Budget Session 2023: पीएम मोदी ने कहा, आर्थिक समीक्षा भारत के विकास पथ का ब्योरा पेश करती है

Budget Session: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र के पहले दिन कहा, 'सरकार देश को विश्व का सबसे प्रतिस्पर्धी लॉजिस्टिक केंद्र बनाने के लिए काम कर रही है. इसके लिए पिछले वर्ष देश में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति लागू की गई है. इस नीति के लागू होने से लॉजिस्टिक से जुड़ी लागत में काफी कमी आएगी.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में पिछले आठ साल के दौरान 55 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. जल्द ही भारतमाला परियोजना के तहत देश के 550से ज्यादा जिले राजमार्ग से जुड़ जाएंगे. अर्थव्यवस्था को गति देने वाले गलियारों की संख्या छह बढ़कर 50 होने वाली है.'

Budget Session: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि सरकार आर्थिक विकास को गति देने के साथ हरित यानी पर्यावरण अनुकूल वृद्धि पर भी ध्यान दे रही है. इसी का परिणाम है कि पिछले आठ साल में सौर ऊर्जा क्षमता करीब 20 गुना बढ़ी है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार देश के विकास के लिए जिस गति और पैमाने पर काम कर रही है, उसका लाभ दिख रहा है. राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए अपने पहले अभिभाषण में कहा, ‘देश ने उस सोच को बदला है जो प्रगति और प्रकृति को परस्पर विरोधी मानती थी. सरकार विकास को गति देने के साथ हरित वृद्धि पर ध्यान दे रही है और पूरे विश्व को मिशन ‘लाइफ’ से जोड़ने पर बल दे रही है.’

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31 Jan 2023 21:33 (IST)

गृह मंत्री अमित शाह ने की आर्थिक समीक्षा 2023 की सराहना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को आर्थिक समीक्षा 2023 की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड महामारी के संकटपूर्ण समय में अर्थव्यवस्था को सहजता से आगे बढ़ाया. शाह ने एक ट्वीट में कहा, “आर्थिक समीक्षा 2023 ने फिर से यह पुष्टि की है ‘अनुभवी कप्तान’ प्रधानमंत्री मोदी ने महामारी के संकटपूर्ण समय में भी अर्थव्यवस्था को सहजता से आगे बढ़ाया. जब दुनिया मंदी से जूझ रही है, तब सभी क्षेत्रों में प्रगति और आशावाद दिखाता है कि भारत वैश्विक महाशक्ति के तौर पर उभरने को तैयार है”

31 Jan 2023 21:14 (IST)

मनरेगा में रोजगार की मांग महामारी-पूर्व स्तर पर पहुंची: आर्थिक समीक्षा

ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम की मांग जुलाई से नवंबर 2022 के बीच महामारी-पूर्व स्तर के आसपास रही. मंगलवार को पेश आर्थिक समीक्षा में इसका श्रेय ‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सामान्य होने’ और ‘कोविड की वजह से आई सुस्ती से तीव्र पुनरुद्धार’ को दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से मंगलवार को संसद में पेश की गई वर्ष 2022-23 की आर्थिक समीक्षा के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 24 जनवरी तक 6.49 करोड़ परिवारों ने मनरेगा योजना के तहत रोजगार की मांग की. उनमें से 6.48 करोड़ परिवारों को रोजगार की पेशकश की गई और 5.7 करोड़ परिवारों ने इसका लाभ उठाया. आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, ‘मनरेगा के तहत काम मांगने वाले व्यक्तियों की संख्या जुलाई से नवंबर 2022 के दौरान महामारी-पूर्व स्तर के आसपास देखी गई. ऐसा मजबूत कृषि विकास और कोविड की वजह से आई सुस्ती में तेज सुधार होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सामान्य होने से हुआ.’

31 Jan 2023 21:11 (IST)

आर्थिक समीक्षा भारत के विकास पथ का विस्तृत विश्लेषण पेश करती है: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि संसद में पेश 2022-23 की आर्थिक समीक्षा भारत के विकास पथ का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करती है, जिसमें हमारे राष्ट्र के प्रति वैश्विक आशावाद, बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने आदि पर जोर देना शामिल है. संसद सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. हालांकि, इसके मुताबिक भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘आर्थिक सर्वेक्षण में भारत के विकास पथ व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है, जिसमें हमारे राष्ट्र के प्रति वैश्विक आशावाद, बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना, कृषि, उद्योगों में विकास और भविष्य के क्षेत्रों पर जोर देना शामिल है.’

