पाकिस्तान के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक की 28 सितंबर को दो साल पूरे हो गए. इस मौके पर भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर एक बार फिर से अपने एक जवान की शहादत का बदला लिया है. सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के डीजी केके शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि अपने सैनिक की मौत का बदला लेने के लिए हमने एलओसी पर कड़ी कार्रवाई की है. बता दें कि कुछ दिन पहले आतंकियों ने सेना के जवान नरेंद्र सिंह की हत्या कर दी थी. जवान की शव के साथ छेड़छाड़ भी किया गया था.
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इसके पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी एलओसी के पार 'बड़ी कार्रवाई' होने के संकेत दिए थे. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम के दौरान सिंह ने कहा, 'बीएसएफ के एक जवान के साथ पाकिस्तान ने जिस तरह की बदसलूकी की, उसे शायद आपने देखा होगा. इसके मद्देनजर सीमा पर कुछ हुआ है. मैं बताऊंगा नहीं. हुआ है, ठीक ठाक हुआ है. विश्वास रखना बहुत ठीक-ठाक हुआ है. दो-तीन दिन पहले. और आगे भी देखिएगा क्या होगा.'
गृहमंत्री ने कहा, ' मैंने अपने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवानों को कहा था पड़ोसी है, पहली गोली मत चलाना, लेकिन एक भी गोली अगर उधर से चल जाती है तो फिर अपनी गोलियों को मत गिनना.'
इसके बाद निवर्तमान बीएसएफ महानिदेशक (डीजी) केके शर्मा ने बताया, 'अपने सैनिक (नरेंद्र शर्मा) की मौत का बदला लेने के लिए हमने नियंत्रण रेखा पर पर्याप्त कार्रवाई की है. हमारे पास उचित समय पर और अपनी पसंद के स्थान पर जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है.'
30 सितंबर को रिटायर्ड होने जा रहे शर्मा ने यह भी स्वीकार किया कि हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) की कार्रवाई में मारे गए.
बीएसएफ डीजी ने कहा कि जवान के सीने में तीन गोलियां मारी गईं. उन्हें बाड़ के दूसरी तरफ खींचकर ले जाया गया, उनके पैर बांध दिए गए और गला रेत दिया गया.
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बीएसएफ प्रमुख ने कहा कि जम्मू के रामगढ़ सेक्टर में सात अन्य कर्मियों के साथ बाड़ के पास गए जवान की बंदूक और गोला बारूद को (हमलावर) साथ ले गए.उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "यह घटना अपने आप में पहली तरह की घटना है क्योंकि आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बैट की कार्रवाई देखने को नहीं मिलती. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है."
शर्मा ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर कुछ जवाबी कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है तथा अभी और अधिक की जाएगी. उन्होंने कहा, "अपने सैनिक की मौत का बदला लेने के लिए हमने नियंत्रण रेखा पर पर्याप्त कार्रवाई की है. हमारे पास उचित समय पर और अपनी पसंद के स्थान पर जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है."
शर्मा ने कहा, "जिस समय यह घटना हुई, उस समय हमने देखा कि दूसरा पक्ष गायब हो गया. वे कहीं नहीं दिखे."
उन्होंने कहा, "बी एस एफ ने बहुत कड़ी और मुंहतोड़ कार्रवाई की है दूसरे पक्ष को हमेशा के मुकाबले कहीं अधिक नुकसान पहुंचाया है. हम दोबारा भी यह करेंगे."
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शर्मा ने कहा, "इस मामले में सबसे पहले यह महत्वपूर्ण था कि हम जवान का शव बरामद करें तथा इसके बाद कुछ और निकट भविष्य में हम देखेंगे कि हम कुछ करेंगे."
उन्होंने कहा कि अब यह पता चल गया है कि बैट अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी हरकत कर सकती है, इसलिए अग्रिम ठिकानों पर तैनात बी एस एफ कर्मियों से चौकस रहने को कहा गया है.
महानिदेशक ने बीएसएफ मुख्यालय में कहा, "इमरान खान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद सीमा पर कोई बदलाव नहीं आया है और उसके बाद यह घटना हुई है. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई." उन्होंने कहा, "हम विगत के मुकाबले सीमा पर विरोधी के रुख में अधिक आक्रामकता देख रहे हैं."
शर्मा ने कहा कि पाकिस्तानी पक्ष ने भारत की तरफ से ‘सर्जिकल स्टाइक’ जैसी घटना की आशंका से अपनी तरफ अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर लगभग पांच किलोमीटर तक का क्षेत्र खाली कर दिया है.
यह पूछे जाने पर कि क्या बल ने सीमा पर पाकिस्तानी रेंजरों के साथ चीनी सैनिकों को देखा है, शर्मा ने इसका जवाब ‘न’ में दिया.
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FIRST PUBLISHED : September 29, 2018, 10:47 IST