सोनिया गांधी बोलीं- महाराष्ट्र में लोकतंत्र को खत्म करने की हुई कोशिश
भाषा Updated: November 29, 2019, 4:39 AM IST

चिदंबरम की गिरफ्तारी का उल्लेख करते हुए सोनिया गांधी कहा कि यह सरकार बदले की राजनीति कर रही है.
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि बीजेपी (BJP) ने महाराष्ट्र में बेशर्म प्रयास किया.
- भाषा
- Last Updated: November 29, 2019, 4:39 AM IST
नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने गुरुवार को मोदी सरकार को निशाने पर लिया. सोनिया गांधी ने कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की बैठक में गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) में लोकतंत्र को खत्म करने का बेशर्मी से प्रयास किया गया और राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर काम किया.
शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन को विफल करने का हुआ प्रयास
सूत्रों के अनुसार संसद भवन परिसर में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया ने यह भी कहा कि राज्य में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन को विफल करने का हर प्रयास किया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई और मोदी-शाह सरकार पूरी तरह बेनकाब हो गई. उन्होंने कहा कि बीजेपी के प्रयासों को विफल करने के लिए तीनों पार्टियां एकजुट हैं.
जम्मू-कश्मीर में नई शुरुआत के झूठे वादे
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नई शुरुआत के ‘झूठे वादे’ के साथ यह किया गया, लेकिन जमीनी हकीकत उससे बिल्कुल उलट है जो दिखाने की कोशिश हो रही है.
बदले की राजनीति कर रही है केंद्र सरकार
उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सरकार बदले की राजनीति कर रही है. सोनिया ने कहा, 'हम अपने लिए नहीं, बल्कि संविधान, उदारवादी एवं बहुलवादी लोकतंत्र और देश एवं जनता के लिए लड़ेंगे.'
कांग्रेस के विरोध पर आरसीईपी पर पीछे हटी सरकार
क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) समझौते का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा कि कांग्रेस के जोरदार ढंग से आवाज उठाने के कारण मोदी को अचानक और पाखंडी ढंग से गांधी के सूत्र का ज्ञान हो गया. उन्होंने आरोप लगाया कि असम मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ‘विभाजनकारी नीतियों’ का अनुसरण कर रहे है.
सोनिया ने कहा, 'नागरिकता कानून में संशोधन जैसे मुद्दे संविधान की बुनियाद पर प्रहार हैं. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में असम में एनआरसी का क्रियान्वयन किया गया. इससे बीजेपी-आरएसएस का एजेंडा पूरा नहीं हुआ और सत्तारूढ़ पार्टी में नए सिरे से एनआरसी की मांग उठ रही है. गृह मंत्री पूरे देश में एनआरसी की बात कर रहे हैं इससे और डर एवं अफरा-तफरी पैदा होगी.'
अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी सोनिया ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'यह स्पष्ट है कि मोदी-शाह सरकार देश के सामने पेश चुनौतियों से निपटने को लेकर बेखबर हैं. आर्थिक संकट दिन ब दिन गहराता जा रहा है. विकास दर गिर रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है और कोई निवेश नहीं आ रहा है. किसान और छोटे एवं मझोले कारोबारी परेशानी में हैं. मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में निवेश गिर रहा है. निर्यात गिर रहा है. जरूरी वस्तुओं की कीमतें बढ़ती जा रही हैं जिससे आम लोगों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इन समस्याओं का निदान करने की बजाय मोदी-शाह सरकार आंकड़ों छेड़छाड़ करने या फिर आंकड़ों को प्रकाशित नहीं करने में लगी हुई है.
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शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन को विफल करने का हुआ प्रयास
सूत्रों के अनुसार संसद भवन परिसर में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया ने यह भी कहा कि राज्य में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन को विफल करने का हर प्रयास किया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई और मोदी-शाह सरकार पूरी तरह बेनकाब हो गई. उन्होंने कहा कि बीजेपी के प्रयासों को विफल करने के लिए तीनों पार्टियां एकजुट हैं.
Congress interim president Sonia Gandhi during Congress parliamentary party meet: Bharatiya Janata Party (BJP) made shameless efforts in Maharashtra. Profit making Public Sector Undertakings (PSU) are being sold to Narendra Modi's friends. (file pic) pic.twitter.com/mifXlLcjn4
— ANI (@ANI) November 28, 2019
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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नई शुरुआत के ‘झूठे वादे’ के साथ यह किया गया, लेकिन जमीनी हकीकत उससे बिल्कुल उलट है जो दिखाने की कोशिश हो रही है.
बदले की राजनीति कर रही है केंद्र सरकार
उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सरकार बदले की राजनीति कर रही है. सोनिया ने कहा, 'हम अपने लिए नहीं, बल्कि संविधान, उदारवादी एवं बहुलवादी लोकतंत्र और देश एवं जनता के लिए लड़ेंगे.'
कांग्रेस के विरोध पर आरसीईपी पर पीछे हटी सरकार
क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) समझौते का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा कि कांग्रेस के जोरदार ढंग से आवाज उठाने के कारण मोदी को अचानक और पाखंडी ढंग से गांधी के सूत्र का ज्ञान हो गया. उन्होंने आरोप लगाया कि असम मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ‘विभाजनकारी नीतियों’ का अनुसरण कर रहे है.
सोनिया ने कहा, 'नागरिकता कानून में संशोधन जैसे मुद्दे संविधान की बुनियाद पर प्रहार हैं. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में असम में एनआरसी का क्रियान्वयन किया गया. इससे बीजेपी-आरएसएस का एजेंडा पूरा नहीं हुआ और सत्तारूढ़ पार्टी में नए सिरे से एनआरसी की मांग उठ रही है. गृह मंत्री पूरे देश में एनआरसी की बात कर रहे हैं इससे और डर एवं अफरा-तफरी पैदा होगी.'
अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी सोनिया ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'यह स्पष्ट है कि मोदी-शाह सरकार देश के सामने पेश चुनौतियों से निपटने को लेकर बेखबर हैं. आर्थिक संकट दिन ब दिन गहराता जा रहा है. विकास दर गिर रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है और कोई निवेश नहीं आ रहा है. किसान और छोटे एवं मझोले कारोबारी परेशानी में हैं. मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में निवेश गिर रहा है. निर्यात गिर रहा है. जरूरी वस्तुओं की कीमतें बढ़ती जा रही हैं जिससे आम लोगों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इन समस्याओं का निदान करने की बजाय मोदी-शाह सरकार आंकड़ों छेड़छाड़ करने या फिर आंकड़ों को प्रकाशित नहीं करने में लगी हुई है.
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First published: November 29, 2019, 3:32 AM IST
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