31 Jan 2023 19:57 (IST)

आज के आर्थिक हालात वायपेयी के शासनकाल के समान : आर्थिक समीक्षा

वित्त वर्ष 2022-23 की आर्थिक समीक्षा में पिछले आठ वर्षो में देश के आर्थिक हालात को 1998-2002 के अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के शासनकाल में उत्पन्न स्थितियों के समान बताया है. इसमें उम्मीद जतायी गयी है कि महामारी के वैश्विक झटकों से उबरने, जिंस कीमतों में कम बढ़ोतरी से भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले दशक में अपनी क्षमता से बढने के लिये पूर्ण रूप से तैयार है. संसद में पेश वित्त वर्ष 2022-23 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि वर्ष 2014-2022 के आर्थिक हालात 1998-2002 की स्थिति के ही समान है.

इसमें कहा गया है कि घरेलू और वैश्विक आधातों की एक श्रृंखला 1998 से 2002 के बीच देखी गई थी जिसने निवेशकों के विश्वास को कमजोर कर दिया. भारत के परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण बाद के महीने में भारत में पूंजी प्रवाह में तेजी से गिरावट आई. वहीं, वर्ष 2000 और 2002 के बीच की अवधि में देश में लगातार दो बार सूखा भी पड़ा. इन घरेलू आघातों से वृद्धि प्रभावित हुई और 9:11 आतंकी हमलों के परिणामस्वरूप बड़ी वैश्विक अनिश्चितता भी सामने थी. आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि 1998 से 2002 के दौरान 1998 के परमाणु परीक्षण एवं इसके कारण प्रतिबंध, बैंकिग और कॉरपोरेट क्षेत्र के बही-खातों को कम तरजीह देना, लगातार दो सूखे, आर्थिक मंदी और 9/11 आतंकी हमले से अर्थव्यवस्था को झटका लगा.

31 Jan 2023 19:16 (IST)

भारत के पास मौजूदा दशक में वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने का अनूठा अवसर है: आर्थिक समीक्षा

भारत के पास मौजूदा दशक में वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने का अनूठा अवसर है क्योंकि विदेशी कंपनियां जुझारूपन कायम करने के लिए विनिर्माण एवं आपूर्ति श्रृंखला रणनीतियों को अपना रही हैं. संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक समीक्षा में यह कहा गया है. अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध, कोविड-19 महामारी और यूक्रेन में युद्ध जैसे जटिल संकटों के चलते आपूर्ति श्रृंखला के झटकों का जोखिम आज की तुलना में कभी भी इतना अधिक महसूस नहीं किया गया. आर्थिक समीक्षा में कहा गया, ‘तेजी से बदलते संदर्भ में वैश्विक कंपनियां विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखला रणनीतियों को अपना रही हैं ताकि जुझारूपन को बनाए रखा जा सके. ऐसे में भारत के पास इस दशक में वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने का अनूठा अवसर मौजूद है.’ भारत के सकल घरेलू उत्पाद में देश के विनिर्माण क्षेत्र का योगदान करीब 15 से 16 प्रतिशत है और आने वाले वर्षों में इसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है. समीक्षा में कहा गया कि इस अवसर का लाभ उठाने के लिए तीन प्रमुख बातें अहम हैं- उल्लेखनीय घरेलू मांग की संभावना, विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कदम उठाना और विशिष्ट जनसांख्यिकीय लाभ.

31 Jan 2023 19:10 (IST)

लाइसेंस, निरीक्षण, अनुपालन व्यवस्था को पूरी तरह खत्म करने की जरूरत: आर्थिक समीक्षा

आर्थिक वृद्धि की उच्च गति को बरकरार रखने के लिए लाइसेंस, निरीक्षण और अनुपालन व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत है. आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में मंगलवार को यह सुझाव दिया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश की गई समीक्षा में कहा गया कि 2014 से पहले किए गए सुधार मुख्य रूप से उत्पाद और पूंजी बाजार से संबंधित थे. समीक्षा में कहा गया, ‘ये सुधार जरूरी थे और 2014 के बाद भी जारी रहे.’ समीक्षा के मुताबिक हालांकि सरकार ने पिछले आठ वर्षों में इन सुधारों को एक नया आयाम दिया है.

इसमें 2014 के बाद मोदी सरकार द्वारा किए गए सुधारों का जिक्र करते हुए कहा गया, ”जिंदगी को आसान बनाने, कारोबारी सुगमता और आर्थिक दक्षता में सुधार पर जोर देकर सुधारों के जरिए आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के प्रयास किए गए।”

31 Jan 2023 17:53 (IST)

भारत दुनिया में जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है: आर्थिक समीक्षा

आर्थिक समीक्षा में कहा गया, ‘भारतीय दवा उद्योग ने वैश्विक औषधि उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस समय भारत औषधियों के उत्पादन में आकार के हिसाब से दुनिया में तीसरे स्थान पर है, जबकि कीमत के हिसाब से 14वें स्थान पर है.’ समीक्षा के मुताबिक, भारत दुनिया में जेनेरिक (सस्ती) दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. भारत आकार के हिसाब से वैश्विक जेनेरिक दवा आपूर्ति का 20 प्रतिशत हिस्सा रखता है, जबकि टीका उत्पादन में 60 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है.

