मुंबई. मुंबई पुलिस ने मंगलवार को कहा कि फर्जी ऑनलाइन नीलामी में मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने वाले ‘बुल्ली बाइ’ ऐप के मामले में मुख्य आरोपी को उत्तराखंड से हिरासत में लिया गया है. आरोपी एक महिला है और वह बेंगलुरु से हिरासत में लिए गए 21 वर्षीय सिविल इंजीनियरिंग छात्र को जानती थी, जिसे 10 घंटे की पूछताछ के बाद मुंबई में दिन के दौरान गिरफ्तार किया गया है.
मुंबई लाए जाने के बाद आरोपी छात्र को बांद्रा मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. पुलिस ने कुमार को 10 दिनों की हिरासत में देने और बेंगलुरु में उसके परिसरों की तलाशी लेने की अदालत से अनुमति मांगी. पुलिस की दलील सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने कुमार को 10 जनवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया और पुलिस को उसके परिसरों की तलाशी लेने की भी अनुमति दे दी.
एक दिन पहले बेंगलुरु से हिरासत में लिए गए गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान विशाल कुमार के रूप में हुई है. मुंबई पुलिस साइबर सेल की डीसीपी रश्मि करंदीकर ने 10 घंटे की पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तारी किया. पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी ‘बुल्ली बाइ’ ऐप से जुड़े तीन खातों को संभाल रहा था. मुंबई साइबर क्राइम की जांच में सामने आया है कि उत्तराखण्ड से हिरासत में ली गई महिला इस घटना की मास्टरमाइंड हो सकती है.
पंजाबी लोगों के नाम पर रखे अकाउंट
समाचार एजेंसी एएनआई ने मुंबई पुलिस के हवाले से कहा, “कुमार ने Khalsa Supremacist के नाम से एक खाता खोला. 31 दिसंबर को उसने अन्य खातों के नाम बदलकर सिख नामों से मिलते-जुलते नाम रख दिए. इस तरह से नकली खालसा खाताधारकों को दिखाया गया.” दरअसल, पंजाबी लोगों के नाम जानबूझकर रखे गए, ताकि एजेंसियों को लगे कि ये ऐप डेवलप करने वाले पंजाबी हैं.
इंजीनियरिंग छात्र को इंस्टाग्राम के जरिए महिला ने ‘बुली बाई’ ऐप से जोड़ा
विशाल कुमार जिसे बेंगलुरु से पकड़ा गया है, उसकी और उत्तराखंड की महिला की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिये हुई थी. विशाल से उत्तराखंड की महिला ने सोशल मीडिया पर इंस्टाग्राम के जरिये पहले गहरी दोस्ती की और बाद में उसे ‘बुल्ली बाइ’ ऐप से जोड़ा. उत्तराखंड की महिला के साथ एक और लड़के की दोस्ती है जो अब भी फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है.
क्या था ‘बुल्ली बाइ’ ऐप का मकसद
अब तक की जांच से जो सामने आया है उसके मुताबिक उत्तराखंड की महिला ने फरार आरोपी के साथ मिल कर फैंटेसी के लिए ये ‘बुल्ली बाइ’ ऐप डेवलप किया और मुस्लिम समाज की प्रतिष्ठित लड़कियों और महिलाओं के फोटो सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक जैसे हैंडल से डाउन लोड करके उन्हें ‘बुल्ली बाइ’ ऐप पर अपलोड कर दिया. इस मामले का मास्टर माइंड क्या और भी कोई है, कितने और लोग इस महिला के इस आईटी गैंग में शामिल हैं… इन तमाम चीजों कि जांच मुंबई साइबर सेल कर रही है.
दिल्ली पुलिस 1 जनवरी को दर्ज की थी एफआईआर
दिल्ली पुलिस ने मेजबान मंच ‘गिटहब’ के ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड किए जाने की शिकायत मिलने के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ एक जनवरी की रात को प्राथमिकी दर्ज की थी. मुंबई साइबर पुलिस थाने ने भी ऐप को विकसित करने वालों और इसे प्रोत्साहित करने वाले ट्विटर हैंडल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था.
गौरतलब है कि सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें ‘बुल्ली बाइ’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए सूचीबद्ध किया गया. इससे पहले पिछले साल जुलाई में भी दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने ऐसा एक मामला दर्ज किया था. तब भी एक अज्ञात समूह द्वारा ‘सुल्ली डील्स’ मोबाइल ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें साझा करने के बारे में इस तरह की शिकायत दर्ज की गयी थी.
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