बर्फ से ढके पास को खोलने वाली बीआरओ की एक टीम.
नई दिल्ली. बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन (बीआरओ) नए-नए आयाम स्थापित कर रहा है. इसी कड़ी में बर्फ से ढके तीन पास को इस बार तय समय से पहले खोलकर रिकार्ड बनाया है. इससे जहां भारतीय सेना का चीन और पाकिस्तान बॉर्डर तक पहुंचना आसान हो गया है, वहीं, आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों की आवाजाही जल्द बहाल हो गयी और इन इलाके का संपर्क पूरे देश से जुड़ गया, जिससे यहां के निवासियों का जीवन भी सामान्य हो गया है.
बीआरओ बार्डर इलाकों की सड़कों का निर्माण करता है और उनकी देखभाल भी करता है. ये सड़कें इसलिए भी महत्वपूर्ण होती हैं, क्योंकि देश की सीमा तक पहुंचने के लिए सेना इन्हीं सड़कों का प्रयोग करती है. चूंकि ये सड़कें ऊंचाई पर होती हैं, इसलिए सर्दियों में बर्फबारी के दौरान ये सड़कें बर्फ से ढक जाती हैं और इन इलाकों का संपर्क देश से सड़क मार्ग से पूरी तरह कट जाता है. पूर्व में ये सड़कें चार-चार माह तक बंद रहती थीं लेकिन बीआरओ हर वर्ष इन सड़कों को तय समय से पहले खोलकर रिकार्ड बना रहा है.
इस वर्ष बनें ये रिकार्ड
. लेह-मनाली हाईवे को इस वर्ष 138 में 25 मार्च को खोल दिया गया है. पिछले वर्ष से एक दिन पहले इसे खोला गया है. गत वर्ष 26 मार्च को खोला गया था.
. श्रीनगर- जोजिला-लेह (एनएच 1डी) 16 मार्च को रिकार्ड 68 दिन में खोला गया है. पिछले वर्ष ये पास 73 दिन में खोला गया था.
. निम्मू-पदुम-दारचा शिंकुला पास 23 मार्च को 55 दिन में खोल दिया गया. पिछले वर्ष यह 17 अप्रैल को खोला गया था.
पूरे साल खुले रहे ये पास
इसके अलावा बीआरओ ने कई ऐसे पास को पूरे साल खोलकर रखा, जो सामरिक और रणनीतिक रूप में भी देश के लिए महत्वपूर्ण हैं. इनमें खार्दुंग ला (17582 फुट), नामिकी ला (12139 फुट), फोटू ला (13478 फुट), सेला पास (13700 फुट), मनाली माकिन पास (10200 फुट), माना पास (18478 फुट), नाथूला पास (14250 फुट), साधना पास (10269 फुट), फारकिएन गली (9840 फुट), जमींदार गली (10334 फुट) और नीतिपास (11811 फुट) प्रमुख रूप से शामिल हैं.
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Tags: BRO, India china border, Indo-Pak border
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