भाजपा सरकार केवल सड़कों पर किए जाने वाले प्रदर्शनों की भाषा समझती है: अधीर रंजन चौधरी

अधीर रंजन चौधरी की फाइल फोटो
Farmers Protest: खास बात है कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए गुरुवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई चौथे दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी.
- भाषा
- Last Updated: December 5, 2020, 4:25 PM IST
कोलकाता. किसान आंदोलनों के बीच विपक्षी पार्टियां लगातार भारतीय जनता पार्टी (BJP) को घेर रही हैं. हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. शनिवार को चौधरी ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार केवल सड़कों पर किए जाने वाले प्रदर्शनों की भाषा समझती है. खास बात है कि नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए गुरुवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई चौथे दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी.
नए कृषि कानूनों पर किसानों की केंद्रीय मंत्रियों के साथ होने वाली बैठक से पहले उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इन कानूनों पर संसद की स्थायी समिति के जरिए कहीं अधिक परामर्श एवं विचार करने की मांग की थी, लेकिन यह अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया और जब कांग्रेस सांसदों ने संसद में इसका विरोध किया तो उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया.
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लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस ने जब किसान विरोधी विधेयकों का विरेाध किया, तब सत्तारूढ़ पार्टी ने हम पर किसानों के हितों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था और यहां तक कि हमारे सदस्यों को संसद में उस वक्त निलंबित कर दिया गया जब विधेयकों को पारित कराए जाने से पहले उन पर मतविभाजन की मांग की गई.’
उन्होंने कहा, ‘अब यही सरकार बहुत ही बेमन से किसानों की मांगों के आगे झुकने को मजबूर हो गई है.’ सूत्रों ने बताया कि नए कृषि कानूनों पर पांचवें दौर की वार्ता के लिए शनिवार को किसानों के केंद्रीय मंत्रियों से मिलने का कार्यक्रम है. उन्होंने कहा कि सरकार और किसान संगठनों के बीच पांचवें दौर की अहम बातचीत से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने प्रदर्शनकारी समूहों के समक्ष दिए जाने वाले संभावित प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की है. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) भी मौजूद थे.
नए कृषि कानूनों पर किसानों की केंद्रीय मंत्रियों के साथ होने वाली बैठक से पहले उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इन कानूनों पर संसद की स्थायी समिति के जरिए कहीं अधिक परामर्श एवं विचार करने की मांग की थी, लेकिन यह अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया और जब कांग्रेस सांसदों ने संसद में इसका विरोध किया तो उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया.
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लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस ने जब किसान विरोधी विधेयकों का विरेाध किया, तब सत्तारूढ़ पार्टी ने हम पर किसानों के हितों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था और यहां तक कि हमारे सदस्यों को संसद में उस वक्त निलंबित कर दिया गया जब विधेयकों को पारित कराए जाने से पहले उन पर मतविभाजन की मांग की गई.’
उन्होंने कहा, ‘अब यही सरकार बहुत ही बेमन से किसानों की मांगों के आगे झुकने को मजबूर हो गई है.’ सूत्रों ने बताया कि नए कृषि कानूनों पर पांचवें दौर की वार्ता के लिए शनिवार को किसानों के केंद्रीय मंत्रियों से मिलने का कार्यक्रम है. उन्होंने कहा कि सरकार और किसान संगठनों के बीच पांचवें दौर की अहम बातचीत से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने प्रदर्शनकारी समूहों के समक्ष दिए जाने वाले संभावित प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की है. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) भी मौजूद थे.