(राका मुखर्जी)
काफी समय से एक चर्चा सुनने में आती है कि क्या वास्तव में गोमूत्र से कैंसर का इलाज संभव है? मेडिकल एंड पीडियाट्रिक ऑन्कॉलजी के एसोसिएट प्रोफेसर वेंकटरमन राधाकृष्णन ने Quora पोस्ट में इस साल जनवरी में इसका उत्तर दिया. उन्होंने इस पोस्ट में कहा कि
गोमूत्र पीने से कैंसर का इलाज संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि मैंने और मेरे साथी ऑन्कॉलजिस्ट ने अभी तक एक भी ऐसा कैंसर का मरीज़ नहीं देखा जिसने सिर्फ गोमूत्र पिया हो और उसका कैंसर ठीक हो गया हो.
हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया के एक आर्टिकल में छपा था कि गुजरात के जूनागढ़ विश्वविद्यालय के बायोटेक्नॉलजी के वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया है कि वो गोमूत्र से कैंसर का इलाज करने में सफल हो गए हैं. हालांकि उनके इस दावे की पुष्टि वास्तविक वैज्ञानिक जांच से नहीं हुई है.
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दिल्ली में ऑन्कॉल्जिस्ट डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि बिना प्रयोग और उसकी सफलता के किसी चीज़ को कैंसर का इलाज नहीं माना जा सकता. कैंसर का इलाज अभी कीमोथिरैपी ही है.
मेडिकल के क्षेत्र में 20 साल का अनुभव रखने वाले डॉ. अमित का कहना है कि मेरे साथी डॉक्टर भी कैंसर जैसे इलाज के लिए किसी वैकल्पिक इलाज का प्रयोग करने से बचते हैं क्योंकि इसमें काफी खतरा होता है.
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राधाकृष्णन ने लिखा कि गोमूत्र आदमी के मूत्र से अलग नहीं है. इसमें 95 फीसदी पानी के अलावा सोडियम, पोटेशियम, फास्फोरस और क्रेटिनिन जैसे खनिज होते हैं. इनमें से कोई भी कैंसर-रोधी तत्व नहीं है. उन्होंने कहा कि गोमूत्र खेतों में डालने वाली चीज़ है ताकि उन्हें उपजाऊ बनाया जा सके, न कि इसे बोतल में भरकर कैंसर की दवा के रूप में बेचना चाहिए.
ट्विटर पर और भी लोगों ने इसका विरोध किया और कहा कि कैंसर जैसी भयानक बीमारी के लिए इस तरह के भ्रम फैलाना अच्छी बात नहीं है.
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Tags: Cow, Cow vigilance
FIRST PUBLISHED : July 04, 2018, 09:30 IST