31 Jan 2023 17:51 (IST)

घरेलू दवा बाजार वर्ष 2030 तक 130 अरब डॉलर पहुंचने की संभावनाः आर्थिक समीक्षा

आर्थिक समीक्षा 2022-23 में यह संभावना जताई गई है कि भारत के घरेलू दवा उद्योग ने कोविड महामारी के बाद भी अपनी वृद्धि रफ्तार को कायम रखा है और इसका बाजार वर्ष 2030 तक 130 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी की वजह से आई तीव्र मांग के दौर में देश का औषधि निर्यात 24 प्रतिशत की उच्च दर से बढ़ा था. इस दौरान लगभग 150 देशों में जरूरी दवाइयों और चिकित्सा संबंधी अन्य उपकरणों की आपूर्ति की गई.

31 Jan 2023 17:05 (IST)

वैश्विक वृद्धि ने रफ्तार नहीं पकड़ी तो देश की निर्यात वृद्धि सपाट रहेगी : आर्थिक समीक्षा

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अगर रफ्तार नहीं पकड़ पाती है तो अगले वित्त वर्ष में भारत की निर्यात वृद्धि सपाट रहने की संभावना है. समीक्षा में कहा गया कि वैसे तो भारत का व्यापारिक निर्यात 2021-22 में 422 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया, लेकिन विश्व अर्थव्यवस्था के समक्ष प्रतिकूल परिस्थितियां हैं और वैश्विक व्यापार में सुस्ती का असर भारत की निर्यात वृद्धि पर पड़ेगा. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक मांग में नरमी के कारण दिसंबर, 2022 में भारत का निर्यात 12.2 प्रतिशत घटकर 34.48 अरब डॉलर रह गया और इसी अवधि के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 23.76 अरब डॉलर हो गया.

31 Jan 2023 16:38 (IST)

ईवी उद्योग 2030 तक पांच करोड़ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है, ‘मोटर वाहन उद्योग, हरित ऊर्जा की दिशा में बदलाव में अहम भूमिका निभाएगा. घरेलू ईवी उद्योग के 2030 तक 49 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ने की उम्मीद है. वहीं 2030 तक वार्षिक बिक्री के एक करोड़ इकाई तक पहुंचने का अनुमान है.’ उद्योग का अनुमान है कि पिछले वर्ष के दौरान देश में कुल ईवी बिक्री लगभग 10 लाख इकाई रही. आर्थिक समीक्षा में यह भी कहा गया है, ‘ईवी उद्योग 2030 तक पांच करोड़ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेगा. सरकार ने इस क्षेत्र को समर्थन के लिए कई कदम उठाए हैं.’

31 Jan 2023 16:36 (IST)

देश में 2030 तक हर साल बिकेंगे एक करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन : आर्थिक समीक्षा

भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार के 2030 तक एक करोड़ इकाई सालाना तक बढ़ने की उम्मीद है. साथ ही ईवी उद्योग में पांच करोड़ प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने का अनुमान है. संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2022-23 में यह जानकारी दी गई है. आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि बिक्री के मामले में भारत पिछले महीने यानी दिसंबर, 2022 में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया.

31 Jan 2023 16:23 (IST)

2023 तक 154 विनिवेश सौदों से करीब 4.07 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, एयर इंडिया का निजीकरण होने से सार्वजनिक परिसंपत्तियों की विनिवेश पहल में नई जान आई. साक्ष्यों के हवाले से कहा गया है कि 1990-2015 के दौरान विनिवेश वाले सार्वजनिक उद्यमों की श्रम उत्पादकता और कुल सक्षमता में सुधार हुआ है. समीक्षा के मुताबिक, ‘वित्त वर्ष 2014-15 से लेकर 18 जनवरी, 2023 तक 154 विनिवेश सौदों से करीब 4.07 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई है. इसमें से 3.02 लाख करोड़ रुपये अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री से मिले जबकि 69,412 करोड़ रुपये 10 केंद्रीय उपक्रमों में रणनीतिक विनिवेश से आए हैं.’

