऐसा व्यवहार में किया जा सकता है. मुझे लगता है कि यह सब बेहद जरूरी है और सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए. इससे सरकार के प्रयास में बड़ी मदद मिल सकेगी.ये भी पढ़े: IIT छात्रों ने सांस की समस्या से पीड़ित COVID-19 मरीजों के लिए इंट्यूबेशन बॉक्स बनाया
कोविड के लड़ाई के लिए अजीम प्रेमजी ने किया था 22 करोड़ रुपये का दान
कोविड-19 से लड़ाई के लिए अजीम प्रेमजी ने पिछले साल 7,904 रूपए (22 करोड़ रुपए प्रति दिन) दान किए थे. अपने संबोधन में अजीम ने महामारी को सार्वजनिक तंत्र के बुनियादी मुद्दों को ठीक करने के लिए 'वेकअप कॉल' की संज्ञा दी. इसने समाज की संरचना को बदलने व उसे और अधिक बराबर और न्यायपूर्ण किया.
धैर्य रखें अन्य देश, भारत की जरूरतों को प्राथमिकता : अदार पूनावाला
इस बीच, वैक्सीन प्रमुख सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने रविवार को अन्य देशों से धैर्य रखने का आग्रह किया क्योंकि वे COVID-19 वैक्सीन, कोविशील्ड की आपूर्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि कंपनी को भारत की जरूरतों को प्राथमिकता देने के लिए निर्देशित किया गया है.

उन्होंने कहा कि भारत की आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रयासों के अलावा, कंपनी दुनिया की जरूरतों को संतुलित करने के लिए भी पूरी कोशिश कर रही है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संकल्प 2532 (2020) के कार्यान्वयन पर खुली बहस के दौरान 2 लाख खुराक देने की घोषणा की, जिसमें विश्व स्तर पर COVID-19 के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए और शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान किया गया. महामारी से निपटने में मदद करने के लिए दुनिया से अपील की. केंद्र सरकार ने "वैक्सीन मैत्री" पहल के तहत 11 फरवरी तक वाणिज्यिक आधार पर 25 देशों को कोविड-19 टीकों की 3करोड़ 45 लाख डोज की आपूर्ति को मंजूरी दे दी है. सरकार ने पिछले महीने कहा था कि विदेश मंत्रालय, अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को वाणिज्यिक आधार पर वैक्सीन के निर्यात की देखरेख करेगा.
प्रेमजी ने सीतारमण से कहा "वैक्सीन को रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया है. अब इसे बड़े अनुपात में सुरक्षित तरीके से भेजना और लोगों को लगाना है. सरकार अपने स्तर पर यह सब अच्छे से कर रही है, लेकिन मेरा सुझाव है कि इसमें निजी भागीदारी से सहायता मिलेगी. "
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उन्होंने कहा कि 'एक संभावना है कि हमें सीरम इंस्टीट्यूट से करीब 300 रु प्रति वैक्सीन के हिसाब से आपूर्ति हो सकेगी और इसे लगाने वाले अस्पताल को प्रति वैक्सीन 100 रुपए देने हों, ऐसे में प्रति वैक्सीन का कुल खर्च 400 रुपए के करीब होगा. भारत में बहुत बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगवाना है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह निजी क्षेत्र को इसमें शामिल कर ले. ऐसा हो जाता है तो हम 60 दिनों के भीतर 50 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर सकेंगे. ऐसा व्यवहार में किया जा सकता है. मुझे लगता है कि यह सब बेहद जरूरी है और सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए. इससे सरकार के प्रयास में बड़ी मदद मिल सकेगी.ये भी पढ़े: IIT छात्रों ने सांस की समस्या से पीड़ित COVID-19 मरीजों के लिए इंट्यूबेशन बॉक्स बनाया
कोविड के लड़ाई के लिए अजीम प्रेमजी ने किया था 22 करोड़ रुपये का दान
कोविड-19 से लड़ाई के लिए अजीम प्रेमजी ने पिछले साल 7,904 रूपए (22 करोड़ रुपए प्रति दिन) दान किए थे. अपने संबोधन में अजीम ने महामारी को सार्वजनिक तंत्र के बुनियादी मुद्दों को ठीक करने के लिए 'वेकअप कॉल' की संज्ञा दी. इसने समाज की संरचना को बदलने व उसे और अधिक बराबर और न्यायपूर्ण किया.
धैर्य रखें अन्य देश, भारत की जरूरतों को प्राथमिकता : अदार पूनावाला
इस बीच, वैक्सीन प्रमुख सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने रविवार को अन्य देशों से धैर्य रखने का आग्रह किया क्योंकि वे COVID-19 वैक्सीन, कोविशील्ड की आपूर्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि कंपनी को भारत की जरूरतों को प्राथमिकता देने के लिए निर्देशित किया गया है.
उन्होंने कहा कि भारत की आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रयासों के अलावा, कंपनी दुनिया की जरूरतों को संतुलित करने के लिए भी पूरी कोशिश कर रही है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संकल्प 2532 (2020) के कार्यान्वयन पर खुली बहस के दौरान 2 लाख खुराक देने की घोषणा की, जिसमें विश्व स्तर पर COVID-19 के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए और शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान किया गया. महामारी से निपटने में मदद करने के लिए दुनिया से अपील की. केंद्र सरकार ने "वैक्सीन मैत्री" पहल के तहत 11 फरवरी तक वाणिज्यिक आधार पर 25 देशों को कोविड-19 टीकों की 3करोड़ 45 लाख डोज की आपूर्ति को मंजूरी दे दी है. सरकार ने पिछले महीने कहा था कि विदेश मंत्रालय, अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को वाणिज्यिक आधार पर वैक्सीन के निर्यात की देखरेख करेगा.