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सुप्रीम कोर्ट को मिले 5 नए न्यायाधीश, कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र सरकार की हरी झंडी

जब ये न्यायाधीश अगले सप्ताह की शुरुआत में पद की शपथ लेंगे, तो शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 32 हो जाएगी. (File Photo)

जब ये न्यायाधीश अगले सप्ताह की शुरुआत में पद की शपथ लेंगे, तो शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 32 हो जाएगी. (File Photo)

Supreme Court : जब ये न्यायाधीश अगले सप्ताह की शुरुआत में पद की शपथ लेंगे, तो शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 32 ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कॉलेजियम की ओर से पिछले साल 13 दिसम्बर को अनुशंसित नामों को केंद्र सरकार की मंजूरी के साथ ही शीर्ष अदालत को शनिवार को पांच नये न्यायाधीश मिल गये. कानून मंत्री किरेन रीजीजू (Kiren Rijiju) ने राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्तल, पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी वी संजय कुमार, पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह; और इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के न्यायाधीश मनोज मिश्रा को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किये जाने की ट्वीट के जरिये घोषणा की.

जब ये न्यायाधीश अगले सप्ताह की शुरुआत में पद की शपथ लेंगे, तो शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 32 हो जाएगी. फिलहाल शीर्ष अदालत में भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) सहित 27 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जबकि सीजेआई सहित इसकी स्वीकृत संख्या 34 है.

किरेन रिजीजू ने किया ये ट्वीट

ये नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ द्वारा कॉलेजियम की सिफारिशों के बावजूद न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण में सरकार की ओर से देरी पर कड़ी टिप्पणियों के बीच आई हैं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इन पांच नियुक्तियों का पीठ की टिप्पणी से कोई लेना-देना नहीं है और ये नियुक्तियां केंद्र द्वारा सुविचारित निर्णय के बाद की गई हैं. ऐसा रहा है इन पांच जजों का करियर-

जस्टिस पंकज मित्तल- वर्ष 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और मेरठ कॉलेज से एलएलबी पास करने के बाद, न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने 1985 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की. जनवरी 2021 में, उन्हें जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था.

जस्टिस संजय करोल- जस्टिस करोल को 11 नवंबर, 2019 को पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. इससे पहले, उन्होंने त्रिपुरा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कार्य किया था. जस्टिस करोल ने त्रिपुरा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पैट्रन-इन-चीफ के साथ-साथ त्रिपुरा ज्यूडिशियल अकेडमी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. करोल का जन्म 23 अगस्त 1961 को शिमला में हुआ था.

जस्टिस पीवी संजय कुमार- जस्टिस कुमार ने 2021 में मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और इससे पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के जस्टिस थे. उनका जन्म 14 अगस्त, 1963 को आंध्र प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता (1969 से 1982) स्वर्गीय श्री पी. रामचंद्र रेड्डी के घर हुआ था.

जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह- 20 जून, 2011 को जस्टिस अमानुल्लाह को पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और फिर 10 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया गया. फिर उन्हें पिछले साल 20 जून को पटना हाई कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया. अमानुल्लाह का जन्म 11 मई, 1963 को हुआ था और 27 सितंबर, 1991 को बिहार स्टेट बार काउंसिल में उनका नामांकन हुआ था.

जस्टिस मनोज मिश्रा- जस्टिस मिश्रा ने 1988 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून में ग्रेजुएट किया और 12 दिसंबर 1988 को एक वकील के रूप में नामांकित हुए. इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दीवानी, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक पक्षों की प्रैक्टिस करने के बाद, उन्हें 21 नवंबर 2011 को अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. उन्होंने 06 अगस्त, 2013 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. (भाषा के इनपुट सहित)

Tags: Central government, Collegium, Supreme Court

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