10वें दौर की बैठक से पहले कृषि मंत्री बोले- किसानों को अड़ियल रुख छोड़ना चाहिए

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (File pic)
Farmers Protest: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार चाहती है कि किसान नेता 19 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में कानून की हर धारा पर चर्चा के लिए आएं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की रोक के बाद अड़ियल रुख का कोई सवाल नहीं उठता.
- भाषा
- Last Updated: January 17, 2021, 7:15 PM IST
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर 19 जनवरी को होने वाली दसवें दौर की वार्ता से पहले कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने रविवार को किसान नेताओं से फिर आग्रह किया कि वे नए कृषि कानूनों पर अपना ‘अड़ियल’ रुख छोड़ दें और कानूनों की हर धारा पर चर्चा के लिए आएं. खास बात है कि तोमर ने इससे पहले 9वीं चर्चा से काफी उम्मीदें जताईं थीं. हालांकि, शुक्रवार को भी किसी बात पर दोनों पक्षों की सहमति नहीं बन पाई थी.
तोमर ने मध्य प्रदेश में अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र मुरैना रवाना होने से पहले पत्रकारों से कहा, ‘अब जबकि उच्चतम न्यायालय ने इन कानूनों के लागू पर रोक लगा दी है तो ऐसे में अड़ियल रुख अपनाने का कोई सवाल हीं नहीं उठता है.’ उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि किसान नेता 19 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में कानून की हर धारा पर चर्चा के लिए आएं. उन्होंने कहा कि कानूनों को निरस्त करने की मांग को छोड़कर, सरकार ‘गंभीरता से और खुले मन के साथ’ अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए तैयार है.
तोमर हजूर साहिब नांदेड़-अमृतसर सुपरफास्ट एक्सप्रेस द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए रवाना हुए. उन्हें सिख समुदाय के सह-यात्रियों से लंगर साझा करते हुए देखा गया. गौरतलब है कि केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान विशेषकर हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं.
PM Kisan Scheme: बजट में करोड़ों किसानों को तोहफा दे सकती है सरकार, खाते में आएगी ज्यादा रकम!उच्चतम न्यायालय ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के लागू होने पर 11 जनवरी को अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी. साथ ही, न्यायालय ने गतिरोध का हल निकालने के लिए चार सदस्यीय एक समिति भी नियुक्त की थी. तोमर ने कहा कि सरकार ने कुछ रियायतों की पेशकश की थी, लेकिन किसान नेताओं ने लचीला रूख नहीं दिखाया और वे लगातार कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं.

उन्होंने दोहराया कि सरकार पूरे देश के लिए कानून बनाती है. कई किसानों, विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों ने कानूनों का समर्थन किया है. केन्द्र और 41 किसान यूनियनों के बीच अब तक नौ दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है.
तोमर ने मध्य प्रदेश में अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र मुरैना रवाना होने से पहले पत्रकारों से कहा, ‘अब जबकि उच्चतम न्यायालय ने इन कानूनों के लागू पर रोक लगा दी है तो ऐसे में अड़ियल रुख अपनाने का कोई सवाल हीं नहीं उठता है.’ उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि किसान नेता 19 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में कानून की हर धारा पर चर्चा के लिए आएं. उन्होंने कहा कि कानूनों को निरस्त करने की मांग को छोड़कर, सरकार ‘गंभीरता से और खुले मन के साथ’ अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए तैयार है.
तोमर हजूर साहिब नांदेड़-अमृतसर सुपरफास्ट एक्सप्रेस द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए रवाना हुए. उन्हें सिख समुदाय के सह-यात्रियों से लंगर साझा करते हुए देखा गया. गौरतलब है कि केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान विशेषकर हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं.
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उन्होंने दोहराया कि सरकार पूरे देश के लिए कानून बनाती है. कई किसानों, विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों ने कानूनों का समर्थन किया है. केन्द्र और 41 किसान यूनियनों के बीच अब तक नौ दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है.