Kisan Andolan: राकेश टिकैत बोले- देश में विपक्ष मजबूत नहीं, इसलिए किसानों को सड़क पर उतरना पड़ा

राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन
भारतीय किसान यूनियन -टिकैत (Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union) का कहना है कि विपक्ष भी उनके साथ सड़कों पर बैठे और आंदोलन करे.
- News18Hindi
- Last Updated: December 30, 2020, 12:39 PM IST
नई दिल्ली. केंद्र द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ आंदोलनरत किसान संगठनों में से एक भारतीय किसान यूनियन -टिकैत (Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union) का कहना है कि विपक्ष भी उनके साथ सड़कों पर बैठे और आंदोलन करे. समाचार एजेंसी ANI के अनुसार भाकियू के राकेश टिकैत ने कहा कि देश में एक मजबूत विपक्ष की बहुत जरूरत है जिससे सरकार डरे लेकिन यहां ऐसा नहीं है. टिकैत ने कहा कि विपक्ष के नेता भी टेंट लगाकर सड़कों पर आंदोलन शुरू करें.
ANI के अनुसार गाजीपुर सीमा पर चल रहे आंदोलन के अगुआ टिकैत ने कहा, 'यह जरूरी है कि देश में मजबूत विपक्ष हो, जिससे सरकार का डरे लेकिन यहां ऐसा नहीं हैं. इसी कारण किसानों को सड़कों पर आना पड़ा. विपक्ष को कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर टेंट लगाकर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए.'
टिकैत का बयान सरकार और किसानों के बीच होने वाले छठे दौर की बातचीत से पहले आया है. बता दें बुधवार को कृषि कानूनों के विवाद पर सरकार और किसानों के बीच वार्ता होगी. किसान मजदूर संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह साबरा ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हुई है. हमें नहीं लगता कि हम आज भी किसी समाधान तक पहुंचेंगे. तीन कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए.
प्रदर्शनकारी संगठन नए कानून वापस लेने की मांग पर अडिग
बता दें केंद्र और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच ठहरी हुई बातचीत बुधवार को होगी वहीं प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने कहा कि चर्चा केवल तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीकों एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने पर ही होगी.
इस बीच केंद्र और किसानों के बीच छठे दौर की वार्ता से एक दिन पहले केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने वरिष्ठ भाजपा नेता एवं गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने इस बैठक में इस बारे में चर्चा की कि बुधवार को किसानों के साथ होने वाली वार्ता में सरकार का क्या रुख रहेगा.

कृषि मंत्री तोमर, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश किसानों के साथ वार्ता में केंद्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. तोमर ने सोमवार को कहा था कि उन्हें गतिरोध के जल्द दूर होने की उम्मीद है.
ANI के अनुसार गाजीपुर सीमा पर चल रहे आंदोलन के अगुआ टिकैत ने कहा, 'यह जरूरी है कि देश में मजबूत विपक्ष हो, जिससे सरकार का डरे लेकिन यहां ऐसा नहीं हैं. इसी कारण किसानों को सड़कों पर आना पड़ा. विपक्ष को कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर टेंट लगाकर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए.'
It's essential to have strong opposition in the country whom the govt fears but here they don't. This is why farmers had to come on roads. Opposition should sit in pitched tents& stage protest on roads against the farm laws: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union at Ghazipur border pic.twitter.com/2l4XQYAt5m
— ANI (@ANI) December 30, 2020
टिकैत का बयान सरकार और किसानों के बीच होने वाले छठे दौर की बातचीत से पहले आया है. बता दें बुधवार को कृषि कानूनों के विवाद पर सरकार और किसानों के बीच वार्ता होगी. किसान मजदूर संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह साबरा ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हुई है. हमें नहीं लगता कि हम आज भी किसी समाधान तक पहुंचेंगे. तीन कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए.
प्रदर्शनकारी संगठन नए कानून वापस लेने की मांग पर अडिग
बता दें केंद्र और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच ठहरी हुई बातचीत बुधवार को होगी वहीं प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने कहा कि चर्चा केवल तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर-तरीकों एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने पर ही होगी.
इस बीच केंद्र और किसानों के बीच छठे दौर की वार्ता से एक दिन पहले केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने वरिष्ठ भाजपा नेता एवं गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने इस बैठक में इस बारे में चर्चा की कि बुधवार को किसानों के साथ होने वाली वार्ता में सरकार का क्या रुख रहेगा.
कृषि मंत्री तोमर, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश किसानों के साथ वार्ता में केंद्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. तोमर ने सोमवार को कहा था कि उन्हें गतिरोध के जल्द दूर होने की उम्मीद है.