सरकार की क्रूरता के खिलाफ डटकर खड़ा है देश का किसान : राहुल गांधी

राहुल गांधी ने किसानों के प्रदर्शन को लेकर ट्वीट किया है. (PTI Photo)
Farmers Protest: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 26, 2020, 5:23 PM IST
नई दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Former Congress President Rahul Gandhi) ने केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च (Dilli Chalo March) की पृष्ठभूमि में गुरुवार को दावा किया कि केंद्र सरकार (Central Government) की ‘क्रूरता’ के खिलाफ देश के सभी किसान डटकर खड़े हैं. उन्होंने दिल्ली पहुंचने का प्रयास कर रहे किसानों पर पानी की बौछार करने से जुड़ा एक वीडियो ट्विटर पर साझा कर सरकार पर निशाना साधा.
कांग्रेस नेता ने एक कविता ट्वीट की, ‘‘नहीं हुआ है अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान, चिड़ियों के जगने से पहले खाट छोड़ उठ गया किसान, काले क़ानूनों के बादल गरज रहे गड़-गड़, अन्याय की बिजली चमकती चम-चम, मूसलाधार बरसता पानी, ज़रा ना रुकता लेता दम...!’’ राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है.''
उल्लेखनीय है कि पंजाब (Punjab) के बहुत सारे किसान केंद्र के कृषि संबंधी कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ ‘दिल्ली चलो मार्च’ के तहत राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की कोशिश में हैं. इसको देखते हुए हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है.
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पुलिस ने रेत से भरे ट्रकों को किया तैनात
वहीं पुलिस ने सिंधु सीमा पर दिल्ली पुलिस ने किसानों द्वारा संचालित ट्रैक्टरों की आवाजाही रोकने के लिए रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है. यह पहला मौका है जब शहर की पुलिस ने सीमा पर रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है. पुलिस ने बताया कि सीमा को सील नहीं किया गया है लेकिन वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं.
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने 26 और 27 नवंबर को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने के विभिन्न किसान संगठनों के अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया था.
पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि अगर वे कोविड-19 महामारी के बीच किसी भी सभा के लिए शहर में आते हैं तो विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें- दिल्ली में लग सकता है नाइट कर्फ्यू! केजरीवाल सरकार ने HC को दी जानकारी
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी), राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन के विभिन्न समूहों ने साथ मिलकर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 'संयुक्त किसान मोर्चा' गठित किया है.

मोर्चा के संचालन में समन्वय स्थापित करने के लिए सात सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई है.
कांग्रेस नेता ने एक कविता ट्वीट की, ‘‘नहीं हुआ है अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान, चिड़ियों के जगने से पहले खाट छोड़ उठ गया किसान, काले क़ानूनों के बादल गरज रहे गड़-गड़, अन्याय की बिजली चमकती चम-चम, मूसलाधार बरसता पानी, ज़रा ना रुकता लेता दम...!’’ राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है.''
नहीं हुआ है अभी सवेरा,पूरब की लाली पहचानचिड़ियों के जगने से पहले,खाट छोड़ उठ गया किसानकाले क़ानूनों के बादल गरज रहे गड़-गड़,अन्याय की बिजली चमकती चम-चममूसलाधार बरसता पानी,ज़रा ना रुकता लेता दम!
मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है। pic.twitter.com/UMtYbKqSkM— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 26, 2020
उल्लेखनीय है कि पंजाब (Punjab) के बहुत सारे किसान केंद्र के कृषि संबंधी कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ ‘दिल्ली चलो मार्च’ के तहत राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की कोशिश में हैं. इसको देखते हुए हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है.
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पुलिस ने रेत से भरे ट्रकों को किया तैनात
वहीं पुलिस ने सिंधु सीमा पर दिल्ली पुलिस ने किसानों द्वारा संचालित ट्रैक्टरों की आवाजाही रोकने के लिए रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है. यह पहला मौका है जब शहर की पुलिस ने सीमा पर रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है. पुलिस ने बताया कि सीमा को सील नहीं किया गया है लेकिन वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं.
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने 26 और 27 नवंबर को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने के विभिन्न किसान संगठनों के अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया था.
पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि अगर वे कोविड-19 महामारी के बीच किसी भी सभा के लिए शहर में आते हैं तो विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी), राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन के विभिन्न समूहों ने साथ मिलकर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 'संयुक्त किसान मोर्चा' गठित किया है.
मोर्चा के संचालन में समन्वय स्थापित करने के लिए सात सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई है.