सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने को देश 250 गांवों में शुरू किया था खास प्रोग्राम, जानें किन राज्यों के किसानों की कितनी बढ़ी आय

किसानों की आय बढ़ाने को देश 250 गांवों में शुरू किया था खास प्रोग्राम-संकेतिक फोटाेे
केन्द्र सरकार (Central government) द्वारा किसानों (Farmers) की आय (Income) दोगुनी करने के लिए ‘द फार्मर फर्स्ट’ (The farmer first) प्रोग्राम शुरू किया गया था. इसमें देशभर के 50 हजार किसानों को शामिल किया गया था.
- News18Hindi
- Last Updated: January 28, 2021, 4:52 PM IST
नई दिल्ली. केन्द्र सरकार (Central government) द्वारा किसानों (Farmers) की आय (Income) दोगुनी करने के लिए शुरू किए गए ‘द फार्मर फर्स्ट’ (The farmer first) के तहत सबसे अधिक उत्पादन उत्तराखंड में सब्जियों में 233 फीसदी हुआ है, वहीं गुजरात के किसानों की आय में 167 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. कई ऐसे राज्य भी हैं, जहां आय में बढ़ोत्तरी 100 से कम हुई है.
द फार्मर फर्स्ट ‘The Farmer First’ प्रोग्राम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) ने शुरू किया था, इसमें 20 राज्यों के 250 गांवों के 50 हजार किसानों (Farmers) को शामिल किया गया. प्रोग्राम के तहत पूसा के वैज्ञानिकों ने कृषि, बागवानी, डेयरी और पोल्ट्री फार्म में किसानों की मदद की. जिससे उत्पादन बढ़ा और आय में भी इजाफा हुआ है. इसी आधार पर पूसा से किसानों की आय और उत्पादन से संबंधित रिपोर्ट जारी की है.
जानें राज्यों और किसानों की आय में बढ़ोत्तरी
द फार्मर फर्स्ट ‘The Farmer First’ प्रोग्राम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) ने शुरू किया था, इसमें 20 राज्यों के 250 गांवों के 50 हजार किसानों (Farmers) को शामिल किया गया. प्रोग्राम के तहत पूसा के वैज्ञानिकों ने कृषि, बागवानी, डेयरी और पोल्ट्री फार्म में किसानों की मदद की. जिससे उत्पादन बढ़ा और आय में भी इजाफा हुआ है. इसी आधार पर पूसा से किसानों की आय और उत्पादन से संबंधित रिपोर्ट जारी की है.
जानें राज्यों और किसानों की आय में बढ़ोत्तरी
उत्तराखंड- प्रोग्राम में नैनीताल और देहरादून जिले के 26 गांवों के 1038 किसानों को शामिल किया गया. करीब 100 फीसदी पोल्ट्री फार्म में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. इसके साथ ही 251 हेक्टेयर में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सब्जियों के उत्पादन का किया गया, जिससे उत्पादन और आय में 233 फीसदी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई.
गुजरात- अम्रेली और नवसारी जिले 7 गांवों के 4280 किसानों को शामिल किया गया. यहां पर किसानों की औसत आय 167 फीसदी बढ़ी.
जम्मू-कश्मीर- साम्बा जिले के 12 गांव के कुल 778 किसानों को शामिल किया गया. 713 हेक्टेयर जमीन पर खेती परंपरागत तकनीक के बजाए आधुनिक तकनीक कराई गई और किसानों की आय में 100 फीसदी का इजाफा हुआ है.
राजस्थान- जोधपुर और टोंक जिले 10 गांवों के 2092 किसानों के 3517 हेक्टेयर जमीन पर कृषि में वैज्ञानिकों द्वारा मदद की गई. इससे किसानों की आय में औसतन 81 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है.
उत्तर प्रदेश- लखनऊ, वाराणसी, झांसी, फतेहपुर, मुजफ्फरनगर, कानपुर, मेरठ जिले के 20 गांवों के 3408 किसानों को शामिल किया गया. 2172 हेक्टेयर में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया, किसानों की औसत आय में 54 फीसदी बढ़ोत्तरी की हुई है.
पंजाब- बरनाला, संगरूर और नवाशहर के 13 गांवों के 1999 किसानों को शामिल किया गया। पूसा के प्रोग्राम से 69 फीसदी उत्पादन बढ़ा.
मध्य प्रदेश- बालाघाट और जबलपुर में वैज्ञानिकों की मदद से चिन्नौर प्रजाति के चावल का उत्पादन 50 हजार क्विंटल तक पहुंचाया गया. यहां वैज्ञानिकों ने किसानों की उत्पादन, प्रोसेस और मार्केटिंग में सहायता की.
हरियाणा- गांव गुराना, हिसार में वैज्ञानिकों की मदद से गुलाब सिंह ने मधुमक्खी पालन किया. 45 बाक्स में 6 कुंलत शहद का उत्पादन करके 60 हजार रुपए की कमाई.
छत्तीसगढ़- रायपुर के जनजातीय इलकों में कड़कनाथ किसानों के ग्रुप को मदद दी गई। मुर्गों के 105 से 120 दिन के बीच 1.10 किग्रा वजन हो गया. बाजार में 700 से 800 रुपए किलो बिका. कमाई 80 से 90 हजार रुपए प्रति वर्ष हुई.
झारखंड- गांव मालती, रांची के किसान महावीर लाकरा ने 6 एकड़ में धान खरीफ के दौरान धान, सब्जी और फल बोए। इससे अतिरिक्त कमाई 1.48 लाख रुपए हुई.
महाराष्ट्र- वैज्ञानिकों ने अहमदनगर जिले के दो गांव के 750 किसानों की 477 हेक्टेयर खेती में मदद की. चिनच्वीहरे गांव की किसान सविता वैभव नालकर बागवानी और दुग्ध उत्पादन से 2.5 हेक्टेयर जमीन पर करीब पर एक साल में 9.85 लाख रुपए का मुनाफा कमाया.