काजीरंगा में गैंडों की संख्या में 4 साल में 200 बढ़ी (twitter/@airnewsalerts)
गुवाहाटी. वन विभाग, पुलिस और नागरिक प्रशासन के समन्वित प्रयासों की बदौलत काजीरंगा नेशनल पार्क में पिछले चार वर्षों में गैंडों की आबादी में 200 की बढ़ोतरी हुई है. पार्क के 864 वर्ग किमी. के गैंडों के निवास वाले इलाके में 25-28 मार्च तक की गई नवीनतम जनगणना में पता चला है कि इस विश्व धरोहर स्थल पर गैंडों की संख्या 2018 की जनगणना के 2,413 से 200 बढ़कर 2,613 हो चुकी है. पार्क के निदेशक जतिंद्र सरमा ने मीडिया को बताया कि गैंडों की संख्या में बढ़ोतरी अवैध शिकार रोकने के लिए लगातार किए जा रहे कड़े उपायों के कारण हुई है.
सरमा ने कहा कि चूंकि सरकार की नीति अवैध शिकार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की है, इसलिए निगरानी को काफी बढ़ाया गया है. इसके लिए वन विभाग, नागरिक प्रशासन और पुलिस एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अवैध शिकार और प्राकृतिक कारणों से 400 अन्य गैंडों की मौत के बाद भी गैंडों की संख्या में 200 की बढ़ोतरी हुई है. गैंडों की जनगणना के बारे में उन्होंने कहा कि वास्तविक जनगणना 26-27 मार्च के बीच की गई थी.
25 मार्च को विशेषज्ञों ने गणना करने वालों को प्रशिक्षण के साथ एक ब्रीफिंग दी गई थी. 28 मार्च को चुने गए 26 इलाकों में नमूना सर्वेक्षण किया गया था. इस काम में कुल मिलाकर 64 प्रगणकों, 12 स्वतंत्र पर्यवेक्षकों, 49 मीडिया पर्यवेक्षकों ने हिस्सा लिया. सरमा ने कहा कि काजीरंगा पार्क में फैले सभी 84 इलाकों को कवर करने के लिए 50 हाथियों का इस्तेमाल किया गया था. इस काम में कुल मिलाकर 252 फ्रंटलाइन कर्मचारी सीधे तौर पर शामिल थे.
काजीरंगा पार्क निदेशक ने कहा कि बेहतर गणना के लिए सभी गणना करने वालों को जीपीएस और दूरबीन दिए गए थे. पहली बार सैंपल रीचेक के लिए ड्रोन तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया. डेटा की गणना 28 मार्च को एक समिति ने की थी. इन अनुमानित 2,613 गैंडों में से 1,823 वयस्क, 365 उप-वयस्क, 279 किशोर और 146 बछड़े हैं. महिलाओं की संख्या पुरुषों से 183 अधिक है. जनगणना के दौरान 273 गैंडों के लिंग का पता नहीं लगाया जा सका.
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