नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव में काफी हद तक स्थिति साफ हो चुकी है. एनडीए बढ़त की ओर है. वहीं महागठबंधन ने भी उसे जोरदार टक्कर दिया है. इस बीच रात 1 बजे चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा. ऐसा कहा जा रहा है कि आयोग की ओर से सीटों पर घोषणा की जाएगी. वहीं, बिहार में कुछ विधानसभा सीटों पर मतगणना में कथित गड़बड़ी के कांग्रेस एवं राजद के आरोपों की पृष्ठभूमि में निर्वाचन आयोग ने कहा कि वह कभी भी किसी के दबाव में नहीं रहा है.
आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने यह भी कहा कि मतगणना में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'आयोग पूरी तरह से मुस्तैद है और मतगणना सही ढंग से हो रही है. आयोग कभी भी किसी के दबाव में नहीं रहा है. जो प्रक्रियाएं हैं, उनका पालन हो रहा है. इन प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद नतीजों की घोषणा की जाएगी.' सिन्हा ने कहा कि जिन सीटों पर हार और जीत का अंतर खारिज किए गए डाक मत पत्रों से कम है वहां पुन: सत्यापन किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादातर सीटों पर कुछ चरण की मतगणना शेष है.
ये भी पढ़ें: RJD ने 119 उम्मीदवारों की सूची जारी कर किया जीत का दावा, EC से मिला प्रतिनिधिमंडल
ये भी पढ़ें: तेलंगाना उपचुनाव में BJP ने मारी बाजी, क्या कहती है दक्षिण भारतीय राज्य में कमल की ये जीत
इससे पहले कांग्रेस और राजद के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पटना में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर कुछ सीटों पर उनके उम्मीदवारों को हराए जाने का आरोप लगाया और कुछ सीटों पर फिर से मतगणना की मांग की. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कुछ सीटों का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ' ये न प्रजातंत्र की परिपाटी है और न ही क़ानूनी तौर से सही है. चुनाव आयोग कहां है? इससे पहले सिन्हा ने बताया कि रात तक ज्यादातर चुनाव नतीजों की घोषणा कर दी जाएगी तथा शेष परिणाम देर रात आएंगे. उनसे सवाल किया गया था कि क्या नतीजों की घोषणा बुधवार को सुबह की जाएगी?
बिहार के प्रभारी उप निर्वाचन आयुक्त चंद्र भूषण कुमार ने बताया कि शाम 5.30 बजे तक 2.7 करोड़ मतों की गिनती कर ली गई थी. आयोग के अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न सरकारी सेवाओं से जुड़े लोगों से 1.6 लाख मत पत्र इलेक्ट्रानिक रूप से स्थानांतरित किए गए थे. करीब 52,000 डाक पत्रों का इस्तेमाल 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और दिव्यांगजनों ने किया. अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि डाक पत्रों की गणना को बीच में ही रोक दिया गया.
कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम के पालन के लिए आयोग ने 2015 विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी थी. इससे पहले, 2015 चुनाव में करीब 65,000 मतदान केन्द्र स्थापित किए गए थे, जिन्हें बढ़ाकर इस बार 1.06 लाख कर दिया गया था. इसके चलते इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) भी अधिक इस्तेमाल करनी पड़ीं. इस बार हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1,000 से 1,500 तक तय की गई थी, ताकि सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा सके. इसके लिए मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ानी पड़ी.undefined
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : November 11, 2020, 00:18 IST