31 Jan 2023 16:22 (IST)

विनिवेश से नौ साल में 4.07 लाख करोड़ रुपये जुटाए गएः आर्थिक समीक्षा

पिछले नौ साल में सरकार ने निजी क्षेत्र को विकास में अपना साझेदार बनाने के साथ ही विनिवेश प्रक्रिया से करीब 4.07 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं. आर्थिक समीक्षा 2022-23 में विनिवेश के बारे में यह आकलन पेश किया गया है. संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित विनिवेश लक्ष्य का 48 प्रतिशत ही हासिल किया जा सका है. गत 18 जनवरी तक विनिवेश से 31,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया गया है जबकि बजट में इसका अनुमान 65,000 करोड़ रुपये का है.

31 Jan 2023 14:57 (IST)

10 फरवरी तक पूरी हो जाएगी राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर चर्चा

न्यूज एजेंसी एएनाई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आलोकसभा व्यापार सलाहकार समिति की बैठक में आज सभी दलों ने सरकार से सदन को 13 फरवरी के बजाय 10 फरवरी को स्थगित करने का आग्रह किया है. राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट की प्रस्तुति पर चर्चा 10 फरवरी तक समाप्त हो जाएगी.

31 Jan 2023 14:37 (IST)

Budget 2023: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने की टिप्पणी

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ती हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार अपना अगला चुनाव अभियान उनके माध्यम से चला रही है. पूरा भाषण एक चुनावी भाषण था जो सरकार द्वारा किए गए हर काम के लिए उसकी प्रशंसा करने की कोशिश कर रहा था और उन चीजों को छोड़ रहा था जो उसने इतना अच्छा नहीं किया.

31 Jan 2023 14:17 (IST)

Budget 2023: अभिभाषण पर चर्चा के दौरान , हम रखेंगे अपना विचारः अधीर रंजन चौधरी

लोकसभा में सदन विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण दोहराता है कि सरकार क्या चाहती है और क्या करती है. स्वाभाविक रूप से, राष्ट्रपति सरकार का बयान प्रस्तुत करते हैं. फिर भी, हम राष्ट्रपति के अभिभाषण का सम्मान करते हैं. जब सदन में अभिभाषण पर चर्चा होगी, हम अपना विचार रखेंगे.

31 Jan 2023 14:15 (IST)

Budget 2023: राष्ट्रपति के अभिभाषण को फारूक अब्दुल्ला ने बताया अच्छा

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कांफ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला ने टिप्पणी की. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण को अच्छा बताया. उन्होंने कहा कि यह अच्छा था. अच्छा संबोधन था.

31 Jan 2023 13:54 (IST)

Budget 2023: भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आप पर कसा तंज

आम आदमी पार्टी द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि वो हमेशा बॉयकॉट करते आये हैं. वो देश के विकास का बॉयकाट कर रहे हैं. जनता सब देख रही है.

31 Jan 2023 13:51 (IST)

Budget 2023: मनोज तिवारी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर की टिप्पणी

भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि  आज अभिभषण में बड़ी बात है की हम अपनी देशों की समस्या के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म हुई हम अब दूसरे देशों की मदद कर रहे हैं. बहुत जल्द हम विकसित देश बनने की कगार पर हैं.

31 Jan 2023 13:33 (IST)

Budget 2023: निजी खपत को नहीं कम किया जा सकता

आर्थिक समीक्षा में बताया गया कि चालू वित्त वर्ष के लिए 6.8 प्रतिशत की मुद्रास्फीति इतनी अधिक नहीं है कि निजी खपत को कम कर सके या इतनी कम नहीं है कि निवेश में कमी आए.

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राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार नवोन्मेष और उद्यमिता पर काफी बल दे रही है. इससे दुनिया की सबसे युवा आबादी वाले हमारे देश की ताकत का सही उपयोग हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘आज हमारे युवा अपने नवोन्मेष की ताकत दुनिया को दिखा रहे हैं. देश 2015 में वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक में 81वें स्थान पर था. अब हम 40वें स्थान पर आ गये हैं. सात साल पहले जहां देश में कुछ सौ पंजीकृत स्टार्टअप थे, वहीं आज यह संख्या लगभग 90 हजार पर पहुंच गयी है.’

उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और धारा 370 हटाने जैसे फैसले से यह साबित होता है कि मेरी सरकार एक निर्णायक सरकार है. राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सदन के सदस्यों को संबोधित कर रहे हैं. बता दें कि राष्ट्रपति के अभिभाषण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के बाहर मीडिया से ब्रीफिंग की. उन्होंने कहा कि ये बजट ‘पहले देश और पहले नागरिक’ की सोच पर तैयार किया गया है.

यहां पढ़ें बजट सत्र से जुड़े अब तक के अपडेट्स….

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