जानें, दवा की दुकान से शुरू बाबा रामदेव का कारोबार आज कितने करोड़ का हुआ
योग गुरु बाबा रामदेव आज देश में सेलिब्रिटी और उनका पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड एक ब्रांड बन चुका है। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की शुरुआत 2006 में एक दवा की दुकान के तौर पर हुई थी।
News18India.com
Updated: January 31, 2016, 7:42 AM IST

योग गुरु बाबा रामदेव आज देश में सेलिब्रिटी और उनका पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड एक ब्रांड बन चुका है। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की शुरुआत 2006 में एक दवा की दुकान के तौर पर हुई थी।
नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव आज देश में सेलिब्रिटी और उनका पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड एक ब्रांड बन चुका है। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की शुरुआत 2006 में एक दवा की दुकान के तौर पर हुई थी। आज देश भर में पतंजलि के 10 हजार से ज्यादा स्टोर हैं। दस साल में कंपनी का कारोबार 2 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। साल 2016 में कंपनी का लक्ष्य 5 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचने का है।
अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बाबा रामदेव की कंपनी ने पिछले साल ही फ्यूचर ग्रुप के साथ समझौता किया है। इसके बाद बिग बाजार में भी पतंजलि के प्रॉडक्ट बिकने लगे हैं। जानकारी के मुताबिक आयुर्वेदिक दवाई के 35 फीसदी बाजार पर अब पतंजलि का कब्जा है। शहद, घी और च्यवनप्राश के भी करीब 30 फीसदी बाजार पर पतंजलि ने कब्जा जमा लिया है। मैगी के बाद अब पतंजलि अपने दंत मंजन से कोलगेट को कड़ी टक्कर दे रही है। जाहिर है, बाबा रामदेव की अपनी ब्रांड वैल्यू का उनकी कंपनी को जमकर फायदा मिल रहा है।
मल्टीनेशनल कंपनियों से मुकाबले के लिए बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने एक और रणनीति तैयार की है। ये रणनीति है कम कीमत की। पतंजलि के च्यवनप्राश और शहद की कीमत मल्टीनेशनल कंपनियों के उत्पादों से 30 से 40 फीसदी कम है। लगभग वैसी ही गुणवत्ता और स्वदेशी की ब्रांडिंग रामदेव के उत्पादों को मुकाबले के लिए और मजबूत करते हैं। इसी दम पर रामदेव की कपंनी ने अगले चार साल में 20 हजार करोड़ रुपए के टर्नओवर का लक्ष्य रखा है।
अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बाबा रामदेव की कंपनी ने पिछले साल ही फ्यूचर ग्रुप के साथ समझौता किया है। इसके बाद बिग बाजार में भी पतंजलि के प्रॉडक्ट बिकने लगे हैं। जानकारी के मुताबिक आयुर्वेदिक दवाई के 35 फीसदी बाजार पर अब पतंजलि का कब्जा है। शहद, घी और च्यवनप्राश के भी करीब 30 फीसदी बाजार पर पतंजलि ने कब्जा जमा लिया है। मैगी के बाद अब पतंजलि अपने दंत मंजन से कोलगेट को कड़ी टक्कर दे रही है। जाहिर है, बाबा रामदेव की अपनी ब्रांड वैल्यू का उनकी कंपनी को जमकर फायदा मिल रहा है।
मल्टीनेशनल कंपनियों से मुकाबले के लिए बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने एक और रणनीति तैयार की है। ये रणनीति है कम कीमत की। पतंजलि के च्यवनप्राश और शहद की कीमत मल्टीनेशनल कंपनियों के उत्पादों से 30 से 40 फीसदी कम है। लगभग वैसी ही गुणवत्ता और स्वदेशी की ब्रांडिंग रामदेव के उत्पादों को मुकाबले के लिए और मजबूत करते हैं। इसी दम पर रामदेव की कपंनी ने अगले चार साल में 20 हजार करोड़ रुपए के टर्नओवर का लक्ष्य रखा है।
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