विपक्ष के नेता हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाले हरियाणा मंत्रिमंडल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए सदन में कहा था कि राज्य सरकार ने लोगों का विश्वास खो दिया है.. (फाइल फोटो)
चंडीगढ़. हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी सरकार (BJP-JJP Govt) ने विधानसभा में बुधवार को आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को आसानी से पराजित कर राज्य सरकार ने विश्वासमत जीत लिया. मतों के विभाजन के बाद यह प्रस्ताव गिर गया. प्रस्ताव पर छह घंटे तक चली मैराथन चर्चा के अंत में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सदन में घोषणा की कि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 55 और पक्ष में 32 मत पड़े. बता दें कि हरियाणा के विधायकों से किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने अपील करते हुए कहा था कि अपनी अंतरात्मा की आवाज को सुनें और अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट करें.
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के नेता बी एस हुड्डा ने अध्यक्ष से अनुरोध किया था कि अविश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान की अनुमति दी जाए. अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट डालने वाले 55 सदस्यों में से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 39, उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) के 10, पांच निर्दलीय और हरियाणा लोकहित पार्टी से गोपाल कांडा शामिल हैं. विधानसभा में अध्यक्ष समेत बीजेपी के 40 सदस्य हैं. कांग्रेस के 30 सदस्यों और दो निर्दलीय विधायकों बलराज कुंडू और सोमबीर सांगवान ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया.
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या 88 है, जिसमें सत्तारूढ़ बीजेपी के 40 सदस्य, जजपा के दस और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं.
खट्टर ने विपक्ष से कहा था किसानों को भड़काना बंद करें
विपक्ष के नेता हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाले हरियाणा मंत्रिमंडल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए सदन में कहा था कि राज्य सरकार ने लोगों का विश्वास खो दिया है. केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं के निकट किसानों के विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री खट्टर ने विपक्ष से कहा कि वे किसानों को भड़काना बंद करें और इसके बजाय उन्हें आगे आकर किसानों को अपना आंदोलन समाप्त करने को कहना चाहिए.
उपमुख्यमंत्री और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने आश्वासन दिया कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा करेगी. उन्होंने कहा कि मंडियां और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी रहेगा. प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद अध्यक्ष ने मंत्रिमंडल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया और इस पर चर्चा के लिए दो घंटे का समय तय किया. हालांकि इसके बाद कई सदस्यों ने इस पर अपने विचार रखे और चर्चा छह घंटों तक चली.
इससे पहले केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का मुद्दा सबसे पहले उठाते हुए हुड्डा ने कहा कि स्थिति ऐसी है कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में भी नहीं जा सकते. प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हुड्डा ने कहा, “इस सरकार ने लोगों का विश्वास खो दिया है. उनके विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में भी नहीं जा सकते.”
उन्होंने दावा किया कि बीजेपी-जेजेपी सरकार ने नवंबर में किसानों को रोका, उनके विरुद्ध पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और वे दिल्ली की ओर न जा सकें इसलिए सड़कें तक खोद दी गईं. हुड्डा ने कहा, “सरकार को यह पता होना चाहिए कि वह इन तरीकों का इस्तेमाल कर किसानों के मनोबल को तोड़ नहीं सकती.”
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: CM Manohar Lal Khattar, Deputy Chief Minister Dushyant Chautala, Haryana Government